हैल्दी हेयर के लिए जानें कब और कैसे धोएं शैंपू से बाल

ज्यादातर महिलाएं बालों को सुंदर बनाए रखने के लिए रोज शैंपू करती हैं. उन का विश्वास होता है कि प्रतिदिन शैंपू करने से बालों की सुंदरता बनी रहती है. लेकिन महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कुछ शैंपू बालों को बहुत हानि पहुंचाते हैं क्योंकि उन में कैमिकल्स मिले होते हैं, जो बालों को समय से पहले सफेद कर उन की जड़ों को कमजोर कर देते हैं. परिणामस्वरूप बाल तेजी से झड़ने लगते हैं.

प्रतिदिन बालों में शैंपू करें या नहीं

औयली स्कैल्प होने पर प्रतिदिन शैंपू करने से लाभ होता है, क्योंकि शैंपू में मौजूद तत्त्व बालों के प्राकृतिक प्रोटीन को सुरक्षित रखने के साथसाथ बालों को स्वच्छ रखने में भी सहायता करते हैं. लेकिन शैंपू में मिले कैमिकल्स बालों को हानि पहुंचाते हैं. शैंपू के कारण स्कैल्प से अधिक औयल बाहर नहीं आता क्योंकि शैंपू औयल को रोक देता है. ध्यान रखें कि प्रतिदिन इस्तेमाल किया जाने वाला शैंपू बालों को साफ करने के साथसाथ उन्हें पोषण देने वाला भी हो. यदि महिला का आहार पौष्टिक व संतुलित नहीं होगा तो उस का स्वास्थ्य भी संतुलित नहीं होगा और उस के बाल भी स्वस्थ व सुंदर नहीं होंगे. आहार में प्रोटीन की मात्रा कम होने पर भी बाल विकृत होने लगते हैं. यही नहीं, उन का रंग भी परिवर्तित होने लगता है.

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स्कैल्प के अनुसार चुनें शैंपू

चिकित्सा विशेषज्ञ बालों की प्रकृति के अनुसार शैंपू का चुनाव करने की सलाह देते हैं. शैंपू से स्कैल्प स्वच्छ बनी रहती है और बालों की जड़ों को पोषक तत्त्व मिलते हैं, जिन से बालों की चमक बनी रहती है और उन का टूटना भी कम होता है. बालों को लंबा, घना और काला बनाए रखने के लिए स्कैल्प की प्रकृति को जानना आवश्यक होता है. स्कैल्प की प्रकृति के अनुसार शैंपू का इस्तेमाल करें. प्रतिदिन शैंपू करें या नहीं इस का पता भी स्कैल्प की प्रकृति से चलता है. औयली स्कैल्प के कारण बालों में जल्दी औयल आ जाता है. शरीर में हारमोनल परिवर्तन, मानसिक तनाव के कारण भी स्कैल्प औयली हो जाती है. बारबार कंघी करने से भी वह औयली हो सकती है. उस के औयली होने पर बाल पतले हो जाते हैं. औयली स्कैल्प होने पर विशेषज्ञ प्रतिदिन शैंपू करने की सलाह देते हैं. लेकिन कंडीशनर न लगाएं. कंडीशनर लगाने से बालों पर जल्दी औयल आ जाता है. यदि किसी कारण से कंडीशनर लगाना आवश्यक हो तो कंडीशनर वाले शैंपू का इस्तेमाल कर सकती हैं. स्कैल्प की प्रकृति औयली न हो तो प्रतिदिन शैंपू इस्तेमाल करने से बालों को हानि पहुंचती है.

स्कैल्प की प्रकृति का पता लगाने के बाद विशेषज्ञ के परामर्श से उचित शैंपू का चुनाव करें. कैमिकल मिले शैंपू का इस्तेमाल करने से हानि की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए प्राकृतिक प्रोडक्ट्स वाले शैंपू का ही इस्तेमाल करें. शैंपू के प्राकृतिक इन्ग्रीडिएंट्स से बालों को प्रोटीन मिलता है. विशेषज्ञों के अनुसार, बालों की प्रकृति के अनुसार अलगअलग किस्म के शैंपू इस्तेमाल करें. शैंपू में आंवला, हरड़, पलाश, चने आदि का समावेश हो. चने का मिश्रण बालों को प्रोटीन देता है. आंवले से बाल जड़ों से मजबूत होते हैं और काले बने रहते हैं. मेहंदी से भी बालों का स्वास्थ्य संतुलित रहता है. हरड़ बालों को इन्फैक्शन से सुरक्षित रखती है.

औयली स्कैल्प का उपचार

औयली स्कैल्प की सुरक्षा के लिए बालों को शैंपू से साफ करना ही पर्याप्त नहीं होता. कुछ दूसरी बातों पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है. यानी ऐसे शैंपू का चुनाव करें जो बालों की वृद्धि में भी सहायता करे. शैंपू करने के बाद बालों को अच्छी तरह सुखाना जरूरी होता है. बालों को पानी से अच्छी तरह धो कर तौलिए से जड़ों के पानी को जरूर सुखाएं. जड़ों में पानी की बूंदें रह जाने के कारण बाल सफेद होने लगते हैं. शैंपू का कुछ अंश बालों की जड़ों में रह जाने पर बाल औयली हो सकते हैं. शैंपू बालों की जड़ों में पोरों से सर्कुलर मोशन में लगाएं और फिर करीब 3 मिनट तक लगा रहने के बाद बालों को धो लें. सर्द मौसम में बालों को कुनकुने पानी से ही धोएं, क्योंकि ज्यादा अधिक गरम पानी से धोने पर बालों के साथसाथ मस्तिष्क को भी हानि पहुंचती है. 

