राजस्थान की विरासत दुनिया में एक अलग ही पहचान रखती है. अगर आप राजस्थान घूमने की ट्रिप बनाती हैं, तो आपको यहां घूमने में एक महीना लग जाएगा. यहां पर घूमने-फिरने की इतनी ऐतिहासिक जगह हैं. राजस्थान के इतिहास को समेटे हुए ऐसी एक जगह है जलमहल. जयपुर में स्थित जलमहल जयपुर के सबसे बेशकीमती पर्यटन स्थलों में से एक है. आइए जानते हैं इस महल के इतिहास के बारे में.
300 साल पहले बना था जयपुर का जलमहल
300 साल पहले आमेर के महाराज ने 1799 में इस महल का निर्माण करवाया था. जलमहल के निर्माण के पीछे एक विशेष कारण था जिससे बहुत कम लोग परिचित हैं, जब 15 वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में अकाल पड़ने पर आमेर के शासक ने बांध बनाने का निश्चय किया ताकि आमेर और अमागढ़ के पहाड़ों से निकलने वाले पानी को इकठ्ठा किया जा सके और पानी के निकास के लिए पानी के भीतर 3 आंतरिक दरवाजे और मानसागर झील बनाकर तैयार की गई.
जलमहल की पांच मंजिला इमारत
इस झील की सुंदरता उस समय के राजाओं के आकर्षण का केंद्र थी और राजा अक्सर नाव में बैठ इसकी सैर किया करते थे राजा सवाई जयसिंह ने झील के बीचों-बीच महल बनाने का निश्चय किया ताकि वह अश्वमेघ यज्ञ के बाद अपनी रानी और पंडितों के साथ झील के मध्य में शाही स्नान कर सके. झील के बीच अपनी दास्तां सुनाता जलमहल पांच मंजिला इमारत है जिसकी 4 मंजिल पानी के भीतर बनी हैं और एक पानी के ऊपर नजर आती है. तो, अगर आपको भी ऐतिहासिक जगहों से लगाव है, तो आप यहां अपनी छुट्टियां प्लान कर सकती हैं