आजकल बीमारियों का इलाज बेहद महंगा होता जा रहा है. ऐसे में अपने और अपने प्रियजनों के लिए इलाज का खर्च जुटाना एक बडा चैलेंज हैं. लोग जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिससे इलाज का खर्च उन पर भारी पड़ जाता है.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी डाक्युमेंट ठीक से न पढ़ना
आम तौर पर लोग अपने लिए या अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय पॉलिसी डाक्युमेंट ठीक से नहीं पढ़ते. इसकी वजह से वे पॉलिसी के फीचर्स और शर्तो को नहीं जान पाते हैं. ऐसे में जब उनको या उनके परिवार के लिए किसी सदस्य को ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है तो पता चलता है कि अमुक बीमारी या अमुक सर्जरी प्रोसिजर तो इस पॉलिसी में कवर ही नहीं है. इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कई तरह की शर्ते होती हैं. अगर आप को इन शर्तो के बारे में जानकारी नहीं है तो ज्यादा संभव है कि आपका मेडिकल क्लेम खारिज हो जाए.
प्री एक्जिस्टिंग डिजीज के बारे में सही जानकारी न देना
मेडिक्लेम प्रपोजल फॉर्म में प्वाइंटेड सवाल पूछे जाते हैं क्या आपको प्री एक्जिस्टिंग डिजीज है क्या आपके परिवार में किसी बीमारी की हिस्ट्री है इन सवालों का जवाब इमानदारी से देना चाहिए. कई लोग सोचते हैं कि प्री एग्जिस्टिंग डिजीज के बारे में जानकारी दिए बिना ही काम चल जाएगा. जब ऐसे लोग डॉक्टर के पास जाते हैं तो वे बेहतर इलाज के लिए अपनी मेडिकल हिस्ट्री का पूरा खुलासा करते हैं. बीमा कंपनियों की पहुंच हॉस्पिटल रिकॉर्ड तक होती है और वे यह रिकॉर्ड हासिल कर लेती हैं. आपकी मेडिकल हिस्ट्री से अगर ये पता चलता है कि आपको प्री एग्जिस्टिंग डिजीज थी और आपने इसका खुलासा नहीं किया है तो आपका क्लेम खारिज हो जाएगा.