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जानें क्या है नेल्स की हैल्थ का राज

सोचिए आप फ्रैंड की मैरिज में जाने के लिए बिलकुल रेडी हो, सब कुछ मैचिंग का और आप भी अपने इस अलग लुक में काफी गॉर्जियस लग रही हो. लेकिन जैसे ही आपकी उंगली आपके नाखून पर लगी तो एकदम से आपका नेल्स टूट गया. ऐसे में आखिरी समय में आपके पास कोई ओप्शन नहीं बचा है. बस आप अपना दिल छोटा कर वहां चली तो जाएंगी, लेकिन सारा ध्यान आपका अपने टूटे हुए नेल्स पर ही टिका रहेगा. और आप बस मन ही मन यही सोचेगी कि मैंने तो मैचिंग की नेलपौलिश व नेलआर्ट से अपने हाथों को खूबसूरत लुक दिया था, लेकिन मेरी मेहनत पर तो पानी फिर गया. अब तो मैं खुल कर अपने हाथों को भी सबके सामने नहीं ला पाऊंगी. तो ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ कि आपने अपने नेल्स की सिर्फ बाहरी सुंदरता को बढ़ाने पर ध्यान दिया, और उसकी हैल्थ को पूरी तरह इग्नोर किया. जिस कारण वे कमजोर होने के कारण टूट गए. लेकिन अब परेशान होने से नहीं बल्कि नेल्स को हैल्दी व शाइनी बनाने पर ध्यान देना है. ताकि आपके नेल्स का अट्रैक्शन इस कदर बढ़ जाए कि सब उसे देखते ही रह जाएं , नज़रें उस पर से हटे ही नहीं, फिर चाहे आपने अपने नेल्स को रंगा हो या नहीं. तो जानते हैं कैसे नेल्स को बनाएं हैल्दी व शाइनी.

1. नेल मसाज

क्यूटिकल आयल मार्केट से आपको आसानी से मिल जाएगा. ये एक ऐसा प्रोडक्ट है , जो आपके नेल्स व क्यूटिकल्स को मॉइस्चरिजे करके नेल्स की हैल्थ का खास ध्यान रखने का काम करता है. क्योंकि ये वेजिटेबल आयल, विटामिन्स व सिट्रिक एसिड से मिलकर बनता है. जो नेल्स को पोषण देकर उन्हें शाइनी भी बनाए रखता है. क्योंकि जब नेल्स व उसके आसपास की स्किन ड्राई रहती है तो न तो वो सुंदर दिखते हैं और डॉयनेस धीरेधीरे नेल्स को कमजोर करके उन्हें तोड़ने का भी काम करती है. इसके लिए जरूरी है क्यूटिकल आयल से नेल्स व आसपास मसाज करने की.

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कैसा हो क्यूटिकल आयल- आयल थिन हो, ताकि उसे स्किन में एब्सॉर्ब होने में आसानी हो. जो भी क्यूटिकल आयल खरीदें, उसमें जोजोबा आयल, एन्टिओक्सीडैंट्स प्रोपर्टीज , विटामिन इ, व सिट्रिक एसिड जरूर हो. ताकि वो नेल्स को डीप नौरिश करके उनकी ग्रोथ को बढ़ाने व शाइन को वापिस लौटाने में मददगार हो.

2. मैनीक्योर से एक्सफोलिएट करें

अकसर हम यही सोचते हैं कि सिर्फ स्किन की क्लीनिंग ही जरूरी होती है. लेकिन हम आपको बता दें कि स्किन के साथसाथ नेल्स को भी क्लीन करते रहना जरूरी होता है, वरना वे केयर के अभाव में टूटने व पीले पड़ने शुरू हो जाते हैं. क्योंकि जब नेल्स पर डेड स्किन जमा हो जाती है , तो वो डल नजर आने के साथसाथ उनके टूटने के चांसेस काफी बढ़ जाते हैं. जबकि मैनीक्योर से डेड स्किन सेल्स निकलने से न्यू स्किन सेल्स की ग्रोथ होती है. जो हैल्दी , स्ट्रौंग नेल्स के लिए बहुत जरूरी है. मैनीक्योर करने के लिए मसाज लोशन, माइल्ड स्क्रब, हैंड क्रीम, क्यूटिकल रिमूवर आदि की जरूरत होती है. आपको इसके लिए पार्लर जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप मार्केट से मैनीक्योर किट खरीद कर घर पर खुद से कर सकती हैं. अगर आप स्किन केयर रूटीन में इसे भी शामिल कर लेती हैं तो कुछ ही दिनों में आपके नेल्स स्ट्रौंग व चमक उठेंगे.

3. नेल्स को भी दें थोड़ा स्पेस

अधिकांश लड़कियों व महिलाओं की ये हैबिट होती है कि वे नेल्स को हमेशा रंगे ही रखती हैं. यहां तक कि एक नेल पेंट के ऊपर दूसरा नेलपेंट लगाने से भी नहीं हिचकती हैं. जबकि आपको बता दें कि ऐसा करने से नेल्स की हैल्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. क्योंकि इससे नेल पीले व हार्ड होकर अपनी नेचुरल साफ्टनेस खोने लगते हैं. इसलिए उन्हें हवा लगाना बहुत जरूरी होता है. इसलिए जब भी आप नेलपेंट उतारे तो 2 – 3 दिन बाद ही दूसरा नेलपेंट लगाएं.

4. बेस कोड से दें प्रोटेक्शन

अगर आपका लाइफस्टाइल बहुत बिजी है और आपके पास मैनीक्योर करने का टाइम नहीं है तो आप मार्केट में मिलने वाले नेल्स को हाइड्रेट व मजबूती प्रदान करने वाले बेस कोड का इस्तेमाल करें. और अगर आप कमजोर, नाजुक व पीलिंग नेल्स की समस्या से परेशान हैं तो जब भी नेल बेस कोड खरीदें तो देखें कि उसमें केराटिन , विटामिन इ, कैल्शियम, सोया प्रोटीन, कैस्टर आयल जैसे इंग्रेडिएंट्स जरूर होने चाहिए. ये नेल्स को डैमेज होने से बचाकर उन्हें हैल्दी रखने में अहम रोल निभाते हैं. बेस कोड के ऊपर ही हमेशा नेल पेंट लगाएं.

