ज्यादातर महिलाएं बालों को सुंदर बनाए रखने के लिए रोज शैंपू करती हैं. उन का विश्वास होता है कि प्रतिदिन शैंपू करने से बालों की सुंदरता बनी रहती है. लेकिन महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कुछ शैंपू बालों को बहुत हानि पहुंचाते हैं क्योंकि उन में कैमिकल्स मिले होते हैं, जो बालों को समय से पहले सफेद कर उन की जड़ों को कमजोर कर देते हैं. परिणामस्वरूप बाल तेजी से झड़ने लगते हैं.
प्रतिदिन बालों में शैंपू करें या नहीं
औयली स्कैल्प होने पर प्रतिदिन शैंपू करने से लाभ होता है, क्योंकि शैंपू में मौजूद तत्त्व बालों के प्राकृतिक प्रोटीन को सुरक्षित रखने के साथसाथ बालों को स्वच्छ रखने में भी सहायता करते हैं. लेकिन शैंपू में मिले कैमिकल्स बालों को हानि पहुंचाते हैं. शैंपू के कारण स्कैल्प से अधिक औयल बाहर नहीं आता क्योंकि शैंपू औयल को रोक देता है. ध्यान रखें कि प्रतिदिन इस्तेमाल किया जाने वाला शैंपू बालों को साफ करने के साथसाथ उन्हें पोषण देने वाला भी हो. यदि महिला का आहार पौष्टिक व संतुलित नहीं होगा तो उस का स्वास्थ्य भी संतुलित नहीं होगा और उस के बाल भी स्वस्थ व सुंदर नहीं होंगे. आहार में प्रोटीन की मात्रा कम होने पर भी बाल विकृत होने लगते हैं. यही नहीं, उन का रंग भी परिवर्तित होने लगता है.
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स्कैल्प के अनुसार चुनें शैंपू
चिकित्सा विशेषज्ञ बालों की प्रकृति के अनुसार शैंपू का चुनाव करने की सलाह देते हैं. शैंपू से स्कैल्प स्वच्छ बनी रहती है और बालों की जड़ों को पोषक तत्त्व मिलते हैं, जिन से बालों की चमक बनी रहती है और उन का टूटना भी कम होता है. बालों को लंबा, घना और काला बनाए रखने के लिए स्कैल्प की प्रकृति को जानना आवश्यक होता है. स्कैल्प की प्रकृति के अनुसार शैंपू का इस्तेमाल करें. प्रतिदिन शैंपू करें या नहीं इस का पता भी स्कैल्प की प्रकृति से चलता है. औयली स्कैल्प के कारण बालों में जल्दी औयल आ जाता है. शरीर में हारमोनल परिवर्तन, मानसिक तनाव के कारण भी स्कैल्प औयली हो जाती है. बारबार कंघी करने से भी वह औयली हो सकती है. उस के औयली होने पर बाल पतले हो जाते हैं. औयली स्कैल्प होने पर विशेषज्ञ प्रतिदिन शैंपू करने की सलाह देते हैं. लेकिन कंडीशनर न लगाएं. कंडीशनर लगाने से बालों पर जल्दी औयल आ जाता है. यदि किसी कारण से कंडीशनर लगाना आवश्यक हो तो कंडीशनर वाले शैंपू का इस्तेमाल कर सकती हैं. स्कैल्प की प्रकृति औयली न हो तो प्रतिदिन शैंपू इस्तेमाल करने से बालों को हानि पहुंचती है.
स्कैल्प की प्रकृति का पता लगाने के बाद विशेषज्ञ के परामर्श से उचित शैंपू का चुनाव करें. कैमिकल मिले शैंपू का इस्तेमाल करने से हानि की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए प्राकृतिक प्रोडक्ट्स वाले शैंपू का ही इस्तेमाल करें. शैंपू के प्राकृतिक इन्ग्रीडिएंट्स से बालों को प्रोटीन मिलता है. विशेषज्ञों के अनुसार, बालों की प्रकृति के अनुसार अलगअलग किस्म के शैंपू इस्तेमाल करें. शैंपू में आंवला, हरड़, पलाश, चने आदि का समावेश हो. चने का मिश्रण बालों को प्रोटीन देता है. आंवले से बाल जड़ों से मजबूत होते हैं और काले बने रहते हैं. मेहंदी से भी बालों का स्वास्थ्य संतुलित रहता है. हरड़ बालों को इन्फैक्शन से सुरक्षित रखती है.
औयली स्कैल्प का उपचार
औयली स्कैल्प की सुरक्षा के लिए बालों को शैंपू से साफ करना ही पर्याप्त नहीं होता. कुछ दूसरी बातों पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है. यानी ऐसे शैंपू का चुनाव करें जो बालों की वृद्धि में भी सहायता करे. शैंपू करने के बाद बालों को अच्छी तरह सुखाना जरूरी होता है. बालों को पानी से अच्छी तरह धो कर तौलिए से जड़ों के पानी को जरूर सुखाएं. जड़ों में पानी की बूंदें रह जाने के कारण बाल सफेद होने लगते हैं. शैंपू का कुछ अंश बालों की जड़ों में रह जाने पर बाल औयली हो सकते हैं. शैंपू बालों की जड़ों में पोरों से सर्कुलर मोशन में लगाएं और फिर करीब 3 मिनट तक लगा रहने के बाद बालों को धो लें. सर्द मौसम में बालों को कुनकुने पानी से ही धोएं, क्योंकि ज्यादा अधिक गरम पानी से धोने पर बालों के साथसाथ मस्तिष्क को भी हानि पहुंचती है.