लेखिका-प्रिया अग्रवाल

ट्यूबरक्लोसिस यानी कि टीबी एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो कि सामान्यतः हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है. इस घातक बीमारी का सही समय पर सही इलाज ना करने पर जान भी जा सकती है. टीबी केवल फेफड़ों को ही नहीं हमारे दिमाग को भी प्रभावित कर सकती है. ऐसे में दिमाग के ऊतकों में सूजन आ जाती है. जिसे मेनिनजाइटिस ट्यूबरक्लोसिस, मेनिनजाइटिस या ब्रेन टीबी भी कहा जा सकता है.

आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि यह बिमारी बच्चों और हर वर्ग के वयस्कों को हो सकती है. डाक्टर्स का कहना है कि भारत में टीबी के हर 70 मामलों में से बीस मरीज ब्रेन टीबी के होते हैं. आज हम आपको ब्रेन टीबी के लक्षणों और उसके उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं.

ब्रेन टीबी के रिस्क फैक्टर्स

ज्यादा मात्रा में एल्कोहल का सेवन करने, एचआईवी एड्स, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता और डायबिटीज मेलिटस ब्रेन टीबी के प्रमुख रिस्क फैक्टर्स हैं.

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ब्रेन टीबी के लक्षण

ब्रेन टीबी के लक्षण शरीर में धीरे-धीरे उबरते हैं. शुरुआत में थकान, कम तीव्रता का बुखार, हमेशा बीमार बने रहना, मिचली, उल्टी, चिड़चिडापन और आलस जैसी समस्याएं सामने आती हैं. दिन-ब-दिन ये लक्षण और भी सख्त और खतरनाक होते जाते हैं.

सही डाइट से संभव है इलाज

आपकी सही डाइट ब्रेन टीबी के इलाज में अहम भूमिका निभा सकती है. इसके लिए रोगी को अपने डाइट में ताजे फल, सब्जियां और काफी मात्रा में प्रोटीन आदि खास तरह के पोषक तत्वों को जरूर शामिल करें. इनसे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है.

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