5. ब्रैंडेड नेलपेंट ही हो चोइज

आज जिस तरह से आए रोज फैशन बदलते रहते हैं , उसी तरह नेलपेंट का बाजार भी काफी गरम है. लड़कियों की पसंद को देखते हुए हर तरह के नेल पेंट मार्केट में उपलब्ध है वो भी सस्ते दामों में. ऐसे में बस पसंद आते ही आप सस्ते नेलपेंट न ख़रीद लें, क्योंकि इनमें टोल्यूनि व इससे मिलते जुलते केमिकल्स डाले जाते हैं. जिससे नाखून कमजोर होने के साथसाथ सिरदर्द की भी शिकायत होती है. साथ ही अगर आपको जैल व अक्रिलिक्स नेल पेंट लगाने का शौक है, तो सावधान हो जाएं. क्योंकि इसमें ढेरों केमिकल्स नेल्स की नेचुरल ग्रोथ पर इफेक्ट डालने का काम करते हैं. इसलिए आपका नेलपेंट ऐसा हो, जिसमें केमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल न किया गया हो. केमिकल फ्री नेलपेंट भले ही थोड़ी महंगी होती है, लेकिन नेल्स को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं.

6. नेल बाइट की आदत तो नहीं

अधिकांश लोगों की यह आदत होती है कि वे नाखूनों को नेल कटर से काटने व फाइल करने के बजाह मुंह से ही उन्हें काट देते हैं. जो एक तो उनके तनाव को दर्शाने का काम करता है और दूसरा नाखूनों की शेप खराब होने के साथसाथ उन्हें कमजोर बनाने का भी काम करता है. साथ ही इससे कई बार नेल्स इतने अधिक निकल जाते हैं , कि इससे स्किन को भी नुकसान पहुंच जाता है. सबसे अहम बात कि इससे नेल्स के जरिए पेट में इंफेक्शन होने का भी डर बना रहता है. इसलिए हमेशा नेल कटर से ही नेल्स को काटकर उन्हें फाइलर की मदद से फाइल करें. इससे प्रोपर कट होने के साथसाथ नेल्स की खूबसूरती भी बरकरार रहेगी.

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7. नेल रिमूवर में कहीं एसीटोन तो नहीं

नेल रिमूवर जो नेल पौलिश को रिमूव करने का काम करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें एसीटोन नामक तत्व आपके नेल्स को पीला, कमजोर बनाने के साथसाथ कई बार क्यूटिकल्स ड्राई होने के साथसाथ उनमें से ब्लड भी निकलने लगता है. यहां तक कि इंफेक्शन के चांसेस भी काफी बढ़ जाते हैं. इसलिए एसीटोन नेल रिमूवर के बजाय आपको मार्केट में नोन एसीटोन , नेचुरल व आर्गेनिक नेल रिमूवर मिल जाएंगे, उन्हें ही इस्तेमाल करें. इससे नेल्स हैल्दी भी रहते हैं.

8 . ओमेगा 3 फोर शाइनी नेल्स

हमारी इंटरनल हैल्थ का सीधा असर हमारी स्किन, बालों व नेल्स पर दिखाई देता है. ऐसे में अगर आपके नेल्स ड्राई, उनकी शाइन चली गई है तो आप अपनी डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड को जरूर शामिल करें. क्योंकि ये हैल्दी सेल्स को प्रमोट करने का काम जो करता है. इसके लिए आप अपनी डाइट में फिश, एप्रीकॉट, सोया, अंडे आदि को शामिल कर अपने नेल्स को बनाएं खूबसूरत.

10 TIPS: कोहनी-घुटने के कालेपन से पाएं छुटकारा

हमारे शरीर में त्वचा ऐसी चीज है जिसका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी होती है. इसके अलावा कोहनी और घुटने की त्वचा ऐसी है जो कि काली हो जाती है. ऐसा तभी होता है जब वहां की त्वचा शुष्क हो या मोटी हो. कोहनी, घुटने या टखनों में जब लगातार घर्षण या दबाव होने लगे तो वहां की त्वचा काली पड़ जाती है और हार्मोन्स की कमी, मृत त्वचा कोशिकाओं का बनना, त्वचा की देखभाल न करना भी इसका एक प्रमुख कारण है.

यदि आप चाहते हैं कि बगैर कोई क्रीम या दवा का इस्तेमाल करके कोहनी और घुटने के कालेपन से निजात पा लिया जाए, तो हम आपको बता रहें हैं कुछ आसान घरेलु उपाय जिनसे आप इसका कालापन दूर कर सकती हैं. इन घरेलु उपायों से हटाएं कोहनी और घुटने का कालापन.

1.  दिन में रोज एक बार अपने घुटने और कोहनियों पर ऑलिव ऑयल या नारियल तेल गर्म करके 10 मिनट तक मालिश करें. इससे उसका कालापन दूर होगा.

2. दो चम्मच बेसन में एक चम्मच दही मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे अपने कोहनी और घुटने पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें. 20 मिनट बाद अपने उंगलियों को गीला करके उसे 2 मिनट तक रगड़ें और फिर पानी से धो लें. त्वचा नरम हो जाएगी.

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3. एक चम्मच मक्खन में चुटकी भर हल्दी मिलाकर 10 मिनट के लिए अपने कोहनी और घुटनों पर रगड़ें. उसके बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें. त्वचा कोमल होने लगेगी.

4. हल्दी, शहद और दूध को मिलाकर पेस्ट बनाकर घुटने और कोहनियों पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर गीली उंगलियों से 2 मिनट रगड़ कर फिर पानी से धो लें.

5. एक नींबू के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर अपने कोहनी और घुटने पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर पानी से धो लें.

6. एक चम्मच बेकिंग सोडा में दूध मिलाकर पेस्ट बना लें और कोहनी और घुचनों पर लगाकर धीरे- धीरे रगड़ें. उसके बाद गुनगुने पानी से धो लें.

7. पके हुए पपीते का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर कोहनी और घुटनों पर रगड़ें. इससे त्वचा नरम और कोमल हो जाएगी.

8. ताजा एलोवेरा के पत्तों का रस निकालकर उसे कोहनी और घुटनों पर लगाएं और आधे घंटे के लिए छोड़ दें. फिर गर्म पानी से धो लें.

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9. नहाते समय झांवां से कोहनी और घुटनों की सफाई करें.

10.  रोजाना सनस्क्रीन का प्रयोग करें.

