Raksha Bandhan Special: तोबा मेरी तोबा- अंजली के भाई के साथ क्या हुआ?

लेखक- मीर मुनीर

मेरे सिगरेट छोड़ देने से सभी हैरान थे. जिस पर डांटफटकार और समझानेबुझाने का भी कोई असर नहीं हुआ वह अचानक कैसे सुधर गया? जब मेरे दोस्त इस की वजह पूछते तो मैं बड़ी भोली सूरत बना कर कहता, ‘‘सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक है, इसलिए छोड़ दी. तुम लोग भी मेरी बात मानो और बाज आओ इस गंदी आदत से.’’

मुझे पता है, मेरे फ्रैंड्स  मुझ पर हंसते होंगे और यही कहते होंगे, ‘नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली. बड़ा आया हमें उपदेश देने वाला.’ मेरे मम्मीडैडी मेरे इस फैसले से बहुत खुश थे लेकिन आपस में वे भी यही कहते होंगे कि इस गधे को यह अक्ल पहले क्यों नहीं आई? अब मैं उन से क्या कहूं? यह अक्ल मुझे जिंदगी भर न आती अगर उस रोज मेरे साथ वह हादसा न हुआ होता.

कालेज में कदम रखते ही मुझे सिगरेट की लत पड़ गई थी. जब मौका मिलता, हम यारदोस्त पांडेजी की दुकान पर खड़े हो कर खूब सिगरेट फूंकते और फिर हमारे शहर में सिगरेट पीना मर्दानगी की निशानी समझी जाती थी. कालेज के जो लड़के सिगरेट पी कर खांसने लगते, हम उन का मजाक उड़ाते. हां, लेकिन घर लौटने से पहले मैं पिपरमिंट की गोलियां चूस लेता ताकि किसी को तंबाकू की बू न आए. वजह यह नहीं थी कि मैं घर में किसी से डरता था. वजह सिर्फ यही थी कि घर के लोग किसी भी बात पर लेक्चर देना शुरू कर देते जिस से मुझे बड़ी चिढ़ होती थी.

मेरी बड़ी बहन अंजली की नाक बड़ी तेज थी. हमारे किचन में अगर कुछ जल रहा हो तो गली में दाखिल होते ही अंजली दीदी को उस की बू आ जाती. एक दिन मैं घर पहुंचा तो दरवाजा उसी ने खोला. वे बिल्ली की तरह नाक सिकोड़ कर बोलीं, ‘‘सिगरेट की बदबू कहां से आ रही है? तुम ने पी है क्या?’’

मैं पहले तो सहम गया लेकिन फिर गुस्से से बोला, ‘‘आप क्यों हर समय मेरे पीछे पड़ी रहती हैं? हमारा चौकीदार दिन भर बीड़ी फूंकता है. जब हवा चलती है तो उस का धुआं यहां तक आ जाता है. यकीन न आए तो बाहर जा कर देख लीजिए. वह इस वक्त जरूर बीड़ी पी रहा होगा.’’

मुझे गलत साबित करने के लिए अंजली दीदी फौरन बरामदे में चली गईं. संयोग से चौकीदार उस समय वाकई बीड़ी पी रहा था. मुझे शक भरी नजरों से देखती हुई वे उस समय तो वहां से चली गईं लेकिन उस दिन के बाद मैं ने नोट किया कि वे मुझ पर नजर रखने लगी थीं. मैं जब बाहर से लौट कर अपने कमरे में आता तब यह बात फौरन समझ में आ जाती कि मेरे कमरे की तलाशी ली गई है. अलमारी और मेज की दराजें सब टटोले गए हैं. मुझे यकीन हो गया कि अंजली दीदी जरूर कोई सुराग ढूंढ़ रही होंगी ताकि मुझ पर हमला किया जा सके. पर मैं ने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली थीं. अपने कमरे में सिगरेट और माचिस की डब्बी मैं भूल से भी नहीं रखता था.

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एक दिन मुझ से गलती हो गई. मैं महल्ले के लड़कों के साथ नुक्कड़ पर खड़े हो कर गपशप कर रहा था. एक दोस्त ने सिगरेट सुलगाई तो मैं ने उस के हाथ से ले कर एक कश लगा लिया. उसी समय अंजली दीदी सब्जी ले कर घर लौट रही थीं. उन की नजर मुझ पर पड़ी और मैं रंगेहाथों पकड़ा गया. वे तीर की तरह घर की तरफ भागीं और मैं ने घबराहट में सिगरेट का एक और ऐसा दमदार कश लगाया कि मुझे चक्कर आने लगे. दोस्तों के सामने मैं ने शेखी बघारी कि मैं किसी से नहीं डरता. सिगरेट पीता हूं तो क्या हुआ? कोई चोरी तो नहीं की, डाका तो नहीं डाला. मेरे दोस्तों ने मेरी पीठ ठोंक कर मुझे शाबाशी दी. मेरी हिम्मत वाकई काबिलेतारीफ थी. मैं ने खुश हो कर सब को एक इंपोर्टेड सिगरेट पिला दी. फिर मैं घर जाने के लिए मुड़ा, लेकिन कुछ सोच कर रुक गया. घर पहुंचते ही कैसा हंगामा होगा, इस का अंदाजा था मुझे. यही सब सोच कर दिनभर घर लौटने की मेरी हिम्मत न हुई.

पूरा दिन अपनी साइकिल पर सवार शहर के चक्कर काटता रहा. सोचा कि चलो लगेहाथ फिल्म देख डालें. लेकिन जब जेब में हाथ डाला तो पता चला कि टिकट के पैसे नहीं हैं. दोस्तों को इंपोर्टेड सिगरेट जो पिला दी थी.

शाम को अंधेरा होने के बाद मैं डरतेडरते घर में दाखिल हुआ. मम्मी और डैडी बड़े कमरे में बैठे थे. उन के गंभीर चेहरों से साफ जाहिर था कि उन को अंजली दीदी से पता चल गया था कि मैं सिगरेट पीता हूं. वे मेरी राह देख रहे थे. मम्मी के पीछे अंजली दीदी खड़ी थीं और उन के होंठों पर चिपकी हुई जहरीली मुसकान, नुकीले कांटे की तरह चुभ रही थी मुझे. मैं समझ रहा था कि डैडी अभी उठ कर मेरे पास आएंगे और दोचार भारीभरकम थप्पड़ रसीद करेंगे मुझे. लेकिन उन्होंने शांत आवाज में मुझे अपने पास बुला कर बिठाया. हमारे परिवार में कोई किसी किस्म का भी नशा नहीं करता था, न सिगरेट न शराब और न ही तंबाकू वाला पान. फिर मुझे यह लत कैसे लगी, इस बात का बड़ा अफसोस था उन्हें.

काफी देर तक वे मुझे सिगरेट के नुकसान समझाते रहे. यह कह कर डराया भी कि एक सिगरेट पीने से इंसान की उम्र 15 दिन कम हो जाती है. मैं बड़ी विनम्रता से सिर झुकाए उन की बातें सुनता रहा. मन ही मन यह भी सोचता रहा कि अंजली दीदी से बदला कैसे लिया जाए? जब अदालत का समय समाप्त हुआ तब मैं ने डैडी को वचन दिया कि आज के बाद मैं सिगरेट छुऊंगा तक नहीं. डैडी ने खुश हो कर मेरी पीठ थपथपाई और 500 रुपए का नोट मेरे हाथ में थमा कर कहा, ‘इस के फल खरीद कर ले आओ और रोज खाया करो. अपनी सेहत का खयाल रखो.’

अंजली दीदी ने मिर्च लगाई, ‘डैडी, आप देख लेना, 500 रुपए यह धुएं में उड़ा देगा.’ अब मैं ने अपनेआप को वचन दिया, ‘अंजली दीदी को सबक सिखा के रहूंगा.’ लेकिन वे इतनी चालाक थीं कि हर बार बच कर निकल जातीं.

मुश्किल से 3 दिन मैं ने अपने वादे पर अमल किया. मेरे दोस्त सिगरेट फूंकते तो उस की खुशबू सूंघ कर ही मैं इत्मिनान कर लेता. लेकिन फिर मुझ से सब्र न हुआ और चौथे दिन पूरी डब्बी खरीद कर फूंक डाली. सिगरेट पीने वाले जानते हैं कि जब तलब लगती हैं तब इंसान बेचैनी से कैसे फड़फड़ाता है.

कालेज की छुट्टियां शुरू हो गईं. गरमियों के दिन थे और लू चलती थी, इसलिए बाहर जाने का मन नहीं करता था. एक दिन दोपहर में जब सब सो रहे थे, मौका देख कर मैं चुपचाप बाथरूम में गया, अंदर से कुंडी लगाई और सिगरेट सुलगा ली. बड़े आराम से कमोड पर बैठ कर सिगरेट पीता रहा और सोचा, ‘वाह, क्या जगह ढूंढ़ निकाली है मैं ने.’ लेकिन जब बाथरूम से निकलने के लिए दरवाजा खोलने लगा तो दिल धक से रह गया. किसी ने बाहर से कुंडी लगा दी थी. हमारे बाथरूम का एक दरवाजा आंगन की तरफ खुलता था, मैं ने वह खोलना चाहा लेकिन उस की भी बाहर से कुंडी लगी हुई थी. दरवाजा खटखटा कर मैं ने जोर से पुकारा तो बाहर से अंजली दीदी की आवाज आई, ‘बदतमीज, तुम कभी नहीं सुधरोगे. तुम्हारी यह हिम्मत कि घर में भी सिगरेट पीना शुरू कर दिया. अब डैडी ही आ कर खोलेंगे यह दरवाजा.’

