बस या ट्रेन में यात्रा करते वक्त या फिर पब्लिक प्लेस पर कई बार हमारे समक्ष वार्डरोब मालफंक्शनिंग की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. मौडलिंग और विज्ञापन की दुनिया से आया यह शब्द अब किसी के भी लिए नया नहीं रहा है. आए दिन ग्लैमर वर्ल्ड में ड्रैस मालफंक्शनिंग की घटनाएं देखनेसुनने को मिलती रहती हैं. जब कोई मौडल या ऐक्ट्रैस इस की शिकार होती है तो ऐसी घटनाएं खूब सुर्खियां बटोरती हैं. इस का शिकार होने वाली के लिए वल्गर, इनडिसैंट जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है. दरअसल, कई बार दूसरों की देखादेखी शोऔफ के चक्कर में युवतियां उलटीसीधी ड्रैस कैरी कर लेती हैं और बाद में अपनी फजीहत खुद करवाती हैं. इसलिए बेहतर है कि मालफंक्शनिंग का शिकार होने से पहले ही यह तय कर लें कि आप के व्यक्तित्व पर क्या सूट कर रहा है और क्या नहीं? आधुनिकता के नाम पर ज्यादातर अश्लीलता ही देखने को मिलती है. स्कूल व कालेज जाने वाली लड़कियां अपने पहनावे को ले कर ज्यादा ऐक्सपैरिमैंटल और जजमैंटल होती हैं. ट्रैंडी और कूल दिखने की होड़ उन में सब से ज्यादा होती है. ऐसे में कुछ भी उलटासीधा पहन कर खुद को स्मार्ट और डैसिंग कहलवाना पसंद करती हैं. मगर उन के लिए यह जानना ज्यादा जरूरी है कि वे कौनकौन से आउटफिट्स कैरी करें जिन में वे कैंपस के भीतर और बाहर दोनों जगह कंफर्टेबल महसूस करें. इस बात का ध्यान पढ़ने वाली युवतियों को ही नहीं वरन प्रोफैशनल युवतियों और वर्किंग महिलाओं  को भी रखना चाहिए. बाहर असहज स्थिति में फंसने से बेहतर है घर पर ही अपने आउटफिट का सावधानी से परफैक्ट चुनाव करें.

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