अब जब कि बारिश लगभग समाप्ति की ओर है और त्यौहारी मौसम प्रारम्भ हो चुका है. बारिश के बाद सितंबर अक्टूबर में खिली धूप निकलती है और साथ ही शुरू हो जाता है घरों में साफ सफाई और रिनोवेशन का कार्य. चूंकि अक्टूबर नवम्बर में दीवाली भी होती है इसलिए दीवाली की तैयारियां भी प्रारम्भ हो जाती है. इन दिनों कुछ लोग अपने नए अथवा पुराने घर का इंटीरियर भी कराते हैं. घर के इंटीरियर में लाइट का बहुत बड़ा योगदान तो होता ही है. साथ ही घर में लगी लाइट्स हमारी सेहत को भी प्रभावित करतीं हैं. एक रिसर्च के अनुसार सही लाइटिंग से शरीर रिलैक्स होता है, मूड सुधरता है, और दिमाग की प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है. हमारे स्लीप साइकल और मस्तिष्क की शक्ति पर भी लाइट का गहरा असर पड़ता है. इसके साथ साथ घर की सुंदरता में भी लाइटिंग चार चांद लगा देती है. इसीलिए आजकल बाजार में भांति भांति की रेंज और प्रकार की लाइट्स मौजूद हैं जिनमें से आप अपने बजट के अनुसार अपने घर के लिए चुन सकते हैं. घर के हर कमरे में उसकी उपयोगिता के अनुसार लाइट लगवाना सही रहता है आइए जानते हैं विभिन्न लाइट्स के बारे में-
1. -इनकैंडिसेन्ट लाइट्स
वार्म अथवा पीली रंग की रोशनी वाले ये बल्ब दशकों से हमारे घरों में प्रयोग में लाये जा रहे हैं पर आज के दौर में नई नई लाइट्स आ जाने से इनका उपयोग कुछ कम हो गया है.
2. -कॉम्पेक्ट फ्लोरोसेंट बल्ब(सी एफ एल)
साधारण बल्ब से 75 प्रतिशत कम बिजली की खपत वाले ये बल्ब कूल रोशनी और अलग ब्राइटनेस लेवल वाले होते हैं.