मैं ने बहुत मिन्नत की, माफी मांगी, कसमें भी खाईं लेकिन दीदी का दिल नहीं पसीजा. मदद के लिए मैं ने मम्मी को पुकारा लेकिन उन्हें भी मुझ पर तरस नहीं आया. चीख कर बोलीं, ‘तेरी यही सजा है.’

शाम को डैडी ने घर लौट कर जब दरवाजा खोला तब तक मैं बाथरूम की गरमी से निढाल हो चुका था. तिस पर डैडी ने आव देखा न ताव, गिन कर पूरे 4 थप्पड़ मेरे मुंह पर जड़ दिए. 1 घंटे तक मम्मी की डांट सुननी पड़ी सो अलग. सिर्फ अंजली दीदी ही नहीं, पूरा घर मेरा दुश्मन बन चुका था. उन्होंने सोचा कि इतने थप्पड़ खाने के बाद अब मैं सुधर जाऊंगा, लेकिन मैं भी बहुत जिद्दी हूं. तपती हुई धूप में घर से बाहर जा कर सिगरेटें फूंकता रहता.

एक दिन डैडी ने मुझे रास्ते के किनारे सिगरेट पीते हुए देख लिया. उसी वक्त मुझे गाड़ी में बिठा कर अपने साथ ले गए और घर से थोड़े फासले पर गाड़ी रोक कर बोले, ‘लोग सारी जिंदगी सिगरेट पीने के बाद भी यह आदत छोड़ देते हैं. फिर तुम क्यों नहीं छोड़ सकते यह गंदी आदत? तुम्हें जो चाहिए वह तुम्हें मिलेगा, बस तुम सिगरेट पीना छोड़ दो.’

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उसी समय सामने वाली सड़क पर चमचमाती हुई मोटरबाइक आ कर रुकी. ललचाई नजरों से बाइक को देखते हुए मैं ने डैडी से कहा, ‘मुझे मोटरबाइक दिला दीजिए, मैं सिगरेट पीना छोड़ दूंगा.’ मुझे पूरा यकीन था कि डैडी इनकार कर देंगे. लेकिन मैं हैरत से चक्कर खा गया जब डैडी ने बड़े ही शांत लहजे में कहा, ‘अगर तुम इसी शर्त पर सिगरेट छोड़ोगे तो मुझे तुम्हारी यह शर्त भी मंजूर है.’

जिस दिन मोटरबाइक मेरे हाथ आई उस दिन अपने 2 यारों को साथ बिठा कर पूरे शहर में उड़ता फिरा और फिर जश्न मनाने हम पांडेजी की दुकान पर पहुंच गए. कोल्ड ड्रिंक के बाद सिगरेट और पान के बाद फिर सिगरेट. बुरा भी लग रहा था कि डैडी को धोखा दे रहा हूं लेकिन फिर अपने मन को समझाया कि बस यह आखिरी सिगरेट है, इस के बाद नहीं पीऊंगा. लेकिन फिर हर सिगरेट आखिरी सिगरेट बनती गई और यह सिलसिला चलता रहा.

मम्मी और डैडी अंजली दीदी की शादी को ले कर काफी चिंतित रहा करते थे. मैं भी दुआएं मांगता था कि यह बला जल्दी टले ताकि मुझे भी आजादी मिले. चंद महीनों की तलाश के बाद एक मुनासिब रिश्ता आया और अंजली दीदी का ब्याह तय हो गया. हमारे घर में यह पहली शादी थी इसलिए खूब धूम मची हुई थी. ब्याह के लिए जेवरात और कपड़ों की खरीदारी शुरू हो गई. उस गहमागहमी और खुशी के माहौल में मेरा जुर्म सब भूल गए. अंजली दीदी भी मुझ से हंसहंस कर बात करने लगीं. छोटेबड़े हर काम के लिए मेरी खुशामद करतीं, कभी चंदू भाई टेलर तो कभी मगन भाई सुनार के पास जाना होता और मैं दौड़दौड़ कर वे सारे काम कर देता. अब वे अपनेआप में इतनी मगन रहतीं कि मैं अपने कमरे में बैठ कर सिगरेट फूंकता तब भी उन्हें पता न चलता.

घर के आंगन में बरातियों के लिए शामियाना लगाया गया. रौनक बढ़ाने के लिए रंगबिरंगे फूल और नीलेपीले बल्ब भी लगाए गए. जैसेजैसे शादी का दिन नजदीक आने लगा, रिश्तेदारों और मेहमानों की चहलपहल बढ़ने लगी. कोई सहारनपुर से तो कोई भोपाल से. अंजली दीदी की सहेलियों ने तो घर पर धावा ही बोल दिया था. स्कूल से ले कर कालेज तक की सारी सहेलियां मौजूद थीं. दिन भर उन के हंसने और खिलखिलाने की आवाजें घर में गूंजती रहतीं. मैं शादी की भागदौड़ में मसरूफ रहता, लेकिन इस बीच जब कोई सुंदर चेहरा नजर आता तब थोड़ी सी थकान दूर हो जाती.

जिस कमरे में अंजली दीदी हलदी की रस्म के बाद बैठी थी, वहां से नाचगाने और ढोलक की आवाजें आतीं और मैं छिप कर झरोखे से उन्हें निहारता रहता. लड़कियां झूमझूम कर नाचतीं और मधुर गीत गातीं. उन सब में एक लड़की बहुत सुंदर थी. पता चला कि उस का नाम बांसुरी है. वह भोपाल से आई है और डैडी के एक दोस्त की बेटी है. उस का कद लंबा था, रंग सांवला, लंबीलंबी पलकें, बहुत ही आकर्षक चेहरा, छुईमुई जैसी इतनी प्यारी कि छू लेने को दिल चाहे.

रोज की तरह उस दिन भी जोरजोर से नए फिल्मी गाने बज रहे थे और आंगन में बच्चे नाच रहे थे. बच्चों ने जिद की तो मैं भी उन के साथ नाच में शामिल हो गया. नाचतेनाचते मैं खो गया और मन की आंखों से सोचने लगा कि बांसुरी इन गानों पर नाचती हुई कैसी दिखेगी. अचानक किसी की आवाज आई, ‘ओ भाईसाब, यह क्या हो रहा है?’

मैं ने आंखें खोल कर देखा तो चौंक पड़ा. बांसुरी मेरे सामने खड़ी थी. मैं ने सोचा कि मैं सपना देख रहा हूं और मैं ने फिर से आंखें बंद कर लीं. इस बार उस ने मेरे कंधे पर हलकी सी चपत लगाई और बोली, ‘नींद में हो क्या? मैं तुम से कह रही हूं.’

मैं ने बहुत नरमी से पूछा, ‘कुछ काम है मुझ से?’ वह तुनक कर बोली, ‘ये कैसे गाने लगा रखे हैं जिन की एक लाइन भी समझ में नहीं आती. यों लगता है जैसे दीवाली के पटाखों से डर कर कोई कुत्ता भौंक रहा है. मीठेमीठे पुराने गाने बजाओ. और ये जो नए गाने हैं न, ये तुम अपनी शादी में बजाना.’

वह पलट कर जाने लगी तो मैं ने उस का हाथ पकड़ लिया और बोला, ‘एक शर्त पर, जिस दिन मेरा ब्याह तुम्हारे साथ होगा उस दिन तुम्हारी पसंद के गाने बजेंगे, बल्कि तुम कहो तो मैं तुम्हें पुराने गाने गा कर भी सुनाऊंगा.’

उस ने घूर कर देखा और मेरा हाथ झटक कर वह भाग गई, लेकिन फिर दरवाजे के पास जा कर मुड़ी और मुसकरा कर मुझे देखने लगी. मेरा दिल इतने जोर से धड़का जैसे अभी उछल कर बाहर आ जाएगा. यह दिल कम्बख्त है ही ऐसी चीज. जरा सी खुशी मिली नहीं कि धड़कने लगता है, वह भी जोरों से.

जब पुराने गीत बजने लगे तब मैं उसे झरोखों से छिपछिप कर देखता रहा. वह बारबार कनखियों से मुझे देखती और लहरालहरा कर नाचती रही. उस ने महफिल में ऐसा रंग जमाया कि मम्मी ने कहा, ‘तेरा ब्याह जल्द हो जाए और ऐसा पति मिले जो तुझे हमेशा खुश रखे.’ वह मेरी ओर देख कर धीरे से मुसकराई और उस रात मैं उसी के सपने देखता रहा. सपने में वह मेरी दुलहन थी और मैं उस का दूल्हा.

अगले दिन बड़ी चहलपहल थी. अंजली दीदी का ब्याह होना था. घर के पिछवाड़े हलवाई खाना बना रहे थे. डैडी ने मेरी ड्यूटी वहां लगा दी थी. बांसुरी अचानक वहां आ धमकी और मुझे देख कर बोली, ‘अंजली दीदी का संदेशा लाई हूं तुम्हारे लिए. उन्होंने कहा है, नमकमिर्च का खयाल रखना, अगर जरा भी ऊंचनीच हो गई न, तो तुम्हारी खैर नहीं.’

