सरकारी नौकरियों के प्रति लोगों के आकर्षण की वजह 60 वर्ष की उम्र के बाद मिलने वाली पेंशन होती है. इसलिए आरामपसंद लोग यह भरसक कोशिश करते हैं कि उनकी सरकारी नौकरी लग जाए, ताकि उनकी जवानी और बुढ़ापा दोनों खुशहाल बीते. हालांकि यह सुविधा प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को नहीं मिलती है. लेकिन अगर थोड़ी सूझबूझ से काम लें तो प्राइवेट नौकरी में भी आप अपने बुढ़ापे को आर्थिक रुप से खुशहाल कर पाएंगे.

जानिए यह कैसे संभव होगा:

केंद्र सरकार की न्यू पेंशन सिस्टम स्कीम प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक निश्चित पेंशन की सुविधा सुनिश्चित करती है. बुढ़ापे में जब लोगों के पास आय का नियमित स्रोत नहीं रहता, तब पेंशन योजनाएं उन्हें वित्तीय सुरक्षा व स्थायित्व प्रदान करती हैं. रिटायरमेंट प्लान के जरिये आप जीवनशैली के साथ कोई समझौता किए बगैर जिंदगी के बाकी दिन सम्मानजनक तरीके से गुजार सकते हैं. पेंशन स्कीम बचतों को जुटाने व निवेश का ऐसा मौका प्रदान करती हैं, जिनसे एकमुश्त राशि के अलावा नियमित मासिक आय प्राप्त की जा सकती है. इस लिहाज से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) काफी बेहतर विकल्प है.

कितने निवेश पर आपको मिलेगी कितनी पेंशन जानिए:

(नोट: आप खुद इस साइट पर जाकर अपनी मंथली इनकम को कैलकुलेट कर सकते हैं.)

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कैसे काम करता है एनपीएस

एनपीएस ज्वाइन करने पर ग्राहक को एक यूनीक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्रान) मिलता है. ग्राहक रिटायरमेंट तक इसमें योगदान करता है. रिटायरमेंट पर ग्राहक कुल जमा राशि का एक हिस्सा एकमुश्त तौर पर निकाल सकता है. बाकी राशि एक एन्यूटी में निवेश करनी होती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन मिलती है. ग्राहक की मृत्यु की स्थिति में संपूर्ण राशि उसके द्वारा नामित व्यक्ति को दी जाती है.

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