उन्हीं दिनों एंड्रिया का एक मित्र, जो एंड्रिया के गायब होने वाले दिन ही गुवाहाटी चला गया था, अचानक दिल्ली वापस आ गया. वापस आने पर उसे जैसे ही एंड्रिया के दूसरे मित्रों से उस की संदिग्ध मौत का समाचार मिला तो वह तत्काल ही अलाना से मिलने पहुंचा. उस ने अलाना को बताया कि उस दिन एंड्रिया कालेज आने से पहले रास्ते में कोचिंग वाले ट्यूटर के घर से कुछ नोट्स लेने जाने वाली थी, उन्होंने ही उसे अपने फ्लैट पर आ कर नोट्स ले जाने को कहा था.
एंड्रिया के मित्र के बयान के आधार पर पुलिस ने जब उस ट्यूटर के घर की तलाशी ली तो सारा सच सामने आ गया. बिल्ंिडग में लगे सीसीटीवी कैमरे के पुराने रिकौर्ड्स की जांच करने पर पाया गया कि उस दिन एंड्रिया सुबह करीब 9 बजे ट्यूटर के अपार्टमैंट में आई थी. मगर उस के वापस जाने का कहीं कोई रिकौर्ड नहीं था. हां, उसी दिन दोपहर करीब 1 बजे ट्यूटर और उस का एक साथी एक बड़ा सा ब्रीफकेस घसीटते हुए बाहर ले जा रहे थे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के दबाव में उन्होंने जल्दी ही अपना जुर्म कुबूल कर लिया.
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घटना वाले दिन जब एंड्रिया वहां नोट्स लेने पहुंची तो ट्यूटर के यहां उस का एक साथी भी मौजूद था. दोनों ने बारीबारी से एंड्रिया के साथ जोरजबरदस्ती की और अपने मोबाइल में उस का वीडियो भी बना लिया. उन्होंने एंड्रिया को धमकाया कि वह इस बारे में किसी से कुछ न कहे. बस, आगे भी ऐसे ही उन से मिलने आती रहे. अगर वह उन की बात नहीं मानेगी तो वे उस का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देंगे. उन के लाख समझाने पर भी एंड्रिया चिल्लाचिल्ला कर कहती रही कि वह चुप नहीं बैठेगी और उन दोनों को उन के किए की सजा दिलवा कर चैन लेगी. जब वह नहीं मानी तो उन्होंने गला दबा कर उस की हत्या कर दी और लाश के टुकड़े कर के एक ब्रीफकेस में भर कर यमुना नदी में फेंक आए. मुजरिमों की गिरफ्तारी के कुछ समय बाद ही यीरंग को आस्ट्रेलिया से एक अच्छा जौब औफर मिल गया. वह और अलाना एक नई शुरुआत करने के लिए वहां प्रवास कर गए. उन्हें आस्ट्रेलिया आए हुए अब तक करीब 5 साल हो चुके थे और मासूम एंड्रिया को दुनिया छोड़े हुए करीब 6 साल. मगर उस की मौत से मिले जख्म थे कि सूखने का नाम ही नहीं ले रहे थे. जबजब इन जख्मों में टीस उठती, दिल का दर्द शिद्दत पर पहुंच कर दिन का चैन और रातों की नींद हराम कर के रख देता.