लंबी खामोशी के बाद संजीव संजीदा लहजे में बोला, ‘‘लगता है कि मानसी के साथ अपने गलत रिश्ते को जड़ से खत्म करने का वक्त आ गया है. शिखा से इस रिश्ते को छिपाने की टैंशन और मन में लगातार बनी रहने वाली खीज व अपराधबोध का शिकार बन मैं अभी से हाई ब्लड प्रैशर का मरीज हो गया हूं. मैं तुम से वादा करता हूं कि मानसी से अपना रिश्ता खत्म कर दूंगा.’’
‘‘भाई साहब, मु झ से झूठा वादा न करना वरना मु झे बहुत दुख होगा,’’ अंजलि की आंखों में एकाएक आंसू भर आए थे.
‘‘मैं रोहित के साथ अपनी दोस्ती का वास्ता देता हूं कि मैं सच बोल रहा हूं.’’
‘‘तब मैं भी आप से वादा करती हूं कि अगली मुलाकात में मैं अमन को उस से फिर कभी न मिलने आने की बात सख्ती से बता दूंगी.’’
संजीव के मन के एक कोने में यह विचार उभरा कि मानसी के साथ उस कारिश्ता तुड़वाने के लिए ही तो कहीं अंजलि ने अपने पुराने प्रेमी अमन से शादी के बाद भी मिलने जाने का सारा मुद्दा जानबू झ कर तो
खड़ा नहीं किया था. मगर फिर विचार को अनदेखा करते हुए संजीव ने उस की दिल से प्रशंसा करी, ‘‘तुम वाकई बहुत सम झदार लड़की हो अंजलि.’’
‘‘थैंक यू, भाई साहब,’’ अपनी तारीफ सुन कर अंजलि खुशी से भर गई
‘‘सही राह दिखाने के लिए ‘थैंक यू’ तो तुम्हें मु झे बोलना चाहिए,’’ मानसी के साथ
अपने गलत रिश्ते को समाप्त करने का फैसला कर लेने से संजीव मन ही मन सचमुच बहुत ज्यादा राहत और अजीब सी खुशी महसूस कर रहा था.