खुशबू एक ऐसा एहसास है, जो किसी को भी सम्मोहित कर लेती है. इस से वातावरण में भी मस्ती छा जाती है. भीनी भीनी खुशबू से महक रहे घर में घुसने पर किसी को स्वयं ही उस की स्वच्छता का एहसास हो जाता है. घर को खुशबूदार बनाने का चलन बेहद पुराना है. होम फ्रैगरेंस का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि घर से निकलने वाली अन्य तरह की दुर्गंध को कम किया जा सके. ताजी खुशबू वाला घर हमेशा स्वच्छता का एहसास दिलाता है. यही कारण है कि लोग अपने घरों को मनपसंद खुशबू से महकाना पसंद करते हैं.

बाजार में अनेक तरह के होम फ्रैगरेंस मौजूद हैं, जिन में से आप अपनी सुविधा व पसंद के मुताबिक चुनाव कर अपने घर को महका सकते हैं. रूम फ्रैगरेंस को कई कैटेगरियों व खुशबुओं में बांटा गया है. सैशे, पौटपोरी, सेंट आयल, एअर फ्रैशनर्स, रूम स्प्रे, परफ्यूम डिस्पेंसर, अरोमा लैंप, प्लग इन, सेंटेड कैंडल्स आदि. होम फ्रैगरेंस प्रोडक्ट्स बनाने वाली डेल्टा एक्सपर्ट्स कंपनी की डिजाइनर आरती का कहना है कि घर में इस्तेमाल की जाने वाली प्राकृतिक व अप्राकृतिक खुशबुएं कई तरह की होती हैं, कई खुशबूदार तेलों को मिला कर भी विशेष तरह की महक तैयार की जाती है. जैसे रोज और जैसमीन को मिला कर स्पेशल मूड क्रिएट किया जाता है. इन्हें आप कैंडल, अगरबत्ती, एअर स्प्रे, होम स्प्रे आदि के रूप में बाजार से खरीद सकते हैं. ये अधिक महंगे भी नहीं होते हैं.

आरती के अनुसार फ्रैगरेंस की कई कैटेगरियां होती हैं जैसे फ्रूट्स कैटेगरी में जहां वैनिला, स्ट्राबेरी, चौकलेट आदि फ्रैगरेंस आते हैं, वहीं फ्लोरल कैटेगरी में इंडियन स्पाइस, जैसमीन, रोज, लैवेंडर आदि. अपनी पसंद के मुताबिक लोग विभिन्न तरह के फ्रैगरेंस को अपने घर में इस्तेमाल करते हैं. बाथरूम की बात की जाए तो यहां अधिकतर लेमनग्रास फ्रैगरेंस का इस्तेमाल किया जाता है. फाइवस्टार होटल हो या अन्य कोई होटल, हर जगह इन फ्रैगरेंसेस का इस्तेमाल किया जाता है. होम फ्रैगरेंसेस के प्रति बढ़ती रुचि के कारण ही इस का बाजार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है.

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