घर की खराब आर्थिक स्थिति से परेशान अभिषेक के कदम प्यार के रास्ते से डगमगाने लगे थे. न चाह कर भी वह रंजना को अपनेआप से अलग करने की सोचने लगा. लेकिन सच्चे प्यार की डोर इतनी नाजुक नहीं होती कि जिंदगी की उलझनें उन्हें सुलझाने के बजाय और अधिक उलझा दें.