फिल्म ‘‘रनिंग शादी डॉट कॉम’’ तीन साल तक प्रदर्शन का इंतजार करती रही और अब ‘‘रनिंग शादी’’ के नाम से प्रदर्शित हो पायी है. फिल्म देखकर इस बात का अहसास हो गया कि आखिर इस फिल्म को वितरक क्यों नहीं मिल रहे थे. इस फिल्म में दर्शक के लिए ऐसा कुछ नहीं है, जिसकी वजह से इस फिल्म को सिनेमा घर में प्रदर्शित किया जाता. पर फिल्म प्रदर्शित हो ही गयी. आखिर कभी न कभी घूरे/ कुडे़ के भी दिन बहुर/अच्छे जाते हैं. पूरी फिल्म देखकर आश्चर्य होता है कि इस फिल्म के निर्माता शुजीत सरकार जैसे संजीदा फिल्मकार और निर्देशक अमित राय हैं, जो कि कैमरामैन के तौर पर ‘सरकार’ व ‘सरकार राज’ सहित 15 से अधिक बड़ी फिल्में व कई विज्ञापन फिल्में निर्देशित कर चुके हैं.

पटना का एक तेइस वर्षीय भोला भाला ईमानदार लड़का राम भरोसे पांडे उर्फ छोटू उर्फ लिटिल (अमित साध) काम की तलाश में बिहार से पंजाब के अमृतसर शहर पहुंचता है. और वहां एक लहंगे की दुकान में गोटा लगाने का काम करता है. वह जिस दुकान में नौकरी करता है, उस दुकान के मालिक सरदार जी कठोर स्वभाव के हैं. मालिक की बेटी निम्मी (तापसी पन्नू) अपने पिता से बहुत डरती है. मगर उसके लिए कंडोम खरीदना, शराब का सेवन और खुला सेक्स आम बात है. वह अपने साथ स्कूल में पढ़ने वाले एक लड़के के साथ सेक्स संबंध बनाती है और गर्भवती हो जाती है. तब वह छोटू की मदद से दूसरे शहर जाकर गर्भपात करवाकर आती है.

उधर राम भरोसे जिस इमारत में रहते हैं, उसी इमारत की पहली मंजिल पर इंटरनेट व फेसबुक के दीवाने सरबजीत सिधाना (अर्ष बाजवा) से राम भरोसे की अच्छी दोस्ती है. एक दिन सरदार जी रामभरोसे को अपनी दुकान की नौकरी से बाहर कर देते हैं. इस बीच किसी न किसी बहाने निम्मी, राम भरोसे से भी बात करती रहती है. तो वहीं स्कूल व अन्य दोस्तों के साथ उसका घूमना जारी है. नौकरी छूटने के बाद राम भरोसे व उसका दोस्त एक शादी में पहुंचते हैं. पता चलता है कि लड़की भाग गयी है, इसलिए शादी व खाना पीना रद्द. जब दोनों एक ढाबे पर खाना खा रहे होते हैं, तभी भागी हुई लड़की अपने प्रेमी के साथ पकड़ी जाती है और प्रेमी की पिटाई होती है. यह सब देखकर राम भरोसे अपने दोस्त के साथ मिलकर एक वेबसाइट इस सोच के साथ बनाता है कि जो लोग अपने घरों से भागकर शादी करना चाहते हैं, उनकी मदद की जाए.

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