ब्रैस्ट कैंसर तब होता है जब कोशिका बढ़ती है और दो संतति कोशिकाओं का निर्माण करने के लिए विभाजित होकर स्तन में शुरू होता है. भारत में महिलाओं के बीच यह एक प्रमुख कैंसर है, यह सर्वाइकल कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर आता है, लेकिन आश्वस्त रूप से, यदि शुरू के ही स्टेज (स्टेज I-II) में पता चलता है तो यह सभी प्रकार के कैंसर में से सबसे अधिक इलाज योग्य भी है. मेनोपॉज़ के बाद की महिलाएं (55 वर्ष से अधिक आयु) अधिक कमजोर होती हैं. हालांकि, कम उम्र की महिलाओं में भी इसका प्रचलन बढ़ रहा है. हर 2 साल में प्रिवेंटिव जांच अनिवार्य है, खासकर अगर तत्काल परिवार की महिला रिश्तेदार (दादी, मां, चाची या बहन) को कभी कैंसर हुआ हो.लाइफलाइन लेबोरेटरी की एमडी (पैथ) एचओडी हेमेटोलॉजी, साइटोपैथोलॉजी और क्लिनिकल (पैथ) डॉक्टर मीनू बेरी के मुताबिक हालांकि यह रेयर है किन्तु पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है - डक्टल कार्सिनोमा और लोब्युलर कार्सिनोमा सबसे संभावित प्रकार हैं. महिला पुरुष दोनों में लक्षण कमोबेश समान होते हैं.
लक्षण
लक्षण गुप्त या स्पष्ट दोनों ही हो सकते हैं, क्योंकि अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग प्रकार के लक्षण हो सकते हैं . वे कैंसर के विकसित होने के लंबे समय बाद प्रकट हो सकते हैं. हालांकि, ज्यादातर मामलों में निम्नलिखित लक्षण आम हैं:
- स्तन, बगल और कॉलर बोन पर या उसके आस-पास किसी भी गांठ और सूजन या सूजी हुई लिम्फ नोड्स की बिना देर किए डॉक्टर की जांच की जानी चाहिए. जरूरी नहीं कि हर गांठ एक कैंसर हो - लेकिन यह एक सिस्ट, फोड़ा या फाइब्रो-एडेनोमा (वसा जमा की एक चिकनी, रबड़ जैसी और सौम्य गांठ जो छूने पर चलती है) हो सकती है.
- 'संतरे के छिलके' के जैसा कुछ दिखना या स्तन का धुंधला दिखना.
- स्तन की त्वचा का मोटा होना, फड़कना, स्केलिंग, मलिनकिरण या चोट लगना.
- दाने या जलन.
- निप्पल से पानी या खूनी निर्वहन.
- स्तन के आकार में परिवर्तन.
- निप्पल को खींचा हुआ, खींचा हुआ या उल्टा निप्पल.
- स्तन क्षेत्र में या उसके आसपास दर्द और कोमलता.
- बाएं स्तन में गांठें अधिक सामान्य रूप से विकसित होती हैं.
ये भी पढ़ें- नाखून की साफ़-सफाई: कोविड के दौरान और बाद में नाख़ून की स्वच्छता का महत्व