ब्रेस्ट रैशेज महिलाओं को होने वाली एक गंभीर समस्या है. रैशेज यानी चकत्ते लाल रंग के होते हैं. इनमें सूजन भी हो सकती है, इसके अलावा इनमें पस भी भरा होता है.
त्वचा की यह समस्या महिलाओं की दूसरी गंभीर बीमारी की तरफ भी इशारा करती है. ब्रेस्ट रैशेज के क्या कारण हैं, इसके बारे में जानें यहां.
ब्रेस्ट रैशेज के कारण
- ब्रेस्ट रैशेज के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार कारक एलर्जी, संक्रमण या ऑटोइम्यून डिजीज है.
- कुछ तरह के चर्म रोगों के कारण भी ब्रेस्ट रैशेज हो सकते हैं.
- रैशेज कॉस्मेटिक्स या डिटर्जेंट से भी हो सकते हैं.
- ज्वैलरी के कारण भी रैशेज होते हैं.
- दवाओं के साइड-इफेक्ट से होते हैं रैशेज.
- अधिक तनाव लेने से होते हैं ब्रेस्ट रैशेज.
- औद्योगिक केमिकल जैसे – इलास्टिक, लैटेक्स या रबर के संपर्क में आने से भी रैशेज हो सकते हैं.
ब्रेस्ट रैशेज के दूसरे कारण
- एग्जीमा के कारण भी ब्रेस्ट रैशेज होते हैं
- फूड एलर्जी से भी होता है
- कीड़े के काटने या डंक मारने से भी होता है.
- चिकेनपॉक्स, फंगल इंफेक्शन (Candida albicans), इंपेटिगो, लाइम डिजीज, मेस्टाइटिस, रूबेला आदि त्वचा की बीमारियों से भी होते हैं.
- कावासाकी, रूमेटाइड अर्थराइटिस, सिस्टेमिक ल्यूपस आदि ऑटोइम्यून डिजीज के कारण कारण भी ब्रेस्ट रैशेज होते हैं.
- सेलुलाइटिस और स्कैबीज के कारण भी यह हो सकता है
रैशेज होने पर आजमायें ये कुछ प्रभावी तरीके
ब्रेस्ट रैशेज के कारण खुजली और जलन होती है, जो कि असहनीय हो सकती है. ऐसे में बेबी पाउडर का इस्तेमाल करें, इसे लगाने से खुजली और जलन में आराम मिलेगा और रैशेज बढ़ेंगे नहीं. फंगल रैसेज की समस्या है, तो मीठा खाना कम करें. कॉर्न स्टॉर्च लगाएं, इससे बढ़ते हुए रैशेज कम होंगे. कॉर्न- स्टार्च का पेस्ट 10-15 मिनट लगाने के बाद हटा दें. तुलसी के पत्तों का पेस्ट लगाएं. हल्दी को ऐलोवेरा और दूध के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगायें.