सीमा भी चाहती थी कि विवाह के बाद उस का एक अपना घर हो, उस में पति का स्वामित्व हो. पिता की धनदौलत, जायदाद का उसे कोई मोह न था. क्या पिता के प्यार का वास्ता उसे उस के स्वाभिमान के रास्ते से डिगा सका?