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बांसुरी की आवाज में ऐसी खनक थी कि वह गाली भी दे तो मीठी लगे. मैं ने मुसकरा कर पूछा, ‘तुम्हें खाना पकाना आता है या नहीं?’

उस की भवें तन गईं, ‘क्यों पूछ रहे हो?’

मैं शरारत से बोला, ‘बड़ी खास वजह है इसीलिए पूछ रहा हूं. वैसे तुम्हें यह भी बता दूं कि अगर तुम्हें खाना पकाना नहीं आता हो तब भी चिंता की कोई बात नहीं. जब हमारा ब्याह हो जाएगा तब इन बेचारे हलवाइयों को अपने घर में नौकरी दे देंगे तो इन की रोजीरोटी का बंदोबस्त भी हो जाएगा.’

वह जोर से हंसी, ‘तुम से ब्याह करे मेरी जूती.’

बैंड बाजे के साथ बरात आई तो हर कोई दूल्हे को देखने बरामदे में आ गया. धक्कामुक्की और आपाधापी में पता ही नहीं चला कि बांसुरी चुपके से आ कर कब मेरे पास खड़ी हो गई. नरमनरम गुदाज जिस्म मेरी बांह से टकराया तो मैं ने चौंक कर उसे देखा. लेकिन वह ऐसी अनजान बन गई जैसे उस ने मुझे देखा ही न हो. मौके का फायदा उठा कर मैं ने उस का हाथ मजबूती से अपने हाथ में पकड़ लिया. पहले तो उस ने अपने दोनों हाथ अपने दुपट्टे में छिपा लिए फिर मेरे बाजू पर ऐसी खतरनाक चुटकी काटी कि मेरे मुंह से आह निकल गई.

समय अपनी गति से चलता रहा. शामियाने में पंडितजी के मंत्र गूंजने लगे. ब्याह के फेरों का समय हो चला था. अपनी सहेलियों से घिरी अंजली दीदी धीरेधीरे शामियाने की ओर बढ़ने लगीं. जरीदार साड़ी और गहनों में लिपटी हुई कितनी सुंदर लग रही थीं मेरी दीदी. मैं उन्हें एकटक देखता रहा और यह सोच कर कि अब वे इस घर से चली जाएंगी, मेरी आंखें डबडबा गईं. उन्होंने मुझे मम्मीडैडी से बहुत डांट खिलवाई थी, पिटवाया भी था मुझे, ताने भी दिए थे, लेकिन हैं तो आखिर मेरी बहन. अचानक डैडी की आवाज मेरे कानों में गूंजी, ‘यह क्या हुलिया बना रखा है तुम ने? अभी तक तैयार नहीं हुए? जाओ, कपड़े बदल कर आओ.’ मैं सरपट अपने कमरे की तरफ भागा.

कमरे में दाखिल होते ही मैं ठिठक गया. बांसुरी अलमारी के आईने के सामने खड़ी हो कर जेवर पहन रही थी. मुझे देख कर वह जरा भी नहीं चौंकी बल्कि डांट कर बोली, ‘यह क्या मुंह उठाए चले आ रहे हो? इतनी भी तमीज नहीं कि दरवाजे पर दस्तक दे कर अंदर आओ.’ उसे वहां देख कर मेरे होशोहवास तो जैसे गुम हो गए थे. वह बला की हसीन लग रही थी, जैसे आसमान से उतर कर कोई अप्सरा धरती पर आ गई हो. मैं बेशर्मी से उसे घूरता रहा और मैं ने पहली बार देखा कि वह भी कुछ सकपका सी गई है. मैं धीरेधीरे उस के नजदीक गया और घुटी हुई आवाज में बोला, ‘तुम कितनी सुंदर हो, मैं ने आज तक इतनी सुंदरता कहीं नहीं देखी.’

अपनी तारीफ सुन कर उस के चेहरे पर हलकी सी मुसकराहट आ गई. वह अपनी जगह से नहीं हिली, बस मेरी आंखों में आंखें डाल कर मुझे देखती रही. बेखुदी के आलम में मैं उस की ओर खिंचता चला गया, इतने पास कि उस की गर्म सांसें अपने गालों पर महसूस करने लगा. उस के होंठ धीरे से खुले और उस ने अपनी आंखें मूंद लीं. मेरे शरीर में कंपकंपी सी होने लगी. ऐसी कैफियत मैं ने पहले कभी महसूस नहीं की थी. मैं ने अपने दोनों हाथ उस के कंधों पर रखे और मैं उस के होंठों को चूमने ही वाला  था कि वह अचानक पीछे हटी, ‘तुम सिगरेट पीते हो?’

पहले तो मेरी समझ में नहीं आया कि वह बोल क्या रही है. मैं हक्काबक्का सा उसे देखता रहा और वह गुस्से से बोली, ‘दूर हटो मुझ से. नफरत है मुझे सिगरेट पीने वालों से. कितनी गंदी बदबू आ रही है तुम्हारे मुंह से.’

मैं इस अचानक हमले से संभल भी नहीं पाया था कि वह कमरे से बाहर चली गई और मैं सिर झुकाए शर्मिंदा सा वहीं खड़ा रह गया.

अगले दिन वह भोपाल वापस चली गई.

वह दिन और आज का दिन, मैं ने सिगरेट कभी नहीं पी. आज भी जब कोई मेरे सामने सिगरेट सुलगाता है तो मेरा मन करता है कि उस के हाथ से सिगरेट छीन कर दो कश लगा लूं, लेकिन अब यह मुमकिन नहीं, क्योंकि उस हादसे के बाद जब मैं बांसुरी से मिलने भोपाल पहुंचा तो बांसुरी इसी शर्त पर मुझ से शादी करने के लिए राजी हुई कि मैं सिगरेट कभी नहीं पीऊंगा. अब आप ही बताइए, जिस लड़की को पाने की खातिर मैं ने अपना दिल-ओ-जान कुरबान कर दिया था, उस की खातिर क्या मैं सिगरेट की कुरबानी नहीं दे सकता?

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Raksha Bandhan Special: माइक्रोवेब में इंस्टेंट बनाएं ये मिठाईयां

भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व के आने का आगाज बस हो ही चुका है. भाई भाभी के आने पर घर विविध व्यंजनों से महक उठता है. बारिश के बाद पड़ने वाला यह पहला त्यौहार होता है इसलिए घर भी बहुत अधिक सफाई मांगता है. यूं  तो इस समय बाजार मिठाइयों से भरा रहता है परन्तु अपने हाथ से मिठाई बनाने की बात ही कुछ अलग होती है. आमतौर पर मिठाई बनाने में समय और मेहनत अधिक लगती है ये सोचकर हम बाजार से ही मिठाई ले आते हैं परन्तु आज हम आपको ऐसी मिठाई बनाना बता रहे हैं जिसे आप बहुत कम समय और कम मेहनत में आसानी से बना सकतीं हैं और जो स्वाद में भी बेमिसाल है. तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं-

-इंस्टेंट नारियल लड्डू

कितने लोंगों के लिए           8

बनने में लगने वाला समय  15 मिनट

मील टाइप                     वेज

सामग्री

मिल्कमेड              1 टिन अथवा डेढ़ कप

दही                       1/2 कप

मलाईदार दूध         1/2 कप

मिल्क पाउडर         1 कप

पिसी शकर              1/2 कप

नारियल बुरादा        1 कप

इलायची पाउडर       1/4 टीस्पून

सजाने के लिए बादाम  8

घी                           1/4 टीस्पून

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विधि

नारियल बुरादा, बादाम और इलायची पाउडर को छोड़कर समस्त सामग्री को एक साथ एक बाउल में डालें. इसे 5 मिनट माइक्रोवेब करें चलाकर फिर से 3 मिनट मिनट माइक्रोवेब करें. मिश्रण फटकर एकदम गाढ़ा हो जाएगा. माइक्रोवेब में से निकालें. थोड़ा ठंडा होने पर नारियल बुरादा, इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं. घी से हाथों को चिकना करके तैयार मिश्रण से मनचाहे आकार में लड्डू बनाएं. बादाम से गार्निश करके सर्व करें. एयरटाइट कंटेनर में रखकर फ्रिज में रखें.

-इंस्टेंट पनीर बर्फी

कितने लोगों के लिए           6

बनने में लगने वाला समय     15 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

किसा पनीर                  1 कप

किसा मावा                  1 कप

शकर                          3/4 कप

मिल्क पाउडर              1 कप

बारीक कटी मेवा            1/2 कप

इलायची पाउडर             1/4 टीस्पून

विधि

इलायची पाउडर और मेवा को छोड़कर सभी सामग्री को एक बाउल में डालकर अच्छी तरह चलाएं. अब इसे 3 मिनट माइक्रोवेब करके चलाएं. पुनः 3 मिनट माइक्रोवेब करें. अब इलायची पाउडर और कटी मेवा मिलाकर 1 मिनट माइक्रोवेब करके बाहर निकालें. चिकनाई लगी ट्रे में जमाएं. ऊपर से कटे पिस्ता डालकर हल्के हाथ से दबा दें ताकि पिस्ता चिपक जाए. ठंडा होने पर मनचाहे आकार में काटकर सर्व करें या फ्रिज में रखकर  आवश्यकतानुसार प्रयोग करें.

