चक्कर आना एक आम समस्या है जिसमें कमजोरी महसूस होती है और बेहोशी लगती है. इसके आने के कई कारण होते हैं. कई बार शरीर में हारमोनल प्रॉब्लम की वजह से चक्कर आने लगते हैं और कई बार रक्तचाप के संतुलित न रहने के कारण ऐसा होता है.
चक्कर आने के दौरान, व्यक्ति को कम सुनाई देता है, उसे धुंधला दिखाई देता है और बात करने में तकलीफ होती है, साथ ही आलस्य भी आता है. चक्कर आने की वजह से वर्टिगो भी हो सकता है जिसमें व्यक्ति को हमेशा ऐसा महसूस होता है कि वह चक्कर खाकर गिर जाएगा.
अधेड़ उम्र की महिलाओं में ये समस्या अक्सर देखने को मिलती है. कई व्यक्ति अपना संतुलन भी खो देता है और गिर जाता है. रक्तचाप में अचानक से बदलाव आने से ऐसा होता है. इसके लिए व्यक्ति को अपना ध्यान रखना चाहिए, उसे समय पर भोजन करना चाहिए और कभी भी भोजन को स्किप नहीं करना चाहिए.
एंटीबायोटिक के सेवन के दौरान भी चक्कर आ सकता है. इसलिए, डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें. एनिमिया होने की स्थिति में चक्कर आना सामान्य है क्योंकि शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है. अगर किसी के शरीर में पानी की कमी है तो उस अवस्था में भी चक्कर आ सकता है.
ऐसे में अपने साथ हमेशा एक बोतल पानी रखें और समय-समय पर पीते रहें. धड़कन सही न होने पर शरीर से ब्रेन को रक्त उचित मात्रा में नहीं पहुँच पाता है, कई बार इस कारण से भी चक्कर आने लगते हैं. बहुत बार, इस कारण से मृत्यु तक हो जाती है. दिल स्वस्थ न होने पर भी चक्कर आता है.