संजय लीला भंसाली अपनी विवादों से घिरी फिल्म ‘‘पद्मावती’’ जिसका नाम बदलकर अब ‘‘पद्मावत’’हो गया है, को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. लगभग दो माह पहले उन्होंने वीडियो जारी कर सफाई दी थी कि उनकी फिल्म ‘पद्मावती’ में कुछ भी गलत नहीं है. अब फिल्म ‘पद्मावत’ को 25 जनवरी को प्रदर्शित करने की घोषणा के विज्ञापन में ही संजय लीला भंसाली फिल्म के अन्य निर्माता सुधांशु वत्स और ‘‘वायकाम 18’’ ने सफाई दी है कि उनकी फिल्म ‘पद्मावत’ राजपूतों के शौर्य की गाथा बयां करती है.
इस विज्ञापन में लिखा हुआ है
- फिल्म ‘पद्मावत’ सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की किताब ‘पद्मावत’ पर आधारित है, जो कि उनका काल्पनिक काव्य है.
- फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के बीच कोई स्वप्न दृष्य न पहले था और न अब है.
- यह फिल्म राजपूतो की वीरता, उनके खिलाफ साजिश और हिम्मत को लेकर है.
- रानी पद्मावती का चरित्र चित्रण उनकी गरिमा के अनुरूप है. उनकी प्रतिष्ठा को मिटाने या गलत ढंग से उन्हे पेश नहीं किया गया है.
- केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म को महज 5 बदलावों के साथ ‘यू ए’ प्रमाण पत्र प्रदान किया है.
- इसके अलावा फिल्म में कोई दूसरे कट या बदलाव नहीं है.
विज्ञापन के अंत में कहा गया है- ‘‘हम सरकार के अधिकारियों, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, फिल्म उद्योग से जुडे़ लोगों के अलावा अपने प्रशंसकों का उनके सहयोग के लिए आभारी हैं. ‘पद्मावत’ एक ऐसी फिल्म है, जिसके लिए हर भारतीय खुद को गौरवान्वित महसूस करेगा. इसका अनुभव करने के लिए 25 जनवरी को अपने नजदीकी सिनेमाघरों में जाएं.’’
उधर सुधांशु वत्स ने कहा है- ‘‘जैसा कि सभी जानते हैं कि फिल्म ‘पद्मावत’ संजय लीला भंसाली की मास्टरपीस के रूप में आयी है. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि यह फिल्म लोगों को पसंद आएगी. हमे सरकार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, फिल्म उद्योग से जुडे़ लोगों के अलावा अपने प्रशंसकों का भरपूर सहयोग मिला.’’