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Raksha Bandhan Special: फेस्टिवल में ट्राय करें ये ट्रेंडी झुमके

ज्वैलरी महिलाओं की खूबसूरती निखारने का एक उम्दा जरिया है. दीवाली करीब है और इस त्यौहार में तो महिलाएं गहने खरीदती भी हैं और पहनती भी हैं. ऐसे में लेटैस्ट डिजाइन की जानकारी होना जरूरी है. आइए जानते हैं, कुछ ऐसे फैशनेबल और ट्रैंडी ज्वैलरी डिज़ाइन्स के बारे में जिन्हें पहनने के बाद आप बेहद खूबसूरत नजर आएंगी.

1. झुमकों का लेटेस्ट डिजाइन

महिलाओं व लड़कियां दोनोंहीईयरिंग्स बड़ी चव से पहनती है. कई बार शादी फंक्शन में महिलाएं ज्यादा ज्वैलरी पहनने के बजाय सिर्फ ईयरिंग्स पहनना पसंद करती हैं.ईयरिंग्स से न सिर्फ लुक पूरा होता है बल्कि चेहरे की खूबसूरती भी बढ़ जाती है. इस त्योहारी सीजन में आप भीईयरिंग्स खरीदने की सोच रही हैं तो इन ट्रैंडी डिज़ाइन्स पर जरूर नजर डाले.

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2. लेयर्स झुमका

आज कल 3 लेयर्स झुमका ट्रैंड में है. इसमें एक के बाद एक तीन झुमकियां आपस में जुड़ी हुई होती हैं, जो देखने में बहुत एट्रेक्टिव लगती है. सेलिब्रिटीज भी इस ब्यूटीफूल डिजाइन को बेहद पसंद कर रही है. पिछले दिनों शिल्पा शेट्टी ने भी एक रियेलिटी शो में थ्री लेयर झुमके पहने थे, जिसमें शिल्पा बेहद खूबसूरत नजर आ रही थीं. फेस्टिव सीजन के लिए थ्री लेयर ईयररिंग एक पर्फेक्ट ऑप्शन हैं और यह आपके ट्रेडिशनल लुक में चार चांद लगा देगा.फिर देर किस बात की 3 लेयर झुमके से बनाएं अपने लुक को खास.

3. झुमका विद कवरिंग ईयर

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झुमकों के फैशन में कई ऑप्शन देखने को मिल रहे है.आज कल ओवरसाइज़ झुमका फैशन में छाया हुआ हैजिसे न केवल ब्राइड्स बल्कि गर्ल्स पार्टीवियर के साथ फॉलो कर रही हैं. झुमके के साथ एक तो ट्रैडिशनल लुक मिलता है, दूसरा यह बोल्ड लुक भी देता है.इस झुमके में कई डिज़ाइन्स देखने को मिल जाएंगे.

4. बाली झुमका

बाली झुमके का डिजाइन बेहद खूबसूरती से डिजाइन किया गया होता है. यह 2 लेयर्स में जुड़ा होता है. ऊपर से गोल बाली की तरहऔर इस लेयर में झुमका अटेच होता है. इस झुमके को आप ट्रेडीशनल कपड़ो के साथ ही पहन सकती है.

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5. मीनाकारी झुमका विद जेम स्टोन्स

मीनाकारी झुमका ज़्यादातर महिलाओं को पसंद आता है, क्योंकि यह होता ही इतना खूबसूरत है. इन झुमकोंका डिजाइन होता तो सिंपल है लेकिन इस पर किए गए मीना और स्टोन्स के वजह से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है. इसकी सबसे खास बात यह है की आप इसे किसी भी ड्रेस के साथ मैच कर सकती हैं और किसी भी पार्टी में पहन सकती हैं.

Raksha Bandhan Special: न्यूड मेकअप लुक के 11 ट्रिक्स

कम से कम मेकअप प्रोडक्ट्स के साथ ही मेकअप के लाइट शेड्स से बहुत कम समय में आप न्यूड मेकअप लुक पा सकती हैं. यह काफी क्लासी और सौफिस्टिकेटेड नजर आता है. खास मौकों के साथ ही औफिशियल मीटिंग्स और रैग्युलर डेज में भी न्यूड मेकअप लुक कैरी किया जा सकता है. जानते हैं न्यूड मेकअप लुक के कुछ खास ट्रिक्स.

1. जरूरी है डेली स्किन केयर रूटीन

चूंकि न्यूड मेकअप लुक के लिए मेकअप के डार्क शेड्स का इस्तेमाल न के बराबर होता है, इसलिए चेहरे की नैचुरल ब्यूटी उभर कर दिखती है. ऐसे में जरूरी है कि त्वचा अंदर से स्वस्थ, बाहर से बेदाग और कोमल हो. लेकिन यह तभी मुमकिन है जब आप नियमित रूप से क्लींजिंग, टोनिंग, मौइश्चराइजिंग और स्क्रबिंग करेंगी. इस से त्वचा स्वस्थ रहेगी और न्यूड मेकअप लुक उभर कर दिखेगा.

2. टिंट मौइश्चराइजर

सब से पहले फेसवाश से चेहरा धो कर पोंछ लें. फिर मौइश्चराइजर लगाएं. इस के लिए लाइट या फिर टिंट मौइश्चराइजर चुनें. इसे पूरे चेहरे पर लगा कर हलके हाथों से त्वचा को मौइश्चराइज करें. अब आंखों के पास आई क्रीम लगाएं. इसे सैट होने के लिए थोड़ी देर के लिए यों ही छोड़ दें.

3. लाइट फाउंडेशन

न्यूड मेकअप लुक के लिए शियर या लाइट यलो शेड का फाउंडेशन चुनें. यह नैचुरल लुक देता है. इसे ब्रश की सहायता से पूरे चेहरे पर लगा कर मेकअप का बेस तैयार कर लें. कोशिश करें कि पहले कोट में ही फाउंडेशन पूरे चेहरे पर अच्छी तरह लग जाए, दूसरा कोट न लगाना पड़े वरना बेस मेकअप हैवी नजर आएगा और उस के सामने मेकअप का लाइट शेड फीका दिखेगा.

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4. ट्रांसल्यूसैंट पाउडर

अगर आप चाहती हैं कि आप का मेकअप लंबे समय तक टिका रहे, तो मौइश्चराइजर और फाउंडेशन के बाद पूरे चेहरे और गले पर स्पंज की सहायता से हलका सा ट्रांसल्यूसैंट पाउडर लगाएं. इस से बेस मेकअप को स्मूद टच मिलेगा और मेकअप नैचुरल नजर आएगा. अगर पाउडर की मात्रा ज्यादा हो जाए, तो उसे कम करने के लिए दोबारा मौइश्चराइजर लगा लें.

5. ब्रोंजर स्प्रे

बेस मेकअप को फाइनल टच देने के लिए ब्रोंजर स्प्रे यूज करना न भूलें. नैचुरल लुक के लिए पीच, लाइट पिंक या रोजी पिंक शेड का ब्रोंजर खरीदें. इसे फोरहैड, नोज, चीक, चिन और नैक एरिया पर स्प्रे कर के ब्रश की सहायता से अच्छी तरह फैला दें. इस से स्किन नैचुरल ग्लो करेगी और मेकअप भी लंबे समय तक टिका रहेगा.

6. लाइट आईशैडो

जब बेस मेकअप अच्छी तरह सैट हो जाए तब आई मेकअप शुरू करें. शुरुआत आईशैडो से करें. इस के लिए आईशैडो का न्यूड शेड चुनें जैसे ग्रे, पीच, आइवरी, शैंपेन, बेबी पिंक, बेज, कौपर आदि. आईशैडो को पूरी पलकों पर अच्छी तरह लगाएं.

7. थिन आईलाइनर

कलरफुल आईलाइनर के बजाय ब्राउन शेड के आईलाइनर का चयन करें. पतली लाइन ड्रा करते हुए आईलाइनर का सिंगल कोट लगाएं. आंखों के आगे के छोर से लाइनर लगाना शुरू करें और इसे आईकौर्नर पर ला कर जोड़ दें. इसे ऊपर या नीचे की तरफ न मोड़ें और न ही फिशकट जैसा कोई स्टाइल दें.

8. ब्राउन मसकारा

अपने आई मेकअप को कंप्लीट और लैश लाइन को डिफाइन करने के लिए ब्राउन शेड की आईपैंसिल का इस्तेमाल करें या फिर आईलैशेज को हाईलाइट करने के लिए ब्राउन मसकारे का सिंगल कोट लगाएं. डबल कोट या कलरफुल मसकारा लगाने की गलती न करें.

9. डिफाइन आईब्रोज

न्यूड मेकअप के दौरान अपनी आईब्रोज को नजरअंदाज करने की गलती न करें. इन्हें डिफाइन करने के लिए आईब्रोज के शेड का आईशैडो ब्रो ब्रश की मदद से आईब्रोज पर लगाएं. अब आईब्रोज बोन को हाईलाइट करने के लिए क्रीम कलर का आईशैडो लगाएं. इस से आप की आईब्रोज उभरी दिखेंगी.

