फैशन या सेहत दोनों में से किसी एक को चुनना हो, तो आमतौर पर युवतियां फैशन को ही चुनती हैं.अब जूतेचप्पलों की ही बात लें. अधिक स्मार्ट दिखने की चाहत में आजकल युवतियांहाई हील पसंद करती हैं और उसे पहन कर फूली नहीं समातीं. लेकिन आप जो कुछ पहन रही हैं, वह सेहत के लिए ठीक भी है या नहीं? कहीं ऐसा न हो कि सौदा महंगा पड़ जाए. युवाओं के पसंदीदा आधुनिक फैशनेबल जूते न सिर्फ पैरों, बल्कि रीढ़ की हड्डी सहित शरीर के अन्य कई अंगों के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकते हैं. नौर्थ लंदन के वैज्ञानिकोें ने विभिन्न आयु समूह की महिलाओं पर शोध के बाद यह नतीजा निकाला है. आइए, देखें कि किस तरह के जूतों से कैसीकैसी समस्याएं पैदा होती हैं:
स्लिप औन शूज: एकदम सपाट होने के कारण ये कमर की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुचा सकते हैं, जिस से आप को असहनीय दर्द हो सकता है.
बैलेट पंप्स: सपाट होने के साथ इन में हील नहीं होती. इन से पंजे नुकीले हो जाते हैं और घुटनों में तकलीफ होती है.
ट्रेनर्स: लो कट और लेस वाले हलके शूज को युवतियां खूब पसंद करती हैं. इन से पंजों की मांसपेशियों में अकड़न और उन के अंदर की ओर मुड़ जाने की समस्या पैदा हो सकती है. इस से पैरों में गांठ पड़ने के मामले भी सामने आए हैं.
स्टिलस्टोज हील्स : 1 इंच से 10 इंच तक ऊंची हील वाले इन जूतों से चाल तो बिगड़ती ही है, साथ ही कुछ खास विकृतियों के चलते घुटनों, पीठ और कमर में तेज दर्द भी हो सकता है. इन से पिंडलियों की मांसपेशियां भी छोटी हो जाती हैं.