‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी कथाप्रधान फिल्में बनाने वाले निर्देशक, प्रोड्यूसर राकेश ओमप्रकाश मेहरा का मानना है कि कोई भी फिल्मी हीरो जन्म से सितारा नहीं होता. हम लोग मतलब राइटर, निर्देशक, कैमरामैन ही एक अभिनेता को बौलीवुड का चमकता हुआ सितारा बनाते हैं. फिल्मों में एक अभिनेता से कैसी ऐक्टिंग करवानी है यह निर्देशक तय करता है. यानी फिल्मों में निर्देशक सीधा माध्यम होता है, जबकि एक अभिनेता के लिए उस के अभिनय की कसौटी थिएटर होता है. एक सफल फिल्म बनाने में निर्देशक के साथसाथ लेखक भी महत्त्वपूर्ण होता है. एक फिल्म के लिए अभिनेता महत्त्वपूर्ण जरूर होता है, लेकिन वह एक फिल्म को जन्म नहीं दे सकता. वह फिल्म की मां नहीं होता.

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