SUBSCRIBE
Login
⚲
Hindi
Bangla
Gujarati
Kannada
Malayalam
Marathi
⚲
सब्सक्राइब
Search
ऑडियो
कहानी
ब्यूटी
फिल्म
फूड
हेल्थ
रीडर प्रौब्लम
सोसाइटी
लाइफस्टाइल
कहानी
ब्यूटी
फूड
हेल्थ
फिल्म
लाइफस्टाइल
सोसायटी
रीडर्स प्रौब्लम
ऑडियो
सब्सक्राइब करें
लॉग इन
कहानी
ब्यूटी
फूड
हेल्थ
फिल्म
लाइफस्टाइल
सोसायटी
रीडर्स प्रौब्लम
ऑडियो स्टोरी
About Us
Contact Us
Copyright Policy
Privacy Policy
Terms and Conditions
Write for Us
कहानी
रुपहली चमक: विशेष के मन में क्यों था अधूरेपन का एहसास
सभी सुखसुविधा, पैसा पा कर भी विशेष के मन के भीतर एक अधूरेपन का एहसास क्यों हो रहा था?
Digital Team
,
Mar 13, 2021
भाग - 1
फोटो की बात चलने पर सुरेश की मां ने भी सुकेशनी की एक रंगीन फोटो हमारे सामने रख दी
भाग - 2
कु के मातापिता निश्चिंत हो गए कि दामाद आत्मनिर्भर होने जा रहा है और सुकु इस बात से बड़ी प्रसन्न हुई कि अन्य लड़कियों की भांति वह भी अब अपना अलग घर बनाने व सजाने जा रही है.
भाग - 3
सुकु साढ़े 8 बजे दोनों बच्चों को शिशुसदन छोड़ती हुई स्कूल चली जाती थी और लौटते समय उन्हें लेते हुए घर चली आती थी.
भाग - 4
मैं उदास व खोयाखोया सा बैठा रहा. वह कमरे में आई, पर उदास, निढाल व थकीथकी सी. मैं अभी भी चुप रहा.
गृहशोभा डिजिटल सब्सक्राइब करें
मनोरंजक कहानियों और महिलाओं से जुड़ी हर नई खबर के लिए सब्सक्राइब करिए
सब्सक्राइब करें
×
सबस्क्राइब करें
डिजिटल
+ प्रिंट
एडिशन
गिफ्ट पाने वाले की डिटेल
गिफ्ट देने वाले की डिटेल
पहले से रजिस्टर्ड?
यहां लॉगिन करें.
×
लॉग इन करें
डिजिटल एडिशन
Resend OTP
एक्सेस नहीं है?
यहां रजिस्टर करें.
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिए
सब्सक्राइब करें