केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड की दूसरी लहर के मद्देनजर जिस राहत पैकेज की घोषणा की है, उसका उत्तरप्रदेश को अधिकतम लाभ मिलना चाहिए. ऐसी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है. उन्होंने संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ( अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव) को निर्देश दिया है कि वह यथाशीघ्र अपने विभाग की कार्ययोजना बनाकर केंद्र को भेजें ताकि राहत पैकेज के तहत जो पैसा प्रदेश को मिलना है,वह शीघ्र मिले. कार्ययोजना बनाने के साथ इस बाबत लगातार केंद्र के संपर्क में रहें.
मालूम हो कि केंद्रीय वित्तमंत्री ने सोमवार को कोविड की दूसरी लहर से सर्वाधिक प्रभावित सेक्टर्स और लोगों के लिए राहत पैकेज (रिलीफ मेजर्स ) की घोषणा की थी.
इसमें वैश्विक महामारी कोरोना से प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की गारंटी स्कीम के तहत 50 हजार करोड़ की लोन गारंटी योजना स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए और बाकी अन्य सेक्टर्स के लिए है. स्वास्थ्य सेक्टर्स के तहत जो पैसा मिलना है उसे इस क्षेत्र की बुनियादी संरचना को और मजबूत किया जाएगा. फोकस मेट्रोपोलिटन शहरों की जगह अपेक्षाकृत कम सुविधाओं वाले छोटे शहर होंगे. मालूम हो कि प्रदेश की योगी सरकार पहले से ही इस क्षेत्र में काम कर रही है. उसकी मंशा हर जिले में मेडिकल कॉलेज और राजधानी लखनऊ समेत गोरखपुर,वाराणसी, आगरा और कानपुर आदि में पीपीपी मॉडल पर सुपर स्पेसिएलिटी हॉस्पिटल बनाने की है. पैकेज से मिले पैसे से जो काम चल रहे हैं उनकी गति और तेज हो जाएगी और कुछ नए काम भी शुरू हो सकेंगे.