5 टिप्स: सांवली स्किन का ऐसे रखें ख्याल

सांवली स्किन के नाम से ही हम भारतीय अपनी सुंदरता में कमी महसूस करने लगते हैं. कई महिलाएं तो सांवले रंग को लेकर कम्पैरिजन का शिकार हो जाती हैं, जबकि सांवला रंग जयादा आकर्षित करता है. अगर एक ब्यूटीशियन की नजर से देखा जाए तो हर तरह की रंगत खूबसूरत होती है. सिर्फ जरूरत है अपनी स्किन को पहचानने की और उसे संवारने की. आज हम आपको कैसे सांवली स्किन का ख्याल कैसे रखें…

1. सांवली स्किन की देखभाल है जरूरी

रोज सुबह नहाने से पहले 1 चम्मच कच्चा दूध, 1 चुटकी नमक, 2 बूंदें नीबू का रस व 2 बूंदें शहद डाल कर 5 मिनट तक चेहरे पर लगाएं. बाद में साफ पानी से चेहरा धो लें. हफ्ते में 2 बार चंदन व गुलाबजल का फेस पैक जरूर लगाएं. धूप में सांवली स्किन गोरी स्किन से ज्यादा प्रभावित होती है. इसलिए हमेशा सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. किसी अच्छी कंपनी के वाइटनिंग फेस वाश से चेहरे को दिन में 2 बार जरूर धोएं. रात को सोते समय अपनी स्किन के अनुसार वाइटनिंग क्रीम लगाएं.

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2. खाने का रखें ख्याल

दिन में 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं. संतरा, मौसमी, अनन्नास और आंवला जैसे फल अधिक खाएं. विटामिन सी वाली चीजें अधिक इस्तेमाल करें. दिन में 2 बार दूध पीएं. खाली पेट खुली हवा में सैर करें.

3. कपड़ों से भी पड़ता है लुक पर असर

सांवली स्किन वालों को अधिक भड़कीले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. नीला, हरा और पीला रंग कम पहनें. मिक्स रंग भी कम पहनें. हलका गुलाबी, मैरून, आसमानी, हलके जामुनी आदि रंग अधिक पहनें.

लाइट मेकअप से रखें स्किन का ध्यान

हलका फुलका मेकअप करें. अपने चेहरे को पाउडर या फाउंडेशन की मोटी परत से न ढकें. रंग को अधिक गोरा दिखाने वाला फाउंडेशन न लगाएं. गोल्डन आइवरी कलर का फाउंडेशन इस्तेमाल करें. सांवली रंगत पर आंखों में काजल अच्छा लगता है. आईलाइनर और मस्कारा भी जरूर लगाएं. रंगबिरंगा आईलाइनर लगाया जा सकता है पर रंग अधिक शोख नहीं होने चाहिए. ग्रे या भूरे रंग के लेंस भी लगाए जा सकते हैं. ब्लशआन का रंग गाजरी, पीच या गुलाबी होना चाहिए. चेहरा कभी भी रूखा नहीं लगना चाहिए. चेहरे पर मास्चराइजर अवश्य लगाएं. गुलाबी, मैरून या ब्राउन लिपस्टिक अच्छी लगेगी.

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4. बालों का कलर स्किन के हिसाब से चुनें

सांवली स्किन पर बालों का रंग ब्राउन या काला होना चाहिए. बालों को हफ्ते में 2 बार शैंपू से अवश्य धोएं. कंडीशनर करें और बालों में हेयर सीरम लगाएं. बालों की स्ट्रेटनिंग भी करा सकती हैं. इस प्रकार अगर आप सांवलीसलोनी स्किन को संवारती रहें तो आप की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे.

4 टिप्स: बालों में कलर कराते समय ऐसे बरतें सावधानी

बालों में कलर करना आजकल आम बात हो गई है कुछ लोग फैशन के लिए तो कुछ लोग सफेद हो चुके बालों को छुपाने के लिए तरह-तरह के रंगों का प्रयोग करते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक करीब लगभग 75 फीसदी महिलाएं बालों को कलर करती हैं. कलर कराने से कुछ हानियां भी हैं. कलर करने में जरा सी लापरवाही आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है. इस समय बाजार में कई तरह के कलर मौजूद हैं. नेचुरल कलर, टेम्‍परेरी कलर और परमानेंट हेयर कलर. हम आपको बता रहे हैं कि बालों में कलर करने से आपको क्‍या नुकसान हो सकता है और इससे आप कैसे बच सकते हैं.

1. हेयर डाई करते समय एलर्जी का रखें ध्यान

कुछ लोग बालों में डाई लगाते हैं. इससे कुछ लोगों को एलर्जिक रिएक्शन होता है. ये रिएक्शन मामूली असर वाला या फिर गंभीर भी हो सकता है. बालों में कलर करने के बाद यदि आपको सिर की स्किन में मामूली जलन या सनसनाहट महसूस हो तो यह एलर्जी की शुरूआत हो सकती है. अगर कलर करने के बाद आपके माथे, कान, गर्दन के पीछे सूजन और आंखों में जलन की शिकायत होती है तो यह एलर्जी का गंभीर मामला हो सकता है.

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2. हेयर कलरिंग से बचें कैसे

कुछ सावधानी बरत कर बालों में हेयर डाई से हो सकने वाले नुकसान से बच सकते हैं. ऐसा करने से आपके सिर के बाल ज्‍यादा समय तक ठीक रहेंगे. जब भी आप किसी नए ब्रांड को इस्‍तेमाल करें तो पहले उसके बारे में अच्‍छे से जानकारी कर लें. ऐसा देखा गया है कि कई बार कुछ लोग कलर बदलने से एलर्जी का शिकार हुए हैं. कोशिश करें कि आप लगातार एक ही अच्‍छा ब्रांड उपयोग करें.