10. शेड्स औफ लिपस्टिक

मेकअप के दौरान ज्यादातर लिप लाइनर के बाद लिपस्टिक लगाई जाती है, लेकिन न्यूड मेकअप कर रही हैं, तो पहले लिपस्टिक लगाएं. उस के बाद लिपलाइनर से लिप्स को परफैक्ट डिफाइन करें. आखिर में लाइट शेड का लिपग्लौस लगा कर लिप मेकअप को कंप्लीट करें. अगर आप गोरी हैं, तो पिंक या बैज, सांवली हैं तो ब्रोंज, गेहुएं रंग की हैं, तो मोव लिप कलर्स चुनें. डार्क शेड लिपस्टिक के साथ ही बहुत ज्यादा ड्राई या ग्लौसी लिपस्टिक न लगाएं. न्यूड लुक के लिए क्रीमी लिपस्टिक चुनें.

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11. ब्लशऔन

जब आंखों और होंठों का मेकअप अच्छी तरह सैट हो जाए तब ब्लशऔन से चीकबोन को हाईलाइट करें. इस के लिए न्यूट्रल शेड का जैल बेस्ड चीक टिंट या फिर पाउडर ब्लशर चुनें ताकि आप का मेकअप नैचुरल नजर आए. चाहें तो पेस्टल शेड्स के ब्लशर का चुनाव भी कर सकती हैं. ब्लशऔन को ब्रश की मदद से गालों के आगे से शुरू करते हुए हेयरलाइन तक ले जाएं. इस से आप को परफैक्ट लुक मिलेगा.

Raksha Bandhan Special: रक्षाबंधन पर दिखना है स्टाइलिश तो अपनाएं ये टिप्स

रक्षाबंधन का त्‍योहार भाई-बहन के रिश्ते का बेहद खुबसूरत पर्व है. इस दिन बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं और उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं. महिलाएं जहां इस दिन स्‍टाइलिश दिखने में कमी नहीं छोड़ती वहीं भाई भी इस दिन नए अंदाज में नजर आते हैं.

अगर आप इस बार राखी पर कुछ हटके नजर आना चाहती हैं, तो ये टिप्‍स आपके काम आ सकते हैं.

– राखी के दिन आप चटक व भड़कीले रंग जैसे रॉयल ब्लू, पैरट ग्रीन, गहरे मरून, लाल और गहरे गुलाबी रंग के परिधान पहन सकती हैं.

– ब्लिंग या चमकीले कुर्ती के साथ आप चूड़ीदार पहन सकती हैं और बांधनी दुपट्टा ले सकती हैं, हल्के मेकअप के साथ कानों में बड़े झुमके पहन सकती हैं.

– फ्यूजन (भारतीय-पश्चिमी) लुक के लिए ब्लिंग टाप के साथ आप प्रिंटेड सिल्क स्कर्ट पहन सकती हैं, या चाहें तो दुपट्टा भी ले सकती हैं.

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– परंपरागत परिधान के साथ वेस्टर्न लुक के लिए आप इकत का लंबा गाउन और मंगलापुरी ड्रेस आजमा सकती हैं, इसके साथ झुमका और रस्टिक सिल्वर नेकपीस पहनें.

– ब्राइडल ड्रेस में कुछ आसान से बदलाव के साथ आप इसे फिर से पहन सकती हैं.

– प्लेन जार्जेट या शिफान साड़ी के साथ कंट्रास्ट कलर का ब्लाउज पहनें. यह भारी काम वाले ब्लाउज पहनने पर आपके लुक को बैलेंस करेगा. अगर आप चोली पहन रही हैं तो उसके साथ दिन या शाम के फंक्शन के लिए साथ जार्जेट या शिफान की चौड़े बॉर्डर वाली साड़ी पहनें.

– एक्सेसरी के तौर पर पार्टी क्लच लेना नहीं भूलें.

– दुपट्टे के सिपंल बार्डर वाले सिंपल सूट के ऊपर लिया जा सकता है, साथ में क्लासिक रिस्ट वाच और क्लच लें. दुपट्टे को प्लाजो पैंट्स के साथ भी कैरी कर सकती हैं.

– लंहगे को आप प्लेन रौ सिल्क ब्लाउड या अलग रंग की चोली के साथ पहन सकती हैं. लंहगे के ऊपर कम कढ़ाई वाला दुपट्टा ओढ़े. कम गहने पहनें और कंप्लीट लुक के लिए पार्टी क्लच कैरी करें.

– ऊपर और अंदर की तरफ की लैशलाइन पर ब्लू काजल लगाएं और आईशैडो बिल्कुल नहीं लगाएं, लेकिन आप स्मज प्रूफ काजल लगा सकती हैं जो उमस के मौसम में नहीं फैले.

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– नैचुरल लुक के लिए गालों पर पीच रंग का ब्लश लगाएं और गुलाबी रंग का ब्लश लगाने से बचें.

– अच्छे रंग की लिपस्टिक लगाना नहीं भूलें, आप चाहें तो न्यूड शेड की लिपस्टिक लगा सकती हैं. होंठ अगर रूखे या फट गए हैं तो पहले बाम लगा लें. ज्यादा देर तक रंग लिपस्टिक को होठों पर बरकरार रखने के लिए लिप ग्लास लगाएं. मैट औरेंज या हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाएं.

Raksha Bandhan Special: आम के इन 3 फेस पैक से पाएं नेचुरल ग्लो

आम खाने के साथ-साथ आपके स्किन में निखार लाने के लिए भी बेहद फायदेमंद है. यह फल कई पैक्स में यह आपकी त्वचा को नई जान भी देता है. आज आपको बताते हैं ऐसे फेसपैक्स के बारे में जो आम से बनते हैं और आपकी त्वचा को खास चमक देते हैं.

1. आम और दही का फेसपैक

अगर आपकी त्वचा औयली है तो यह फेसपैक आपके लिए ही है. आम की बहुत सारी खूबियों के अलावा इस पैक में दही के भी गुण हैं. ये दोनों ही घर में आराम से मिल जाते हैं और पिग्मेंटेशन और टेनिंग को दूर करने में मदद करते हैं. इस पैक को बनाने के लिए आम के पल्प में एक चम्मच दही और एक चम्मच शहद मिला लें. अच्छी तरह मिलाकर चेहरे पर एक मोटी परत लगा लें. इसे चेहरे पर 10 मिनट तक रखें और फिर साफ कर लें.

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2. मैंगो पल्प फेसपैक

अगर आपकी स्किन का कलर एक तरह का नहीं है, तो आप आम का पैक ट्राई कर सकती हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए आम का गुदा लेकर उससे फेसपैक तैयार करना होगा. आपको बस आम का गुदा निकाल कर अपने चेहरे पर 2 से 3 मिनट तक रगड़ना है. यह काम हल्के हाथों से करें. कुछ देर मसलने के बाद इसे 5 से 7 मिनट तक के लिए चेहरे पर छोड़ दें और बाद में ठंडे पानी से चहेर को साफ कर लें. ऐसा करने से आपकी त्वचा पर चमक आएगी और रंगत में भी निखार होगा.

3. आम और बेसन का फेसपैक

इस पैक को बनाने के लिए आपको आम का गुदा, दो चम्मच बेसन और आधा चम्मच शहद और कुछ पीसे बादाम लेने होंगे. एक कटोरी में आम का पल्प ड़ालें. इसके बाद बेसन, पीसे बादाम और शहद भी ड़ाल लें. अब इसे अच्छी तरह मिला का पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाए और 10 से 12 मिनट के बाद धो लें. इस पैक को दो बार लगाएं और परिणाम देखें.

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Raksha Bandhan Special: चमत्कार- क्या बड़ा भाई रतन करवा पाया मोहिनी की शादी?

‘‘मोहिनी दीदी पधार रही हैं,’’ रतन, जो दूसरी मंजिल की बालकनी में मोहिनी के लिए पलकपांवडे़ बिछाए बैठा था, एकाएक नाटकीय स्वर में चीखा और एकसाथ 3-3 सीढि़यां कूदता हुआ सीधा सड़क पर आ गया.

उस के ऐलान के साथ ही सुबह से इंतजार कर रहे घर और आसपड़ोस के लोग रमन के यहां जमा होने लगे.

‘‘एक बार अपनी आंखों से बिटिया को देख लें तो चैन आ जाए,’’ श्यामा दादी ने सिर का पल्ला संवारा और इधरउधर देखते हुए अपनी बहू सपना को पुकारा.

‘‘क्या है, अम्मां?’’ मोहिनी की मां सपना लपक कर आई थीं.

‘‘होना क्या है आंटी, दादी को सिर के पल्ले की चिंता है. क्या मजाल जो अपने स्थान से जरा सा भी खिसक जाए,’’ आपस में बतियाती खिलखिलाती मोहिनी की सहेलियों, ऋचा और रीमा ने व्यंग्य किया था.

‘‘आग लगे मुए नए जमाने को. शर्म नहीं आती अपनी पोशाक देख कर? न गला, न बांहें, न पल्ला, न दुपट्टा और चली हैं दादी की हंसी उड़ाने,’’ ऋचा और रीमा को आंखों से ही घुड़क दिया. वे दोनों चुपचाप दूसरे कमरे में चली गईं.

