जिस तरह से एक फूल को खिलने के लिए उसे सही मात्रा में हवा, पानी और धूप की जरूरत होती है. ठीक उसी तरह से एक इंसान को आगे बढ़ने या खिलने के लिए गर्मजोशी और सकारात्मकता से भरे हुए दिल की जरूरत होती है. साथ ही जरूरत है एक आशा से भरे मन और दृढ़ निश्चय की. हालांकि, अक्सर कई लोग अपनी जीवन में ये सभी बातें लागू करने में विफल हो जाते हैं. और नकारात्मकता से भर जाते हैं. जो हमें अपनी वास्तविक क्षमताओं को महसूस करने से रोकते हैं. और हम अपने नकारात्मक स्वाभाव के चलते लोगों से दूर होते चले जाते हैं और उन्हें उनकी गलतियों के लिए क्षमा नहीं कर पाते.
1. गलत है नकारात्मकता-
अगर हमारे दिल में नकारात्मकताएं हैं तो ये हमारे साथ-साथ दूसरों के लिए भी गलत हो सकता है. क्योंकि इससे हमारे व्यवहार में भी काफी बदलाव आ जाते हैं. जिससे बात-बात गुस्सा आना और नफरत भरने लगती है. जो हमारे स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालती है. वहीं बात अगर किसी को क्षमा करने की करें तो अगर आपके अंदर सकारात्मकता रहेगी तो, आपके लिए ये काम बेहद आसान हो जाएगा. इससे आप किसी के चहरे में हंसी और प्यार भी ला पाएंगे.
ये भी पढ़ें- पारिवारिक कलह का असर मासूमों पर
2. क्षमा करना क्यों जरूरी-
दूसों को क्षमा करना ना सिर्फ हमारे की सकारात्मकता को दर्शाती है, बल्कि दूसरों के प्रति प्रेम की भावना को भी बढ़ाता है. क्षमा करना कई मायनों में जरूरी भी है आइये जानते हैं क्यों?
• क्षमा करने से आप खुद को अच्छा महसूस कर पाएंगे. आपके अंदर से क्रोध या अतीत की बातें भुलाने में मदद मिलती है और आप आगे बढ़ पाते हैं.
• अगर आप किसी को क्षमा करते हैं तो इससे मानसिक स्थिति में सुधार आता है. आप बार-बार एक बारे में नहीं सोचते. अगर आप सोचना बंद कर देंगे तो आपको ब्लडप्रेशर और अवसाद की समस्या कम हो जाएगी.
• अगर आपके अंदर सकारात्मकता होगी तो आपके अंदर दूसरों क्व प्रति आदर, करुना और आत्मविश्वास बढेगा. जिससे आप एक बेहतर इंसान बनेंगे.
• क्षमा करने से आप मानसिक तौर पर खुद कलो स्वस्थ्य बना पाएंगे. क्षमा करने से आप खुद के विचारों और भावनाओं में हेरफेर को रोक पाएंगे.
• क्षमा करने से आपको दिमागी रूप से शांति मिलेगी. आपके लिए ये दुनिया भले ही कितनी निराशजनक क्यों ना हो लेकिन, जहां आपने किसी के प्रति सकारात्मकता दिखाई और क्षमा किया, उसी बीच आप साड़ी अराजकताओं से भी दूर हो जाएंगे.