बौलीवुड के मशहूर एक्शन निर्देशक शाम कौशल के बेटे विक्की कौशल ने बहुत ही कम समय में काफी शोहरत हासिल कर ली है. उनके करियर की पहली फिल्म ‘‘मसान’’ ने उन्हें ‘‘कान अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव’’ तक पहुंचा दिया था. उसके बाद अब वह पूरे दो वर्ष बाद मेघना गुलजार निर्देशित फिल्म ‘‘राजी’’ में एक पाकिस्तानी सेना के अफसर इकबाल के किरदार में नजर आने वाले हैं. मेघना गुलजार निर्देशित यह फिल्म ग्यारह मई को प्रदर्शित होगी.

प्रस्तुत है विक्की कौशल से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश

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मेरे पापा स्टंट मैन थे. फिर एक्शन मास्टर / निर्देशक बने. मैंने बचपन से ही उनका संघर्ष देखा है. उन्होंने अपने संघर्ष या अपनी तकलीफों को कभी भी हमसे छिपाया नहीं. उनका मानना है कि इंसान को यदि जिंदगी में कुछ बनना है, तो कई तरह की समस्याओं से जूझने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसके लिए इंसान को मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए. मैं बड़ा हो रहा था, पर फिल्मी दुनिया हमारे घर का हिस्सा कभी नहीं बनी. मेरे पिता फिल्मी माहौल को बाहर छोड़कर ही घर के अंदर आते थे. इसलिए मैं फिल्मी सेट पर या फिल्मी पार्टियों में भी नहीं गया. पढ़ाई करता था, क्रिकेट देखता था और फिल्में देखने का शौक जरुर था. स्कूल में या सोसायटी में कोई समारोह हो, तो वहां स्टेज पर मैं नृत्य करता था, नाटक में अभिनय करता था. मैं बहुत संकोची व शर्मीला रहा हूं, पर स्टेज पर जाकर मुझे अपनी इस शर्म व संकोच को दूर करने का अवसर मिलता था. तो स्टेज मुझे बेशर्म बनने का मौका देता था. यह बात मुझे अच्छी लगती थी. जीवन इसी तरह चल रहता था. इस मायने में देखा जाए, तो मेरे अंदर कहीं न कहीं एक अभिनेता था. पर मैंने कभी इस दिशा में सोचा नहीं था. पढ़ाई चल रही थी. अच्छे नंबर मिलते रहे और मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर ली.

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