सिनेमा के इस बदले हुए दौर में कई प्रतिभाएं काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं. मगर साकिब सलीम ने सात वर्ष में महज सात फिल्में ही की, उनका करियर काफी धीमी गति से ही चल रहा है, पर उन्हें यकीन है कि ‘दिल जंगली’ के प्रदर्शन के बाद उनका करियर तेज गति से भागेगा.
आपका करियर काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है?
यह सच है. मगर इस बीच मैने बहुत कुछ सीखा है. मैने कुछ अच्छी, कुछ कम अच्छी और कुछ खराब फिल्में की हैं. जहां तक मेरे करियर के धीमी गति से चलने का सवाल है, तो इसके लिए कहीं न कहीं फिल्मों के चयन को लेकर मेरा जो एटीट्यूड रहा, वह भी दोषी है.
पर आपने अतीत में ‘मुझसे फ्रेंडशिप करोगे’, ‘मेरे डैड की मारूती’ व ‘हवा हव्वाई’ सहित कुछ अच्छी फिल्में की हैं? इन फिल्मों का भी फायदा आपको नहीं मिल पाया?
सर, मुझे इसका जवाब पता होता तो मैं उसे सुधार लेता. मैं लोगों के पास काम के लिए मिन्नतें करने नहीं गया. मैं आज आपके सामने बैठा हूं, तो अपने बलबूते पर बैठा हूं. आज तक किसी ने भी मेरी मदद नहीं की. आज तक किसी ने मुझसे नहीं कहा कि आओ मैं तुम्हें हीरो बना दूं. ऊपर वाले ने मुझे इतनी नियामत दी है, मेरे माता पिता ने मुझे इतना सिखाया है कि मैं मेहनत करके आगे बढ़ सकता हूं. मैं वही करने का प्रयास कर रहा हूं. कई बार आपको अपने ऊपर काफी भरोसा होता है, पर कुछ लोगों को आपकी काबीलियत पर भरोसा नहीं होता है. तो कभी कभी लोगों का भरोसा जीतने में, कभी कभी अच्छी फिल्म ढूढ़ने में समय लग जाता है.