3. हेयर कलरिंग का टेस्ट करके देखें

एलर्जी से बचने के लिए पैच टेस्ट करके देख लें. पैच टेस्ट, किसी प्रोडक्ट के प्रति आपकी स्किन की संवेदनशीलता के बारे में बतात है. इसके साथ ही आपको एलर्जिक रिएक्शन से भी बचाता है. इसलिए हेयर डाई का मिश्रण बनाते समय लेबल पर दिए गए निर्देशों को पढ़ लें. कान के पीछे का हिस्सा सबसे ज्‍यादा संवेदनशील होता है. यह किसी भी प्रकार के एलर्जिक रिएक्‍शन के लक्षणों को तुरंत दिखाता है. आप रुई के टुकड़े को हेयर डाई के मिश्रण में डुबाकर कान के पीछे लगा लें. इसे 24 घंटे तक लगाकर रखने से आप एलर्जी के प्रकोप से बचे रहेंगे. यदि आप हेयर डाई को निर्धारित समय से ज्‍यादा लगाकर रखते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकती है.

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4. हेयर कलरिंग

अगर आपको एलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा लगता है तो किसी भी परेशानी से बचने के लिए पानी की धार से अपने बालों को धो लें. इससे हेयर कलर आपके बालों से साफ हो जाएगा. अगर फिर भी आपके बालों में कोई केमिकल रह गया है तो आप क्‍लेरिफाइंग शैम्‍पू से इसे हटा सकती हैं.

गरमियों में मेरे बाल बहुत ज्यादा ड्राई और डल होने लगे हैं?

सवाल-

गरमियों में मेरे बाल बहुत ज्यादा ड्राई और डल होने लगे हैं. मैं बहुत सारे अच्छे कंडीशनर, स्पा और शैंपू प्रयोग कर चुकी हूं पर मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ा. बताएं क्या करूं?

जवाब-

त्वचा की तरह हमारे बालों को भी सनस्क्रीन की जरूरत होती है. वैसे तो बाजार में कई हेयर सनस्क्रीन मिलते हैं पर आप इसे घर पर भी बना सकती हैं. नारियल तेल में नीबू का रस मिला कर बहुत ही प्रभावी हेयर सनस्क्रीन बन जाता है, क्योंकि जहां नारियल का तेल बालों को पोषण प्रदान करता है और उन्हें गरमी से होने वाले नुकसान से बचाता है, वहीं नीबू में मौजूद विटामिन सी बालों की वृद्धि को प्रोत्साहित कर बालों को सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों से भी बचाता है. अत: इसे नियमित बालों पर लगाएं और उन्हें ड्राई व डल होने से बचाएं.

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बाजार में आज कई तरह के कंडीशनर मौजूद हैं, जिन्हें आप अपने बालों को धोने से पहले इस्तेमाल करने के लिए छोड़ सकते हैं. इन में लीव-इन-कंडीशनर और रात भर डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट भी उपलब्ध हैं. ये कंडीशनर बहुत अच्छा काम करते है पर अकसर  जेब पर भारी पड़ जाते है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप घर पर ही अपने बालों के लिए कंडीशनर बना सकते हैं. न केवल इन्हे बनाना सुपर आसान हैं बल्कि ये आप के घर में उपलब्ध चीज़ों से ही सस्ते में बन जाएंगे. साथ ही साथ इन में किसी रसायन का इस्तेमाल न होने से बालों के लिए भी सुरक्षित रहेंगे. हेयर एक्सपर्ट व हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डौ. अरविन्द पोसवाल बताते हैं कि कैसे घर पर बने कंडीशनर आप के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं :

  1. दहीहनी और नारियल के तेल का पेस्ट करें तैयार

ये सभी तत्व ड्राई बालों के लिए बहुत लाभकारी होते हैं क्योंकि वे नमी को बहाल करते हुए आप के बालों को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं. यह फ्रिजी हेयर से बहुत अच्छी तरह से निपटते है और आपके बालों को मुलायम और चमकदार बनाए रखते है. दही और हनी का मिश्रण आप के बालों को एक दम अच्छे से कंडीशन और मौइस्चराइज करेगा और दूसरी ओर नारियल का तेल आप के बालों को डीप कंडीशनिंग के साथ पर्याप्त पोषण  पहुंचाएगा.

पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें- ड्राई बालों के लिए घर में ऐसे बनाएं कंडीशनर

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

हेल्दी स्किन के लिए बनाएं ये 3 होममेड फ्लोरल फेस पैक

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है. लॉकडाउन के वजह से बाजार पूरी तरह से बंद है. ऐसे में अपने स्किन का ध्यान रखने के लिए घर में ही कुछ न कुछ घरेलू उपाय करना होगा.हर लड़की का ख्वाब चमकदार और हेल्दी स्किन पाना होता है. अगर स्किन स्वस्थ है तो खुद के अंदर आत्मविश्वास आता है और मूड भी बढ़िया रहता है.ऐसा चेहरा पाने के लिये आपको किसी पार्लर जाने की जरुरत नहीं है. तो बस करना सिर्फ इतना है कि उनकी पंखुडियों का या तो पेस्ट बना कर इस्तमाल करें या फिर उन्हें सुखा कर पाउडर बना कर लगाएं. यहां तीन फूल दिए गए हैं जिनका उपयोग आप फेस पैक बनाने में कर सकते हैं.

1.गुलाब का फू

गुलाब जल के सौंदर्य लाभों के बारे में हम सभी जानते हैं.गुलाब जल स्किन के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है और स्किन को भीतर से साफ़ करके खूबसूरती प्रदान करता है, वहीं गुलाब की ताज़ी पत्तियों से तैयार फेस पैक का चेहरे पर इस्तेमाल करने से स्किन संबंधी कई समस्याओं से मुक्ति मिलती है. इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी- एंटी-इंफ्लेमेट्री व एंटी-एजिंग गुण स्किन की गहराई से सफाई करते हैं. चेहरे पर पड़े दाग, धब्बे, सनटैन, डार्क सर्कल, ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स, पिंपल्स दूर होने में मदद मिलती है. सबसे पहले गुलाब की पंखुड़ियों को अच्छे से मसल लें और उसमे एक चम्मच दूध और ग्लिसरीन डाल कर अच्छे से मिक्स करें. 30 मिनट के लिए इस फेस पैक लगाएं और फिर इसे धो लें.गुलाब की पंखुड़ियों में मौजूद प्राकृतिक तेल आपकी स्किन को भीतर से गहराई तक नमी देते हैं और चेहरे की खूबसूरती व स्किन का स्वास्थ्य बढ़ाता है.

