उम्र महज 20 साल. नाम मानुषी छिल्लर. मुकाबला 118 देशों की सुंदरियों से. फासला 17 साल का. खिताब मिस वर्ल्ड.
फिर आई तारीख 18 नवंबर, 2017 जब हरियाणा की इस छोरी ने चीन के सान्या शहर एरेनम में रंगारंग आयोजन के दौरान अपने टैलेंट, ब्यूटी और हाजिरजवाबी से 118 ब्यूटी क्वींस को पछाड़ते हुए मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम कर लिया. साथ ही, भारत का नाम भी दुनियाभर में रोशन किया.
साल 2000 में प्रियंका चोपड़ा के मिस वर्ल्ड बनने के बाद भारत की ओर से प्रतिनिधित्व कर रही ब्यूटी क्वींस जब हर साल इस ताज को हासिल करने से चूक रही थीं तो लगने लगा था कि भारत की ओर से इस खिताब की दावेदारी हमेशा के लिए खारिज न हो जाए, लेकिन इस साल मानुषी ने 17 साल के लंबे इंतजार को अपनी कामयाबी से जश्न में बदल दिया.
मानुषी ने प्रतियोगिता में नंबर एक पोजीशन हासिल की, वहीं फर्स्ट रनरअप मिस इंगलैंड स्टेफनी हिल को और मिस मैक्सिको एंड्रिया मेजा को सैकंड रनर अप बनाया गया. मिस वर्ल्ड 2016 की विजेता प्यूर्टो रिको की स्टेफनी डेल वैले ने नई विश्वसुंदरी मानुषी को प्रतिष्ठित ताज पहनाया.
झज्जर से चाइना तक
मानुषी की यह जीत मामूली इसलिए भी नहीं है क्योंकि यह प्रतियोगिता न तो किसी प्राइवेट कंपनी की स्पौंसर्ड इवैंट जैसी थी और न ही मानुषी किसी बड़े और आधुनिक परिवार से आई हैं. उस का मुकाबला दुनिया के उन बड़े देशों से था जो इस फील्ड में दिग्गज माने जाते हैं. हरियाणा के सोनीपत के छोटे से गांव झज्जर में 14 मई, 1997 को जन्मी मानुषी छिल्लर एक ऐसे समाज व राज्य से आती हैं जिस की छवि महिला विरोधी रही है. झज्जर से चाइना तक का उन का यह सफर कई मायनो में अहम है.