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लगभग 2 साल पहले सपना ने अपने पति रामेश्वर बाबू को एक दुर्घटना में गंवा दिया था. श्यामा दादी ने अपना बेटा खोया था और परिवार ने अपना कर्णधार. दर्द की इस सांझी विरासत ने परिवार को एक सूत्र में बांध दिया था.

‘‘चायनाश्ते का पूरा प्रबंध है या नहीं? पहली बार ससुराल से लौट रही है हमारी मोहिनी. और हां, बेटी की नजर उतारने का प्रबंध जरूर कर लेना,’’ दादी ने लाड़ जताते हुए कहा था.

‘‘सब प्रबंध है, अम्मां. आप तो सचमुच हाथपैर फुला देती हैं. नजर आदि कोरा अंधविश्वास है. पंडितों की साजिश है,’’ सपना अनचाहे ही झल्ला गई थी.

‘‘बुरा मानने जैसा तो कुछ कहा नहीं मैं ने. क्या करूं, जबान है, फिसल जाती है. नहीं तो मैं कौन होती हूं टांग अड़ाने वाली?’’ श्यामा दादी सदा की तरह भावुक हो उठी थीं.

‘‘अब तुम दोनों झगड़ने मत लगना. शुक्र मनाओ कि सबकुछ शांति से निबट गया नहीं तो न जाने क्या होता?’’ मोहिनी के बड़े भाई रमन ने बीचबचाव किया तो उस की मां सपना और दादी श्यामा तो चुप हो गईं पर उस के मन में बवंडर सा उठने लगा. क्या होता यदि मोहिनी के विवाह के दिन ऊंट दूसरी करवट बैठ जाता? वह तो अपनी सुधबुध ही खो बैठा था. उस की यादों में तो आज भी सबकुछ वैसा ही ताजा था.

‘भैया, ओ भैया. कहां हो तुम?’ रतन इतनी तीव्रता से दौड़ता हुआ घर में घुसा था कि सभी भौचक्के रह गए थे. वह आंगन में पड़ी कुरसी पर निढाल हो कर गिरा था और हांफने लगा था.

‘क्या हुआ?’ बाल संवारती हुई अम्मां कंघी हाथ में लिए दौड़ी आई थीं. रमन दहेज के सामान को करीने से संदूक में लगवा रहा था. उस ने रतन के स्वर को सुन कर भी अनसुना कर दिया था.

शादी का घर मेहमानों से भरा हुआ था. सभी जयमाला की रस्म के लिए सजसंवर रहे थे. सपना और रतन के बीच होने वाली बातचीत को सुनने के लिए सभी बेचैन हो उठे थे. पर रतन के मुख से कुछ निकले तब न. उस की आंखों से अनवरत आंसू बहे जा रहे थे.

‘अरे, कुछ तो बोल, हुआ क्या? किसी ने पीटा है क्या? हाय राम, इस की कनपटी से तो खून बह रहा है,’ सपना घबरा कर खून रोकने का प्रयत्न करने लगी थीं. सभी मेहमान आंगन में आ खड़े हुए थे.

श्यामा दादी दौड़ कर पानी ले आई थीं. घाव धो कर मरहमपट्टी की. रतन को पानी पिलाया तो उस की जान में जान आई.

‘मेरी छोड़ो, अम्मां, रमन भैया को बुलाओ…वहां मैरिज हाल में मारपीट हो गई है. नशे में धुत बराती अनापशनाप बक रहे थे.’’

सपना रमन को बुलातीं उस से पहले ही रतन के प्रलाप को सुन कर रमन दौड़ा आया था. रतन ने विस्तार से सब बताया तो वह दंग रह गया था. वह तेजी से मैरिज हाल की ओर लपका था उस के मित्र प्रभाकर, सुनील और अनिल भी उस के साथ थे.

रमन मैरिज हाल पहुंचा तो वहां कोहराम मचा हुआ था. करीने से सजी कुरसियांमेजें उलटी पड़ी थीं. आधी से अधिक कुरसियां टूटी पड़ी थीं.

‘यह सब क्या है? यहां हुआ क्या है, नरेंद्र?’ उस ने अपने चचेरे भाई से पूछा था.

‘बराती महिलाओं का स्वागत करने घराती महिलाओं की टोली आई थी. नशे में धुत कुछ बरातियों ने न केवल महिलाओं से छेड़छाड़ की बल्कि बदतमीजी पर भी उतर आए,’ नरेंद्र ने रमन को वस्तुस्थिति से अवगत कराया था.

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रमन यह सब सुन कर भौचक खड़ा रह गया था. क्या करे क्या नहीं…कुछ समझ नहीं पा रहा था.

‘पर बराती गए कहां?’ रमन रोंआसा हो उठा था. कुछ देर में स्वयं को संभाला था उस ने.

‘जाएंगे कहां? बात अधिक न बढ़ जाए इस डर से हम ने उन्हें सामने के दोनों कमरों में बंद कर के ताला लगा दिया,’ नरेंद्र ने क्षमायाचनापूर्ण स्वर में बोल कर नजरें झुका ली थीं.

‘यह क्या कर दिया तुम ने. क्या तुम नहीं जानते कि मैं ने कितनी कठिनाई से पाईपाई जोड़ कर मोहिनी के विवाह का प्रबंध किया था. तुम लोग क्या जानो कि पिता के साए के बिना जीवन बिताना कितना कठिन होता है,’ रमन प्रलाप करते हुए फूटफूट कर रो पड़ा था.

‘स्वयं को संभालो, रमन. मैं क्या मोहिनी का शत्रु हूं? तुम ने यहां का दृश्य देखा होता तो ऐसा नहीं कहते. तुम्हें हर तरफ फैला खून नजर नहीं आता? यदि हम करते इन्हें बंद न तो न जाने कितने लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते,’ नरेंद्र, उस के मित्र प्रभाकर, सुनील और अनिल भी उसे समझाबुझा कर शांत करने का प्रयत्न करने लगे थे.

किसी प्रकार साहस जुटा कर रमन उन कमरों की ओर गया जिन में बराती बंद थे. उसे देखते ही कुछ बराती मुक्के हवा में लहराने लगे थे.

‘तुम लोगों का साहस कैसे हुआ हमें इस तरह कमरों में बंद करने का,’ कहता हुआ एक बराती दौड़ कर खिड़की तक आया और गालियों की बौछार करने लगा. एक अन्य बराती ने दूसरी खिड़की से गोलियों की झड़ी लगा दी. रमन और उस के साथी लेट न गए होते तो शायद 1-2 की जान चली जाती.

दूल्हा ‘राजीव’ पगड़ी आदि निकाल ठगा सा बैठा था.

‘समझ क्या रखा है? एकएक को हथकडि़यां न लगवा दीं तो मेरा नाम सुरेंद्रनाथ नहीं,’ वर के पिता मुट्ठियां हवा में लहराते हुए धमकी दे रहे थे.

चंद्रा गार्डन नामक इस मैरिज हाल में घटी घटना का समाचार जंगल की आग की तरह फैल गया था. समस्त मित्र व संबंधी घटनास्थल पर पहुंच कर विचारविमर्श कर रहे थे.

चंद्रा गार्डन से कुछ ही दूरी पर जानेमाने वकील और शहर के मेयर रामबाबू रहते थे. रमन के मित्र सुनील के वे दूर के संबंधी थे. उसे कुछ न सूझा तो वह अनिल और प्रभाकर के साथ उन के घर जा पहुंचा.

रामबाबू ने साथ चलने में थोड़ी नानुकुर की तो तीनों ने उन के पैर पकड़ लिए. हार कर उन को उन के साथ आना ही पड़ा.

रामबाबू ने खिड़की से ही वार्त्तालाप करने का प्रयत्न किया पर वरपक्ष का कोई व्यक्ति बात करने को तैयार नहीं था. वे हर बात का उत्तर गालियों और धमकियों से दे रहे थे.

रामबाबू ने प्रस्ताव रखा कि यदि वरपक्ष शांति बनाए रखने को तैयार हो तो वह कमरे के ताले खुलवा देंगे पर लाख प्रयत्न करने पर भी उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला. साथ ही सब को गोलियों से भून कर रख देने की धमकी भी मिली.

इसी ऊहापोह में शादी के फूल मुरझाने लगे. बड़े परिश्रम और मनोयोग से बनाया गया भोजन यों ही पड़ापड़ा खराब होने लगा.

‘जयमाला’ के लिए सजधज कर बैठी मोहिनी की आंखें पथरा गईं. कुछ देर पहले तक सुनहरे भविष्य के सपनों में डूबी मोहिनी को वही सपने दंश देने लगे थे.

काफी प्रतीक्षा के बाद वह भलीभांति समझ गई कि दुर्भाग्य ने उस का और उस के परिवार का साथ अभी तक नहीं छोड़ा है. मन हुआ कि गले में फांसी का फंदा लगा कर लटक जाए, पर रमन का विचार मन में आते ही सब भूल गई. किस तरह कठिन परिश्रम कर के रमन भैया ने पिता के बाद कर्णधार बन कर परिवार की नैया पार लगाई थी. वह पहले ही इस अप्रत्याशित परिस्थिति से जूझ रहा था और एक घाव दे कर वह उसे दुख देने की बात सोच भी नहीं सकती थी.

