देश के बेहतरीन एक्टर्स में शुमार ओम पुरी का निधन हो गया है. 66 साल के ओम पुरी की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया जा रहा है. ओम पुरी उन चंद कलाकारों में से एक थे जिन्होंने समानान्तर सिनेमा से लेकर कमर्शल सिनेमा तक में कामयाबी हासिल की. उनकी मौत की खबर सुनकर उनके फैंस सकते में हैं.
ओम पुरी का जन्म अंबाला के एक पंजाबी परिवार में हुआ था. 1993 में ओम पुरी ने नंदिता पुरी के साथ शादी की थी. 2013 में उनका तलाक हो गया था. उनका इशान नाम का एक बेटा भी है.
पुरी ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से भी पढ़ाई की. यहां नसीरुद्दीन शाह उनके क्लासमेट थे.
ओम पुरी का फिल्मी सफर
पद्मश्री ओमपुरी ने 'अर्ध्य सत्य', 'धारावी' 'मंडी' जैसी सैकड़ों फिल्मों में सशक्त अभिनय किया है. ओम पुरी ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से की थी. वर्ष 1980 में रिलीज 'आक्रोश' ओम पुरी के सिने करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई.
सनी देओल के साथ घायल और 1996 में गुलजार की माचिस में उन्होंने सिख आतंकवादी का किरदार निभाया. 'माचिस' में बोला गया उनका डायलॉग 'आधों को 47 ने लील लिया और आधों को 84 ने' काफी मशहूर हुआ.
ओम पुरी ने अपनी हिंदी सिनेमा करियर में कई सफल फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय का परिचय दिया है. एक बिना फिल्मी परिवार से होने के कारण उन्हें हिंदी सिनेमा में अपनी जगह बनाने के लिए काफी कड़ा संघर्ष करना पड़ा.