हिंदी सिनेमा जगत में खलनायकी और अपने सही कौमिक टाइमिंग के लिए पौपुलर अभिनेता शक्ति कपूर निम्न मध्यम वर्ग से हैं. उनका शुरूआती दौर काफी संघर्षमय था, पर उन्होंने हार नहीं मानी और जो भी काम मिला करते गए. उन्हें शुरूआती ब्रेक अभिनेता सुनील दत्त ने फिल्म ‘रौकी’ में दिया, जिसमें उन्होंने विलेन की भूमिका निभाई थी. पहले उनका नाम सुनील कपूर था, जो एक विलेन की तरह साउंड नहीं करता था, इसलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर शक्ति कपूर रख दिया. इसके बाद रौकी हिट हुई और शक्ति कपूर विलेन के रूप में स्थापित हो गए. उस दौरान उनकी कई फिल्में आई और हिट रही. अस्सी और नब्बे की दशक में खलनायक के रूप में निर्माता, निर्देशक की पसंद अमरीश पुरी के बाद शक्ति कपूर ही हुआ करते थे.

90 के दशक के अंतिम चरण में खलनायकी से हटकर शक्ति कपूर कौमेडी की तरफ बढें. उसमें भी वो सफल रहें और उन्होंने कई पुरस्कार जीता.  अभिनय के दौरान उनकी शादी शिवांगी कोल्हापुरे से हुई और वे दो बच्चे सिद्दार्थ कपूर और श्रद्धा कपूर के पिता बने. उनके दोनों बच्चे फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हैं. शक्ति कपूर इन दिनों एक बार फिर गोविंदा के साथ फिल्म ‘रंगीला राजा’ में कौमिक रोल में अभिनय कर रहे हैं, उनसे बातचीत हुई, पेश है अंश.

बहुत सालों बाद आप गोविंदा के साथ काम कर रहे है, इस फिल्म से क्या उम्मीद रखते है?

एक समय के बाद लगता है कि काम करने की जरुरत नहीं है, लेकिन मेरे हिसाब से काम करते रहना चाहिए. इस फिल्म को करते हुए एक बार फिर से मुझे बहुत अच्छा लगा है, उम्मीद है दर्शकों को हम दोनों का काम पसंद आयेगा.

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