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उधर काफी देर होहल्ला करने के बाद बराती शांत हो गए थे. बरात में आए बच्चे भूखप्यास से रोबिलख रहे थे. बरातियों ने भी इस अजीबोगरीब स्थिति की कल्पना तक नहीं की थी.

अत: जब मेयर रामबाबू ने फिर से कमरों के ताले खोलने का प्रस्ताव रखा, बशर्ते कि बराती शांति बनाए रखें तो वरपक्ष ने तुरंत स्वीकार कर लिया.

अब तक अधिकतर बरातियों का नशा उतर चुका था. पर रस्सी जलने पर भी ऐंठन नहीं गई थी. वर के पिता सुरेंद्रनाथ तथा अन्य संबंधियों ने बरात के वापस जाने का ऐलान कर दिया. रामबाबू भी कच्ची गोलियां नहीं खेले थे. उन के इशारा करते ही कालोनी के युवकों ने बरातियों को चारों ओर से घेर लिया था.

‘देखिए श्रीमान, मोहिनी केवल एक परिवार की नहीं सारी कालोनी की बेटी है. जो हुआ गलत हुआ पर उस में बरातियों का दोष भी कम नहीं था,’ रामबाबू ने बात सुलझानी चाही थी.

‘चलिए, मान लिया कि दोचार बरातियों ने नशे में हुड़दंग मचाया था तो क्या आप हम सब को सूली पर चढ़ा देंगे?’ वरपक्ष का एक वयोवद्ध व्यक्ति आपा खो बैठा था.

‘आप इसे केवल हुड़दंग कह रहे हैं? गोलियां चली हैं यहां. न जाने कितने घरातियों को चोटें आई हैं. आप के सम्मान की बात सोच कर ही कोई थानापुलिस के चक्कर में नहीं पड़ा,’ रमन के चाचाजी ने रामबाबू की हां में हां मिलाई थी.

‘तो आप हमें धमकी दे रहे हैं?’ वर के पिता पूछ बैठे थे.

‘धमकी क्यों देने लगे भला हम? हम तो केवल यह समझाना चाह रहे हैं कि आप बरात लौटा ले गए तो आप की कीर्ति तो बढ़ने से रही. जो लोग आप को उकसा रहे हैं, पीठ पीछे खिल्ली उड़ाएंगे.’

‘अजी छोडि़ए, इन सब बातों में क्या रखा है. अब तो विवाह का आनंद भी समाप्त हो गया और इच्छा भी,’ लड़के के पिता सुरेंद्रनाथ बोले थे.

‘आप हां तो कहिए, विवाह तो कभी भी हो सकता है,’ रामबाबू ने पुन: समझाया था.

काफी नानुकुर के बाद वरपक्ष ने विवाह के लिए सहमति दी थी.

‘इन के तैयार होने से क्या होता है. मैं तो तैयार नहीं हूं. यहां जो कुछ हुआ उस का बदला तो ये लोग मेरी बहन से ही लेंगे. आप ही कहिए कि उस की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा. माना हमारे सिर पर पिता का साया नहीं है पर हम इतने गएगुजरे भी नहीं हैं कि सबकुछ देखसमझ कर भी बहन को कुएं में झोंक दें,’ तभी रमन ने अपनी दोटूक बात कह कर सभी को चौंका दिया था और फूटफूट कर रोने लगा था.

कुछ क्षणों के लिए सभी स्तब्ध रह गए थे. रामबाबू से भी कुछ कहते नहीं बना था. पर तभी अप्रत्याशित सा कुछ घटित हो गया था. भावी वर राजीव स्वयं उठ कर रमन को सांत्वना देने लगा था, ‘मैं आप को आश्वासन देता हूं कि आप की बहन मोहिनी विवाह के बाद पूर्णतया सुरक्षित रहेगी. विवाह के बाद वह आप की बहन ही नहीं मेरी पत्नी भी होगी और उसे हमारे परिवार में वही सम्मान मिलेगा जो उसे मिलना चाहिए.’

‘ले, सुन ले रमन, अब तो आंसू पोंछ डाल. इस से बड़ी गारंटी और कोई क्या देगा,’ रामबाबू बोले थे.

धीरेधीरे असमंजस के काले मेघ छंटने लगे थे. नगाड़े बज उठे थे. बैंड वाले अपनी ही धुन पर थिरक रहे थे. रमन पुन: बरातियों के स्वागतसत्कार मेें जुट गया था.

रमन न जाने और कितनी देर अपने दिवास्वप्न में डूबा रहता कि तभी मोहिनी ने अपने दोनों हाथों से उस के नेत्र मूंद दिए थे.

‘‘बूझो तो जानें,’’ वह अपने चिरपरिचित अंदाज में बोली थी.

रमन ने उसे गले से लगा लिया. सारा घर मेहमानों से भर गया था. सभी मोहिनी की एक झलक पाना चाहते थे.

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मोहिनी भी सभी से मिल कर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर रही थी. तभी रामबाबू ने वहां पहुंच कर सब के आनंद को दोगुना कर दिया था. रमन कृतज्ञतावश उन के चरणों में झुक गया था.

‘‘काकाजी उस दिन आप ने बीचबचाव न किया होता तो न जाने क्या होता,’’ वह रुंधे गले से बोला था.

‘‘लो और सुनो, बीचबचाव कैसे न करते. मोहिनी क्या हमारी कुछ नहीं लगती. वैसे भी यह हमारे साथ ही दो परिवार के सम्मान का भी प्रश्न था,’’ रामबाबू मुसकराए फिर

राजीव से बोले, ‘‘एक बात की बड़ी उत्सुकता है हम सभी को कि वे लोग थे कौन जिन्होंने इतना उत्पात मचाया था? मुझे तो ऐसा लगा कि बरात में 3-4 युवक जानबूझ कर आग को हवा दे रहे थे.’’

‘‘आप ने ठीक समझा, चाचाजी,’’ राजीव बोला, ‘‘वे चारों हमारे दूर के संबंधी हैं. संपत्ति को ले कर हमारे दादाजी से उन का विवाद हो गया था. वह मुकदमा हम जीत गए, तब से उन्होंने मानो हमें नीचा दिखाने की ठान ली है. सामने तो बड़ा मीठा व्यवहार करते हैं पर पीठ पीछे छुरा भोंकते हैं,’’ राजीव ने स्पष्ट किया.

‘‘देखा, रमन, मैं न कहता था. वे तो विवाह रुकवाने के इरादे से ही बरात में आए थे, पर उस दिन राजीव, तुम ने जिस साहस और सयानेपन का परिचय दिया, मैं तो तुम्हारा कायल हो गया. मोहिनी बेटी के रूप में हीरा मिला है तुम्हें. संभाल कर रखना इसे,’’ रामबाबू ने राजीव की प्रशंसा के पुल बांध दिए थे.

राजीव और मोहिनी की निगाहें एक क्षण को मिली थीं. नजरों में बहते अथाह प्रेम के सागर को देख कर ही रमन तृप्त हो गया था, ‘‘आप ठीक कहते हैं, काका. ऐसे संबंधी बड़े भाग्य से मिलते हैं.’’

वह आश्वस्त था कि मोहिनी का भविष्य उस ने सक्षम हाथों में सौंपा था.

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Raksha Bandhan Special: फेस्टिवल पर बनाएं टेस्टी रसकदम

भाई बहन का सबसे बड़ा त्योहार, रक्षाबंधन. ऐसा दिन जब भाई-बहन अपने सारे तकरार भूल प्यार के रंग में रंग जाते हैं. यही वह दिन है जिसका एक बहन को बेसब्री से इंतजार होता है. यूं तो हर रक्षाबंधन आप अपने भाई का मुंह मीठा कराती होंगी, अपने भाई के लिए बाजार से मिठाई लाती होंगी. इस रक्षाबंधन आप कुछ अलग करें.

अपने भाई के लिए अपने हाथों से रसकदम बनाइए. बेशक आपकी बनाई हुई मिठाई खा कर आपका भाई आपके तारीफों का पुल बांध देगा और आप दोनों के बीच का रिश्ता और गहरा हो जाएगा. तो इस रक्षाबंधन जरूर बनाएं रसकदम. इसे खोया कदम या क्षीरकदम भी कहते हैं.

हमें चाहिए

मावा – एक कप (250 ग्राम)

चीनी पाउडर – आघा कप से थोड़ी अधिक (100 ग्राम)

पनीर – एक कप क्रम्बल किया हुआ (200 ग्राम)

चीनी – तीन चौथाई कप (150 ग्राम)

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कार्न फ्लोर – दो छोटे चम्मच

नीबू – एक नीबू का रस

पीला कलर – एक पिंच

केसर – 10-12 धागे

फूल क्रीम दूध – पांच सौ ग्राम

बनाने का तरीका

रसकदम बनाने के लिए सबसे पहले छेना बनाकर तैयार कर लीजिए. दूध गरम होने के लिए रख दीजिए. जब दूध में उबाल आ जाए तो गैस बंद कर दीजिए और दूध को थोड़ा सा ठंडा होने दीजिए. दूध के 80 प्रतिशत गरम रह जाने पर, नींबू के रस में 2 चम्मच पानी मिला कर, थोड़ा-थोड़ा डालते हुये मिलाइये. दूध पूरी तरह से फट जाए तो दूध में से पानी अलग तथा छेना अलग हो जाता है. तब आप नींबू का रस डालना बंद कर दीजिए.

