बदलता मौसम सर्दी और गर्मी के बीच की कड़ी है. इस मौसम में तमाम पेड़ नयी कोंपलों की आस में अपने पुराने पत्ते गिरा देते हैं. इस मौसम को पतझड़ का मौसम भी कहते हैं. पतझड़ के महीने में चलने वाली तेज़ हवा जहाँ सुबह-शाम को खुशनुमा बनाती है, वहीँ ये स्किन में रूखापन भी पैदा करती है. हवाओं के कारण होंठ बार-बार ड्राय होते हैं और कभी-कभी तो उनमे गहरी दरारें भी पड़ जाती हैं जो ज़्यादा तकलीफदेय होती हैं.
पतझड़ के मौसम में ड्राय स्किन को स्निग्ध रखने के लिए यदि तेल या क्रीम का इस्तेमाल करें तो हवा में उपस्थित धूलकणों और गर्मी के कारण ये स्किन को और खराब करती है. इन दिनों में सूरज भी अपनी पूरी प्रचंडता दिखाने लगता है, इसकी अल्ट्रावायलेट किरणें स्किन पर मौजूद तेल के साथ मिल कर आपके पूरे कॉम्प्लेक्शन को बर्बाद कर देती हैं.
स्किन में अपनी नमी और कोमलता ही किसी स्त्री के सौंदर्य का आधार है. इस नमी और कोमलता को ड्राय मौसम में भी बनाये रखने के लिए विशेष देखभाल और घरेलू उपचार की आवश्यकता होती है. हर व्यक्ति की स्किन में ड्रायता का पैमाना अलग-अलग होता है. कुछ लोगों की स्किन कम रूखी होती है और कुछ की अधिक. मौसमों के बदलाव के साथ भी ड्रायता कम या ज़्यादा होती रहती है. जब रूखापन बहुत ज़्यादा होने लगे तो उपचार आवश्यक हो जाता है मगर इन उपचारों को जानने से पहले ये जानना बहुत ज़रूरी है कि अत्यधिक रूखेपन के क्या कारण हो सकते हैं.
स्किन के रूखेपन का कारण