सवाल-
मेरी उम्र 42 साल है. कई दिनों से पीठ और हाथों में अचानक दर्द होने लगता है. पीठ के दर्द की तीव्रता हर बार अलग होती है. मलमूत्र में भी समस्या हो रही है और कभीकभी पैरों में भी दर्द होता है. क्या ये किसी बीमारी के लक्षण हैं या कोई सामान्य समस्या है? इस दर्द से कैसे छुटकारा पाऊं?
जवाब-
आप के द्वारा बताए गए सभी लक्षण स्पाइनल इन्फैक्शन की ओर इशारा करते हैं. हालांकि समस्या कोई और भी हो सकती है, इसलिए एमआरआई करवा के सही समस्या की पुष्टि करें. इस में रीढ़ का आकार खराब हो सकता है, इसलिए इलाज में देरी बिलकुल न करें. स्पाइनल संक्रमण का सब से सामान्य उपचार इंट्रावीनस ऐंटीबायेटिक दवाइयों के सेवन, ब्रेसिंग और शरीर को पूरी तरह आराम देने के साथ शुरू होता है. वर्टिकल डिस्क में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है, इसलिए जब बैक्टीरिया अटैक करता है तो शरीर की इम्यून कोशिकाओं और एंटीबायोटिक दवाइयों को संक्रमण के स्थान तक पहुंचने में मुश्किल होती है. वहीं, संक्रमण के उपचार के दौरान रीढ़ को सही आकार में रखने में मदद करती हैं. बे्रसिंग संक्रमण के उपचार के दौरान रीढ़ को सही आकार में रखने में मदद करती है. इस का दूसरा इलाज सर्जरी है, जिस की सलाह तब दी जाती है जब संक्रमण पर दवा का कोई असर नहीं पड़ता है.
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इस लॉक डाउन में महिलाओं को घर के सारे काम और ऑफिस का काम घंटो बैठकर करना पड़ रहा है, जिससे वे पीठ दर्द की समस्या से पीड़ित हो रही है. वैसे भी महिलाओं को अधिकतर कमर दर्द से गुजरना पड़ता है. पीठ दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से महिलाओं का कई बार उठना-बैठना या कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है. कोरोना संक्रमण के बीच ‘वर्क फ्रॉम होम’ को काफी बढ़ावा मिला है, कई कंपनियां तो लगातार अपने कर्मचारी को घर से काम करने की सलाह दी है. इसकी वाजह से 20 से 60 वर्ष की महिलाओं में लगभग 40 प्रतिशत पीठ, कंधे और गर्दन में दर्द की शिकायत बढ़ी है. मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के इंटरवेंशनल स्पाइन & मॅनेजमेंट स्पेशालिस्ट डॉ. कैलाश कोठारी कहते है कि महिलाएं पीठ दर्द को नजरंदाज करती है और इसे वे थोडा दर्द की मलहम या सेक लगाकर ठीक करने की कोशिश करती है, जबकि ऐसा नहीं होता, सही इलाज और वर्कआउट की जरुरत इसे कम करने के लिए होती है.