सवाल

मैं अपनी एक पारिवारिक समस्या से परेशान हूं. मेरी बहन की शादी को अभी सिर्फ 6 महीने हुए हैं और तभी से मेरे बहनोई बेरोजगार हैं. कुछ समय पहले उन्हें एक नौकरी मिली भी थी, जिसे उन्होंने सिर्फ 2 महीने बाद ही छोड़ दिया, यह कह कर कि उन्हें अपने बौस का रवैया ठीक नहीं लगा. कहते हैं कि वे वहीं नौकरी करेंगे जहां उन्हें सब अच्छा लगेगा. जहां अच्छा नहीं लगेगा वहां नौकरी नहीं कर सकते. बहुत ही जिद्दी स्वभाव के हैं. इस के अलावा हम लड़की वाले हैं. लड़की वालों का यों भी दामाद को कोई नसीहत देना नहीं बनता. कृपया कोई ऐसा उपाय बताएं कि वे समझ जाएं कि उन्हें घरपरिवार के लिए नौकरी करनी ही होगी.

जवाब

आप के घर वालों ने अपनी बेटी का विवाह तय करते समय लड़के की नौकरी वगैरह के बारे में मालूमात नहीं की होगी वरना एक बेरोजगार लड़के से अपनी बेटी की शादी नहीं करते. उस समय स्थिति जो भी हो अब भले ही आप लड़की वाले हैं, तो भी दामाद को थोड़ी शालीनता से समझा सकते हैं कि अब वे अकेला नहीं हैं. उन पर अपने घरपरिवार (जो निश्चय ही बढ़ेगा भी) की जिम्मेदारी भी है. इसलिए वे टिक कर नौकरी करें. उन के घर वालों से भी कह सकते हैं कि वे अपने बेटे को दुनियादारी समझाएं. उसे समझाएं कि नौकरी में सब कुछ उस के मनमाफिक नहीं मिलेगा. इसलिए जब तक कोई बेहतर नौकरी न मिले नौकरी छोड़ने की भूल न करें, क्योंकि नौकरी छोड़ना जितना आसान है नौकरी मिलना उतना ही कठिन है. अत: मेहनत और लगन से अपनेआप को साबित करना हर नौकरी में जरूरी होता है.

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