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छेना को एक साफ कपड़े, सूती कपड़े में डाल कर छान लीजिए, हाथ से दबा कर सारा पानी निकाल दीजिये. तथा छेना के ऊपर ठंडा पानी डाल दीजिए. ऐसा करने से इसमें से नींबू का सारा स्वाद हट जाएगा. कपड़े को चारों तरफ से हाथों से उठाकर दबाते हुए छेनाका सारा पानी निकाल दीजिए. रसगुल्ले बनाने के लिए छेना तैयार हो चुका है.

छेना को अलग थाली में निकाल लीजिए. और हाथों से मसल-मसलकर चिकना कीजिए. कार्न फ्लोर और पीला रंग डालिये और मिलाते हुए, छेना को मलिये और चिकना कर लीजिए. रसगुल्ले बनाने के लिए छेना तैयार है. छेना से छोटे-छोटे गोले बनाकर कर थाली में रखते जाइए. सारे गोले बना लीजिये.

कुकर में चीनी और 2 कप पानी डालकर उबलने के लिए रख दीजिए, चीनी को पानी में घुलने तक पका लीजिये, चाशनी में केसर के धागे डाल दीजिये और चाशनी में उबाल आने दीजिये.

उबलती चाशनी में छेना से बने हुए गोले डाल दीजिए. कुकर को बन्द कर दीजिए और 1 सीटी आने तक पकने दीजिए. सीटी आने के बाद गैस को धीमा कर दीजिए और रसगुल्लों को धीमी मीडियम आंच पर 8-10 मिनिट पकने दीजिए. इसके बाद गैस बंद कर दीजिए और कुकर का प्रैशर समाप्त होने पर रसगुल्लों को निकालें.

रसगुल्लों को 2-3 घंटे तक चाशनी में ही रहने दीजिए इसके बाद इन्हें छलनी की मदद से छान लीजिए ताकि सारी चाशनी निकल जाए. पनीर को कद्दूकस कर लीजिए और कढा़ई में डालकर लगातार चलाते हुए भून लीजिए. पनीर ड्राई होकर हल्का ब्राउन हो जाने पर गैस बंद कर दीजिए और भुने पनीर को प्लेट में निकाल लीजिये.

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कद्दूकस किए हुए मावा में पाउडर चीनी डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लीजिए. अब मावा से लड्डू के आकार के लगभग 11 छोटे-छोटे गोले तोड़ लीजिए. एक गोले को उठा कर इसको चपटा करके बढा़ थोड़ा बड़ा कर लीजिये. फिर इसमें एक रसगुल्ला रखकर चारों ओर खोया से बंद करके गोल लड्डू का आकार दे दीजिए.

इस गोले को भूने पनीर पर लपेट कर थाली में रख दीजिए सारे रसकदम इसी तरह बनाकर तैयार कर लीजिए. रसकदम को 1 घंटे के लिए फ्रिज में रख कर उसके बाद सर्व कीजिए.

Raksha Bandhan Special: झट से बनाएं चौको क्रीम बनाना सूशी

रक्षाबंधन के मौके पर अगर आप कोई टेस्टी और हेल्दी रेसिपी ट्राय करना चाहती हैं तो चौको क्रीम बनाना सूशी की ये रेसिपी ट्राय कर सकते हैं. ये बनाने में आसान है और आपकी फैमिली को बेहद पसंद आने वाले रेसिपी है.

सामग्री:

1 बड़ा चम्मच कोको पाउडर

2 बड़े चम्मच क्रीम

3 बड़े चम्मच कंडैंस्ड मिल्क

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8-10 रोस्टेड बादाम

1 तैयार टोरटिला

1 केला

विधि:

एक पैन में कंडैंस्ड मिल्क, कोको पाउडर व क्रीम को 1-2 मिनट तक पकाएं. सौस तैयार है. टोरटिला पर यह सौस लगाएं. बीच में केला छील कर रखें व रोल करें. इस के टुकड़े काटें व बादाम से सजा कर परोसें.

व्यंजन सहयोग : अनुपमा गुप्ता

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Raksha Bandhan Special: डस्की स्किन के लिए ट्राय करें मेकअप टिप्स

खूबसूरत दिखने के लिए सब से जरूरी है स्वस्थ, चमकती स्किन न कि गोरा रंग. चमकती स्किन के लिए स्वस्थ जीवनशैली और खानपान, अच्छा स्वास्थ्य, गहरी नींद और मन की शांति जरूरी है.

आइए, जानें आश्मीन मुंजाल से सावंली सूरत के लिए मेकअप टिप्स:

– सब से पहले यह देखें कि आप के चेहरे पर अनचाहे बाल न रह जाएं. आइब्रोज, अपर लिप्स, लोअर लिप्स, फोरहैड, चीकबोन जैसी जगहों पर आने वाले अनचाहे बालों को साफ रखें. जरूरी लगे तो उन्हें कंसील कर लें ताकि आप का लुक उभर कर सामने आए.

– अब मेकअप शुरू करें. स्किन टोन के साथ स्किन टैक्सचर का भी ध्यान रखें. सब से पहले एक अच्छे प्राइमर के साथ शुरुआत करें. यदि स्किन में ड्राइनैस, पैचीनैस या अनइवननैस है तो ब्यूटी बाम का प्रयोग कर सकती हैं.

– प्राइमर के बाद फाउंडेशन लगाएं. (स्किन टाइप और जरूरत के हिसाब से फाउंडेशन ग्लौसी, जैल बेस्ड, एचडी या सिलीकौन लें) ध्यान रखें कि फाउंडेशन सेम स्किन टोन का ही लें. डस्की स्किन पर थोड़े भी फेयर टोन के फाउंडेशन का प्रयोग किया जाए तो स्किन चोक्ड और व्हाइट लगने लगती है.

– कंटूरिंग भी डस्की स्किन मेकअप में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अपने चेहरे के उभारों को हाईलाइट करें और गड्ढों को भरें. इस से स्किन इवन और अट्रैक्टिव नजर आती है.

– बेस, फाउंडेशन, कंटूरिंग और ब्लशऔन के बाद लिप मेकअप करें. डस्की स्किन में लिप मेकअप के लिए ब्राउन, मरून, रैड और चैरी रैड जैसे अर्थी कलर्स या फिर कोरल कलर्स का प्रयोग करें.

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– आई मेकअप पर खास ध्यान दें. स्मोकी  आईज के लिए ब्लैक ट्राई न करें, बल्कि वाइन स्मोक, ब्राउन स्मोक, गे्र स्मोक जैसे औप्शन और कोरल कलर्स ट्राई करें. फेक आईलैशेज भी ब्यूटीफुल इंडियन लुक के लिए ट्राई कर सकती हैं.

– चमकदार रंगों का प्रयोग न करें. यलो, औरेंज, नियोन जैसे कलर्स अवौइड करें. ये चटकदार रंग हैं जो सांवली सूरत पर अच्छे नहीं लगते. हलके और स्किन टोन से मैच करते रंग आप के ऊपर ज्यादा खूबसूरत लगेंगे. आप प्लम, ब्राउन, लाइट पिंक, रैड जैसे कलर्स ट्राई कर सकती हैं.

– जब बात फौर्मल लुक की हो तो बेज कलर की सिंपल शौर्ट ड्रैस पहन सकती हैं जिस में प्रिंट का काम किया गया हो. ऐसी शौर्ट ड्रैस के साथ हाई हील्स, स्मार्ट वाच और कोट पहन कर औफिस लुक कैरी किया जा सकता है. सैल्मन पिंक कलर का प्रौपर फौर्मल आउटफिट बहुत शानदार लगेगा.

डस्की ब्यूटी ड्रैसिंग स्टाइल्स

मेकअप डिजाइनर आशिमा शर्मा कहती हैं कि यदि आप का स्किन टोन डस्की है तो आप कुछ बातों का खास ध्यान रखें:

– डैनिम कलर के कपड़े पहनें, जैसे डैनिम जींस, प्लाजो, डैनिम शर्ट आदि.

– आप अपने कपड़ों फैब्रिक के साथ खेल कर भी फैबुलस लुक पा सकती हैं. अगर आप ब्लैक कलर की शौर्ट ड्रैस पहन रही हैं और उस में नैट, शिफौन जैसे फैब्रिक मौजूद हों, तो ये आप के लुक को निखारने में सहायता करेंगे.

– ब्लिंगी गोल्ड आप के  लिए बेहद शानदार साबित हो सकता है. यदि आप को गाउन पहनना पसंद है तो आप रैड कलर का फ्लोरलैंथ गाउन पहन सकती हैं. औफशोल्डर्ड, शोल्डरलैस, सिंगलशोल्डर्ड गाउन आप पर अच्छे लगेंगे. इन के साथ अपने बालों को स्ट्रेट रखें.

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– अगर बात फौर्मल्स की हो तो आप के लिए काफी कुछ है. हाईवैस्ट जींस को आप सौलिड ट्विस्ट टौप के साथ पहन सकती हैं. इस तरह के लुक के लिए आप अपने बाल बांध कर रख सकती हैं.

– पैंसिल स्कर्ट के साथ लाइट मिंट कलर में रूफल स्ट्रिपड टौप पहनें, बालों को खोल कर रखें. सिंपल ईयरिंग के साथ लुक कैरी करें.

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