रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताः सनशाइन पिक्चर्स

निर्देशकःमोजेज सिंह

कलाकारः‘शेफाली शाह, कीर्ति कुल्हारी, सीमा विश्वास,विशाल जेठवा, राम कपूर,इंद्रनील सेन गुप्ता, आदित्य श्रीवास्तव,दामिनी सिन्हा, अतुल कुमार मित्तल,मोहन अगाशे,संदप कुलकर्णी, गौरव द्विवेदी व अन्य

अवधिः लगभग पैंतालिस मिनट के दस एपीसोडः साढ़े सात घंटे

ओटीटी प्लेटफार्मः हॉटस्टार डिज्नी

कोरोना महामारी के दौरान जब  लोगों की जिंदगी की अहमियत लोगों की समझ में आयी और दवा फार्मा कंपनियों ने रिसर्च कर वैक्सीन का निर्माण व परीक्षण किया,उसी दौर में विपुल अमृत लाल शाह,मोजेज सिंह व उनकी टीम दस एपीसोड की वेब सीरीज ‘‘ ह्यूमन’’ लेकर आयी है. जिसमें अस्पताल के अंदर चल रहे अनैतिक करोबार व दवा के अवैध परीक्षण के स्याह पक्ष के साथ इंसानी महत्वाकांक्षा का चित्रण है.  एक समासायिक व अत्यावश्यक विषय केा जरुर उठाया गया है,मगर यथार्थ को पेश करते हुए इसमें भोपाल गैस कांड,समलैगिकता व समलैंगिक प्यार ,आपसी जलन व प्रतिस्पधा,राजनीति, सेक्स,ड्ग्स सहित बहुत कुछ ठॅूंस कर मूल मुद्दे को ही गौण कर दिया गया. पूरी सीरीज को जिस तरह से पेश किया गया है,उसके चलते यह सीरीज बोर करती है. पहले एपीसोड से ही दर्शक का सीरीज से मन उचट जाता है.

कहानीः

कहानी के केंद्र में प्रतिष्ठित भोपाल न्यूरोसर्जन डॉ गौरी नाथ (शेफाली शाह) हैं,जो कि शहर के बहुत बड़े मल्टीफैशिलिटी अस्पताल की मालिक भी है. वह अपने पति   (राम कपूर) के पूर्ण समर्थन के साथ महत्वाकांक्षी विस्तार योजना शुरू करने पर काम कर रही हैं.  कहानी शुरू होती है ‘मंथन’में नई कार्डियो सर्जन डॉ सायरा सबरवाल (कृति कुल्हारी) की नियुक्ति से.  डॉ. सायरा की शादी हो चुकी है और उसके पति व फोटो-पत्रकार (इंद्रनील सेनगुप्ता) दूसरे देश में युद्ध के मैदान में कार्यरत हैं.  डॉ.  सायरा, डॉ.  गौरी के असली खेल से अनजान  उनकी योजना की सहभागी बन जाती है. डॉ.  गौरी का अपना अतीत है. उसके माता पिता भोपाल गैस त्रासदी मंे मारे गए थे,तब डॉ.  युधिष्ठिर ने उसे अपनी बेटी बनाया था. मगर घर मे उसे गरीब समझकर हमेशा नौकरों के कमरे में ही रखा गया. वहीं पर रोमा भी है,जिन्हे गौरी, ‘रोमा मां’(सीमा बिस्वास) कहती हैं.  फिर गौरी व रोमा ने मिलकर साजिश रचते हुए डॉ. युधिष्ठिर के परिवार से बदला लेने की भावना के साथ ही ‘मंथन’ का जन्म हुआ था.

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