पिछले कई सालों से फैशन इंडस्ट्री को सस्टेनेबिलिटी के साथ जोड़ा जाता रह है, क्योंकि फैशन इंडस्ट्री का एनवायर्नमेंटल पोल्यूशन में एक बड़ा हाथ रहा है, क्योंकि फैशन प्रोडक्ट से एक बहुत बड़ी मात्रा में वेस्ट प्रोडक्ट निकलता है, जिसका सही रूप में प्रयोग करना जरुरी है, इसलिए सभी डिज़ाइनर इस बात का ध्यान रखने की कोशिश करते है कि स्लो फैशन हो, ताकि अंधाधुंध कपडे न खरीदकर एक अच्छी और खूबसूरत पोशाक पर व्यक्ति पैसे खर्च करें जो सालों साल एक जेनरेशन से दूसरी जेनरेशन को हस्तांतरित की जा सकें. इस बार की लेक्मे फैशन वीक 2023 जो फैशन डिजाइनिंग काउंसलिंग ऑफ़ इंडिया के पार्टनरशिप के साथ शुरू की गयी, जिसमे पहले दिन इको फैशन पर आधारित शो में आईएनआईऍफ़डी जेन नेक्स्ट के विजेता ‘कोयटोय’ ने ब्राइट कलर्स और ब्राइट मोटिफ्स से सबके मन को मोहा, राज त्रिवेदी की कलेक्शन "Scintilla" ने मेटेलिक पोशाक को रैंप पर जगह दी. हीरू के कलेक्शन की स्मार्ट लेयरिंग फ्री फ्लो फैशन पर अधिक ध्यान दिया, जिसमें स्टोन वाशिंग, चुन्नटे, प्लीट्स और स्मोकिंग पर अधिक काम किया गया. जैकेट, पलाज़ो पेंट, स्कर्ट, फ्रॉक्स आदि सभी मेलेनियल पोशाक जो यूथ हर अवसर पर पहन सकते है, उसको प्राथमिकता दी गई.
सस्टेनेबल साडी की बात करें, तो इसमें डिज़ाइनर अनाविला मिश्रा की पोशाक ‘डाबू’ की खूबसूरती देखने लायक थी. 10 साल के उनके इस अनुभव में उन्होंने साड़ी पहनने को एक नया रूप दिया है, जो मॉडर्न, लाइट एंड ऑथेंटिक रही. इसमें डिज़ाइनर ने ब्लाक प्रिंटिंग, वेजिटेबल डाई आदि का प्रयोग किया है, जो बहुत ही स्टाइलिंग और अलग दिखे. उनके कॉटन साडीज, जो धोती पैटर्न, जुड़े के साथ सबके आकर्षक का केंद्र बनी, ये स्टाइल अनाविला मिश्रा ने बंगाल के शान्तिनिकेतन से प्रेरित हो कर क्रिएट किया है, वह कहती है कि आजकल की लडकिया साड़ी ड्रेपिंग नहीं जानती, उन्हें ये कठिन लगता है. मैंने बंगाल के फुलिया से प्रेरित मसलिन फेब्रिक को साड़ी में प्रयोग किया है, जो बहुत सॉफ्ट और आरामदायक है और इसे सालों से बंगाल में महिलाएं बिना ब्लाउज के पहना करती थी, जिसे आज की लड़कियों ने कभी देखा और जाना नहीं, ये कपडे बहुत ही सॉफ्ट और सालों साल पहने जा सकते है. इसमें उन्होंने ब्लाक प्रिंट के लिए मड यानि कीचड़ का प्रयोग किया है, जिसमे कपडे पर पहले कीचड़ को स्प्रे कर बाद में रंगों का स्प्रे किया जाता है, जो पर्यावरण के हिसाब से भी हानिकारक नहीं होता और कूल फील देता है.