जीवन बीमा आपकी मृत्यु के बाद आपके परिजनों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है. अगर आपके परिवार के पास आपके सिवाय आमदानी का और कोई जरिया नहीं है तो यह अपने प्रियजनों को आर्थिक रुप में सक्षम बनाने में काफी मददगार होता है. वहीं दूसरी तरफ कंपनियां दुर्घटना बीमा की सेवाएं भी उपलब्ध करवाती हैं, लेकिन इसमें मौत के प्राकृतिक कारणों को शामिल नहीं किया जाता है, यह सिर्फ आपके परिवार की सुरक्षा के लिहाज से उचित माना जा सकता है. आज हम अपनी खबर में इन दोनों के बारे में मूलभूत अंतर बताने की कोशिश करेंगे.

पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस तभी बेहतर विकल्प माना जाता है जब:

  • अगर कोई व्यक्ति सक्रिय जीवनशैली जीना पसंद करता है और आकस्मिक कारणों से मृत्यु या अपंगता से बचने के लिए अतिरिक्त संरक्षण चाहता है.
  • अगर किसी व्यक्ति के घर में काफी सारे सक्रिय सदस्य हैं और वो मृत्यु, पति-पत्नी या आश्रित की अपंगता से बचाव चाहता है.
  • कोई व्यक्ति जो चिकित्सकीय कारणों से जीवन बीमा के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर सकता है, लेकिन इसके बावजूद वो मृत्यु और अपंगता से बचाव चाहता है.

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क्या है जीवन बीमा

जीवन बीमा ऐसा अनुबंध है, जो उन घटनाओं के घटने पर, जिनके लिए बीमित व्यक्ति का बीमा किया जाता है, एक खास रकम अदा करने का वादा करता है. कुल मिला कर जीवन बीमा मृत्यु की वजह से पैदा होने वाली समस्याओं का एक आंशिक समाधान है.

लाइफ इंश्योरेंस दो तरीके का होता है

  1. प्योर लाइफ इंश्योरेंस
  2. इंश्योरेंस कम इन्वेस्टमेंट

प्योर लाइफ इंश्योरेंस भी चार तरह का होता है, लेकिन इसमें टर्म इंश्योरेंस सबसे प्रमुख माना जाता है.

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