इश्क जब हद से गुजरता है तो जनून बन जाता है. यह जनून कब पागलपन और हिंसा की तमाम हदें पार कर दे, पता ही नहीं चलता. रोहित और रिया की इस कहानी में भी जनून था, लेकिन इस जनून में सपनों व अरमानों का खून भी था.