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2.कमल का फू

हाल ही में फैटी एसिड और प्रोटीन सामग्री के उच्च स्तर के कारण, स्किन के लिए कमल का इस्तेमाल प्रचलित हुआ है. यह न केवल स्किन को गहराई से हाइड्रेट करता है, बल्कि सूखापन और फाइन लाइनों को भी कम करता है. इसमें मौजूद एंटी-एजिंग गुण स्किन को गहराई से साफ करके लंबे समय तक नमी बरकरार रखने में मदद करते हैं. साथ ही दाग-धब्बे, पिंपल्स, झाइयां, झुर्रियां, ब्लैक व व्हाइट हेड्स से छुटकारा दिलाते हैं. कुछ कमल की पंखुड़ियों को लें और उन्हें मसल लें.  इसे मसलते हुए थोड़ा पानी डालें और फिर एक बड़ा चम्मच दूध और मसूर दाल पाउडर डालें. 15 मिनट के लिए फेस पैक को अपने चेहरे पर लगा रहने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें. स्किन पर कमल की पंखुड़ियों का नियमित उपयोग आपकी स्किन का निखार बढ़ाएगा और फाइन लाइंस भी खत्म कर देगा.

3.चमेली का फू

चमेली के फूल की पंखुड़ियों को उनके मॉइस्चराइजिंग गुणों के लिए जाना जाता है. यह स्किन के लिए एक अच्छे क्लींजर के रूप में भी काम करता है और स्किन को चमकदार बनाने में मदद करता है. चमेली का फूल, जिसे जैस्मिन भी कहते हैं, सफेद रंग का फूल बहुत ही खुशबूदार होता है. इसलिए इसका प्रयोग परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है. चमेली के फूल को ब्यूटी ट्रीटमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. चमेली के फूल में ऐटीमाइक्रोबियल और एंटीसेप्टिक गुण पाये जाते हैं. चमेली के फूलों की पंखुड़ियों का फेस पैक बनाने के लिए, कुछ पंखुड़ियों को चुनें और उन्हे अच्छे से  मैश करें. इसमें एक बड़ा चम्मच कच्चा दूध और बेसन या चने का आटा मिलाएं और अपने चेहरे पर लगाएं. इसे 15 से 20 मिनट के बाद निकालें.

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यह सभी फेस पैक का इस्तेमाल पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसका चेहरे पर कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता.आप इनके इस्तेमाल से हेल्दी स्किन आसानी से पा सकते हैं.

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क्रैक्ड स्किन आमतौर पर तब दिखाई देती है जब किसी भी कारण किसी भी प्रकार के स्किन बैरियर से समझौता किया जाता है. यह ड्राई और इर्रिटेटेड स्किन का लक्षण है, लेकिन विशेष रूप से कई संभावित कारण जैसे गर्मियों में टेम्परेचर का बढ़ना क्रैक्ड स्किन के मुख्य कारण हैं. पैर, हाथ और होंठ अन्य भागों की तुलना में अधिक क्रैक्ड की संभावना होती है. फटी या क्रैक्ड स्किन पर कोई भी रैशेस, कट्स या निशान आमतौर पर तब होते हैं जब किसी व्यक्ति की स्किन ड्राई और इर्रिटेटेड होती है. ड्राई और फटी स्किन में इचिंग,फ्लैकी और खून की मात्रा ज्यादा होती है. क्रैक्ड स्किन के लिए किसी भी स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते समय आप अनप्लीजेंट सेंसेशन महसूस कर सकते हैं. इस स्थिति में स्किन भी पानी के टेम्परेचर और घरेलू क्लीनिंग प्रोडक्ट्स के प्रति अधिक सेंसिटिव महसूस करती है.

क्रैक्ड स्किन बॉडी के किसी भी हिस्से पर दिखाई दे सकती है, लेकिन वैसे हिस्से जो ज्यादा
एक्सपोज्ड होते है या सूरज की किरणों के संपर्क में ज्यादा आते है, वहाँ ज्यादा दिखाई देते है और उनपर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है. यह स्किन में होने वाली सबसे आम समस्या है जिसका सामना लोग गर्मियों के दौरान करते हैं. ज़रूरत से ज्यादा धोने से हाथ और कलाई का सूखना एक ऐसी स्थिति है जो क्रैक्ड स्किन के होने का मुख्य कारण होते है. इसकी उपस्थिति को रोकने के लिए, हर

बार हाथ धोने के बाद मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने की आवश्यकता होती है. कुछ मामलों में, क्रैक्ड स्किन एक अंडरलाइंग मेडिकल कंडीशन के सिम्पटम्स भी हो सकते है. कुछ लोगों में, स्किन की स्थिति के कारण क्रैक्ड स्किन की स्थिति हो सकती है, जैसे कि एक्जिमा या सोरायसिस, या क्योंकि स्किन एक इर्रिटेटिंग सब्सटांस के कांटेक्ट में आई थी. स्मूद और हाइड्रेटेड स्किन में, स्किन की लेयर में मौजूद नेचुरल ऑयल मॉइस्चर को बरकरार रखते हुए स्किन को सूखने से रोकते हैं.

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लेकिन अगर स्किन में पर्याप्त ऑयल नहीं है तो यह मॉइस्चर खो देता है. जो स्किन को ड्राई और सिकुड़ देता है जिससे क्रैक्ड स्किन की समस्या पैदा होती है जो खासकर गर्मियों में ज़्यादा होती है.

अगर आपकी हालत बहुत गंभीर है तो ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप घर पर ही अपनी क्रैक्ड स्किन का इलाज कर सकते हैं. क्रैक्ड स्किन से छुटकारा कैसे पाएं ये बता रहें हैं, डॉ. अजय राणा, डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन, संस्थापक और निदेशक, आईएलएएमईडी.

