शादी में बस चंद दिन ही बचे थे तब राहुल ने पूजा को बताया कि वह एच.आई.वी. पोजिटिव है. एड्स से ग्रसित वह धीरेधीरे मौत के करीब जा रहा है. 2 वर्ष पहले एक एक्सीडेंट के बाद इलाज के दौरान डाक्टरों की लापरवाही से उसे संक्रमित खून चढ़ा दिया गया था. पूजा राहुल को आश्वासन देती है कि वह सब असलियत जान कर भी शादी कर उस की हमसफर जरूर बनेगी और साथ ही राहुल से वचन लेती है कि अपनी बीमारी को घरवालों से राज रखेगा. राहुल के यह कहने पर कि बीमारी को लोगों से छिपाना आसान नहीं होगा, तो पूजा का जवाब था कि ‘शादी के बाद वह सब देखना मेरा काम होगा. लोगों को क्या जवाब देना है, यह भी मैं ही देखूंगी.’
एक सप्ताह बाद दोनों की शादी हो जाती है. इस शादी के पीछे का भयानक सच उन दोनों के अलावा शादी में शामिल कोई भी तीसरा नहीं जानता था. अग्नि के फेरे लेते हुए दोनों के मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था लेकिन वे चेहरे से एकदम सामान्य दिख रहे थे. अब आगे...
पूजा की डोली ससुराल आई.
ससुराल में आते ही पूजा औरतों
में घिर गई थी. शादी के बाद की रस्में जो पूरी की जानी थीं.
शादी के बाद राहुल और पूजा के पहले इम्तिहान की घड़ी सुहागरात थी.
रस्मों के पूरा होने के बाद हंसी- ठिठोली करती पूजा की ननद रेखा और उस की कुछ सहेलियों ने उन दोनों को सुहागरात वाले कमरे के अंदर धकेल दिया था.
अकेले पड़ते ही दोनों ने एकदूसरे को देखा.
सुहागरात का अर्थ दोनों ही समझते थे मगर उन दोनों को इस बात का भी एहसास था कि वह आम पतिपत्नियों जैसे नहीं थे.