भले ही मेकअप ने आप की शक्लसूरत बदली हो पर आप स्क्रीन ब्यूटी जैसी रीफ्रैशिंग क्यों नहीं लग रहीं, अकसर आप ऐसा सोचती होंगी, जानना चाहती होंगी कि स्क्रीन, पेज थ्री सैलिब्रिटीज और रैंप मेकअप व आप के मेकअप में क्या अंतर है? आप भी ग्लैमरस मेकअप की तरह बेस चेहरे पर लगाती हैं, फिर भी वह इतना आर्टिफिशियल क्यों लगता है? ऐसे तमाम सवालों का एक ही जवाब है, ऐअरब्रश मेकअप.
क्या है ऐअरब्रश मेकअप
चेहरे की रंगत निखारने के लिए, दागधब्बों को छिपाने के लिए हाथ या ब्रश से लगाया फाउंडेशन चेहरे पर एकसार नहीं लग पाता. नतीजतन, चेहरे पर मेकअप बेस व ब्लशर की परतें दिखाई देती हैं यानी चेहरा नैचुरल कम, बनावटी ज्यादा दिखता है. ऐसे में सचाई यह है कि ट्रैडिशनल मेकअप नैचुरल नहीं लग पाता. वहीं ऐअरब्रश मेकअप में चेहरे पर हैवी मेकअप के बावजूद चेहरा नैचुरल लगता है. असल में ऐअरब्रश मेकअप एक किस्म का लिक्विड मेकअप है, जिस में फांउडेशन से ले कर आईशैडो तक मशीन से लगाया जाता है.
परफैक्शन है अहम
मेकअप आर्टिस्ट नीलम हरीश कहती हैं, ‘‘इस मेकअप के लिए जरूरी है कि आर्टिस्ट का हाथ ऐअरगन पर तेजी से चले. आर्टिस्ट का हाथ जितने करीने व तेजी से ऐअरगन पर चलेगा, उतना ही नैचुरल व ग्लोइंग मेकअप होगा.’’ इस मेकअप की बेसिक ऐप्लिकेशन के बारे में नीलम कहती हैं, ‘‘यह मेकअप स्वयं तभी करना चाहिए जब आप ऐअरगन को औपरेट व कंट्रोल करने से बखूबी परिचित हों.’’ इस मेकअप में लिक्विड कौस्मैटिक्स का इस्तेमाल होता है यानी ऐअरगन के होज (मिनी टैंक) में कुछ बूंदें फाउंडेशन व ब्लशर की भरी जाती हैं. ध्यान रहे इस में साधारण फाउंडेशन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है अन्यथा यह ऐअरगन को जाम (चोक) कर देगा. ऐअरगन में वाटरबेस्ड फाउंडेशन या सिलिकौनबेस्ड फाउंडेशन और लिक्विड ब्लशर का इस्तेमाल किया जाता है.