क्रैक्ड स्किन से छुटकारा पाने के लिए इन टिप्स का प्रयोग कर सकते है :

1. मॉइस्चराइजिंग मरहम या क्रीम – क्योंकि ड्राई स्किन क्रैक्ड स्किन का कारण बन सकती है और ज्यादातर मामलों में यह खराब हो सकती है , इसलिए आपकी स्किन को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखना महत्वपूर्ण है. क्रैक्ड स्किन वाले एरिया में आप हमेशा मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें.

2. ऐसे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करें जिनमें जोजोबा तेल, नारियल तेल, जैतून का तेल और शीया बटर जैसे इंग्रीडिएंट्स शामिल हो.

3. गर्म पानी से हाथ धोने से बचें. हॉट बाथ और शॉवर लेने से स्किन की स्थिति ड्राई या क्रैक्ड हो सकती है.

4. टॉपिकल हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का उपयोग करें जो क्रैक्ड स्किन के लिए एक अच्छा उपाय है, जो क्रैक्ड स्किन के कारण होने वाले रेड पैचेज और इचिंग को कम करने में मदद करता है. इसमें कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स होते हैं, जो किसी भी तरह की जलन और सूजन को कम करते हैं.

5. अपनी स्किन को नियमित रूप से एक्सफोलिएट करें. जेंटल एक्सफोलिएशन स्किन की लेयर से डेड और ड्राई सेल्स को हटाने में मदद करता है. यह उपाय सबसे प्रभावी है जो फ़टे पैर और एड़ी के लिए कारगर साबित होता है.

6. गर्मियों में होने वाले क्रैक्ड स्किन से बचने के लिए आप ऐंटिफंगल दवा भी ले सकते हैं, यदि आपको लगता है कि आपके पास एथलीट फुट जैसे टेरीबिनाफिन (लैमिसिल) है, और इसे पैरों पर अफेक्टेड एरिया पर उपयोग करें.

7. क्रैक्ड स्किन को थोड़ी मात्रा में सौम्य खुशबू वाले क्लींजर से धोएं.

8. कुछ कपड़े ड्राई स्किन को परेशान कर सकते हैं. इसीलिए हमेशा स्मूद और ब्रिदेबल फैब्रिक्स जैसे कॉटन और सिल्क पहने और टेक्सचरड मैटेरियल्स के कपड़े पहनने से बचें. किसी भी तरह के हाइपोएलर्जेनिक डिटर्जेंट और फैब्रिक सॉफ्टनर का उपयोग करने से भी क्रैक्ड स्किन के कारण होने वाली जलन को कम करने में मदद मिल सकती है.

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9. गहरी क्रैक्ड स्किन का इलाज करने के लिए एक लिक्विड स्किन बैंडेज एक अच्छा ऑप्शन है. यह ओटीसी ट्रीटमेंट क्रैक्ड स्किन को एक साथ रखता है, जो स्किन की हीलिंग प्रोसेस को बढ़ाता है. इस उपलब्ध लिक्विड स्किन बैंडेज में एक छोटे ब्रश के साथ लिक्विड को स्किन में लगाए. लिक्विड सूख जाएगा और स्किन को सील कर देगा.

10. पेट्रोलियम जेली स्किन को सील और प्रोटेक्ट करके क्रैक्ड स्किन का इलाज करती है. यह स्किन को मॉइस्चर में लॉक करके, क्रैक्ड स्किन को ठीक करने में मदद करता है.

फेस की झुर्रियां हटाने के लिए अपनाएं ये 5 होममेड टिप्स

आपके चेहरे की चमक झुर्रियों के कारण खो जाती हैं. और आप झुर्रियां हटाने के लिए तरह-तरह के क्रीम मार्केट से लाती हैं, फिर भी चेहरे पर लगाने के बाद नहीं हटती हैं. तो ऐसे में  आपको परेशान होने की कोई बात नहीं है. आज हम आपको कुछ घरेलू नुस्खों बताएंगे जिससे आप झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आजमा सकती हैं.

1. मुल्तानी मिट्टी

झुर्रियों पर मुल्तानी मिट्टी सबसे ज्यादा असर करती है. यह त्वचा में कसाव लाती है और महीन रेखाओं को भी खत्म करती है. आप मुल्तानी मिट्टी लगाने से पहले उसे आधे घंटे के लिए भिगा दें. मिट्टी गल जाए तो उसमें खीरे का रस, टमाटर का रस और शहद मिलाएं. इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं. पर ध्यान रहे कि लेप लगाने के बाद बैठे या खड़े न रहें, बल्क‍ि लेट जाएं. और फिर सुखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.

2. केला

केले का क्रीम जैसा पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर लगाएं. आधे घंटे तक लगाएं रखें फिर सादे पानी से धो लें. त्वचा को अपने आप सूखने दें, उसे पोछे नहीं. केले के इस्तेमाल से त्वचा में कसाव आता है और झुर्रियों पर फर्क नजर आने लगता है.

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3. दूध का पाउडर

दूध के पाउडर में शहद और थोड़ा सा पानी मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा सॉफ्ट और ग्लोविंग हो जाती है. इससे चेहरे की झुर्रियां भी कम हो जाती हैं.

4. पानी

सुबह उठते ही दो ग्लास पानी पीयें और हर घंटे एक ग्लास पानी जरूर पीयें. इससे त्वचा में चमक आएगी और आप अपनी उम्र से हमेशा छोटी ही लगेंगी. लेकिन अगर आप पानी कम पीती हैं तो समय से पहले आपकी त्वचा बूढ़ी हो जाएगी.

5. नारियल का तेल, औलिव औयल, बादाम का तेल

ये तीनों तेल त्वचा को झुर्रियों से बचाने में कारगर हैं. इनकी मालिश से न केवल चेहरे की रंगत खिलती है, बल्कि रिंकल्स भी दूर होते हैं.

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किसी खतरे से कम नहीं ये 5 Beauty ट्रेंड्स

हर कोई चाहता है कि वे खूबसूरत दिखे, जिसके लिए वे बिना कुछ सोचे ट्रेंड में चल रहे ब्यूटी ट्रेंड्स को अपनाने में पीछे नहीं रहते. लेकिन भले ही ये ब्यूटी ट्रेंड्स आपको स्मार्ट व फैशनेबल दिखाने का काम करते हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये फैशन आपको बीमार भी कर सकता है. तो बताते है आपको उन सभी चीजों के बारे में, जो है किसी खतरे से कम नहीं.

1. हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स

आज जब भी हम सैलून का रूख करते हैं , तो वहां सर्विस प्रोवाइड करवाने वाले कभी बालों पर कलर लगाने की सलाह देते हैं तो कभी हेयर स्ट्रेटनिंग करवाने की तो कभी फ्रिजी हेयर्स के लिए स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने को कहते हैं. और हम भी बिना सोचे समझे उनकी बातों में आकर या तो हेयर ट्रीटमेंट लेना शुरू कर देते हैं या फिर अपने बालों को सीधा लुक देने के लिए हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने शुरू कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन प्रोडक्ट्स में जरूरत से ज्यादा केमिकल्स होते हैं , जो स्किन को किसी भी तरह से फायदा नहीं पहुंचाते हैं. बता दें कि इन प्रोडक्ट्स में सबसे ज्यादा मात्रा में फोर्मलडेहीदे केमिकल होता है, जो कैंसर को जन्म देने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. साथ ही इससे नाक, आंख, गले में दिक्कत होने के साथसाथ एलर्जी तक हो जाती है. इसे स्मैल करने से आप अस्थमा जैसी घातक बीमारी के भी शिकार बन सकते हैं. इसलिए सोच समझ कर ही इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.

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2. ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स

कोई भी लड़की या महिला नहीं चाहती कि उसकी स्किन पर डार्क स्पोट्स , पिगमेंटेशन हो. ऐसे में वे मार्केट में मिलने वाली हर वो क्रीम खरीदती है , हर वो साबुन व लोशन टाई करती है जो उसकी स्किन पर वाइटनिंग इफेक्ट लाने का काम करती है. ऐसे में आपको बता दें कि अधिकांश ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स में काफी ज्यादा मात्रा में मरकरी होती है. जिससे आपकी स्किन पर रैशेस , जलन, स्किन के कलर का बदलना, थकान व डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अनेक अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि मरकरी के ज्यादा संपर्क में आने से नर्वस सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है, जिससे कई बार मृत्यु भी हो जाती है. इसलिए अगर ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं तो संभल जाएं.

3. बोटोक्स किसी जहर से कम नहीं

उम्र बढ़ने के साथसाथ चेहरे पर फाइन लाइन्स व झुर्रियों का आना आम बात है. कई बार उम्र से पहले भी किन्हीं कारणों से चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं, जो किसी भी महिला को गवारा नहीं होती. क्योंकि ये उनकी सुंदरता को कम करने का काम जो करती है. इसके लिए बोटोक्स ट्रीटमेंट यानि बोटोक्स के इंजैक्शन लिए जाते हैं, जो फाइन लाइन्स व झुर्रियों के लिए जिम्मेदार होने वाली मांसपेशियों में कसावट लाने का काम करते है. जिससे उम्र का प्रभाव चेहरे पर नजर नहीं आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सबसे सबसे खतरनाक टोक्सिन होता है. 2009 में यूएस फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे कोस्मेटिक इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी भी दे दी है. लेकिन इसके इस्तेमाल के बाद आपको मांसपेशियों में कमजोरी, सिरदर्द जैसी शिकायत होने के साथ साथ अगर ये टोक्सिन शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैल जाता है, तो शरीर में सूजन व सांस लेने में दिक्कत होने के कारण आपकी जान भी जा सकती है. तो हो जाएं सावधान.

4. टैटू की क्रेजी तो नहीं

टैटू का क्रेज दिनोदिन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि ये दिखने में अच्छा जो लगता है. तभी तो कोई हाथ व बॉडी के किसी पार्ट पर अपना नाम गुदवाता है तो कभी अपने फेवरेट को. लेकिन टैटू के प्रति ये दीवानगी कहीं आपको बीमार न कर दे. क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाली शहाई जब शरीर में जाती है , तो शरीर के होर्मोनेस का संतुलन बिगाड़ने के साथसाथ स्किन कैंसर को भी जन्म देने का काम करती है. साथ ही इससे स्किन एलर्जी, इंफेक्शन , सूजन तक हो जाती है. बता दें कि जब एक ही सुई का दूसरे इंसान में इस्तेमाल किया जाता है तो एचआईवी जैसी घातक बीमारी का खतरा भी कई गुणा बढ़ जाता है. इसलिए टैटू के लिए क्रेजी होना छोड़ दें.

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5. पील ऑफ मास्क

पील ऑफ़ मास्क ये दावा करते हैं कि ये पोर्स को क्लीन कर स्किन की सारी गंदगी को एक पील ऑफ मास्क से हटाकर स्किन पर रेडिएंट ग्लो लाने का काम करता है. और आप भी ये सब जानकर पील ऑफ़ करवाने के लिए तैयार हो जाती हैं. लेकिन जहां ये स्किन की चमक लौटाने का काम करता है, वहीं इससे स्किन को काफी नुकसान भी पहुंचता है. क्योंकि इसमें ढेरों केमिकल्स का इस्तेमाल जो किया होता है.

इन दिनों चारकोल पील ऑफ मास्क काफी डिमांड में है. क्योंकि ये एक अप्लाई के बाद ही स्किन को ग्लोइंग व दागधब्बों रहित जो बना देता है. लेकिन आपको बता दें कि चारकोल पील ऑफ मास्क में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक केमिकल्स शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं. इसमें इस्तेमाल होने वाला हेक्सीलेने ग्लाइकोल स्किन पर इर्रिटेशन पैदा करने के साथसाथ ये लिवर, किडनी व नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है. वहीं इसमें इस्तेमाल होने वाला लोंडेपरोपीनील बुटिलकारबामाते स्किन पर रेडनेस, सूजन व जलन का कारण बनता है, जो स्किन को पूरी तरह से डैमेज करने का काम करता है. इसलिए पील ऑफ मास्क है नुकसानदायक. अगर आप इसका इस्तेमाल करें भी तो नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से बने पील ऑफ मास्क का ही इस्तेमाल करें , वो भी कभी कभार.

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