दिल्ली के कनॉट प्लेस का एक लेट नाईट दृश्य है, जिस में एक महिला जाने माने कैफे से हाथ में काफी का कप लेकर निकलती है. और इधरउधर देखे बिना अपनी गाड़ी में बैठ जाती है. हाथ में कॉफी का कप लेकर ही गाड़ी को स्टार्ट करती है. न सीट बेल्ट पहनती है और न चेहरे पर मास्क लगाती है. और सैकंडों में तेज स्पीड में गाड़ी को लेकर निकल जाती है. ये नजारा देख मैं घबरा जाती हूं. क्योंकि मेरी कार में मेरे साथ मेरे हस्बैंड व बच्चे जो थे. एक महिला होने के नाते जब मैं रोड सेफ्टी के बारे में अच्छे से समझ कर उस के नियमों का पालन करती हूं तो फिर इस महिला को भी इसे समझना चाहिए. क्योंकि इन की छोटी सी लापरवाही इन के साथसाथ दूसरों के लिए भी बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है. बात सिर्फ एक महिला या फिर एक पुरुष की ही नहीं है, बल्कि देश के हर नागरिक को रोड सेफ्टी के नियमों का पालन करना चाहिए. ऐसे में थैंक गाड टु हुंडई मोटर इंडिया, जिस ने रोड सेफ्टी के अंतर्गत ‘बी द बेटर गाई’ अवेयरनेस कैंपेन चलाया है ताकि किसी की सेफ्टी के नियमों को समझ कर उस का पालन करें.
‘मेरा नाम पुष्पा है, मुझे शुरुआत में गाड़ी चलाने का कोई अनुभव नहीं था. लेकिन मेरे हस्बैंड को जॉब के कारण बहुत जल्दी-जल्दी बाहर जाना पड़ता था, ऐसे में कभी स्कूल वैन नहीं आने के कारण बच्चों को स्कूल से लाने के लिए कभी कैब का लंबा इंतजार करना पड़ता था तो कभी हड़बड़ी में मेरे साथ हादसा होतेहोते बचा. ऐसे में मुझे एहसास हुआ कि कब तक इस के लिए दूसरों पर निर्भर करूंगी, मुझे अब खुद ड्राइव करना सीखना होगा. क्योंकि घर में कार, स्कूली सब है, लेकिन हस्बैंड के बिना ये वाहन बस खड़े के खड़े ही हैं और काम के वक्त पर भी किसी काम के नहीं हैं. ऐसे में मैं ने एक्सपर्ट से ड्राइव करनी सीखी और आज मैं सडक़ों पर आराम से ड्राइव कर रही हूं. बस इस बीच मन में यही डर रहता है कि मैं तो आराम से सब का ध्यान रख कर गाड़ी चला रही हूं, लेकिन सडक़ पर अपनेअपने वाहनों से निकले कुछ लोग इस बात का जरा भी ध्यान नहीं रखते, जिस से हर समय मन में बस हादसे का डर बना रहता है.’