सर्दियों में स्ट्रोक की संभावनाएं 30 फीसदी अधिक हो जाती हैं. इस बात का खुलासा कई जानकारों ने हाल ही में किया है. जानकारों की माने तो ठंड में सभी प्रकार के स्ट्रोक की संभावनाएं अधिक हो सकती है.
इस मामले पर पहले भी बहुत से शोध हुए हैं जिसमें ये सामने आया है कि सर्दियों में इंफेक्शन दर में वृद्धि होती है, लोगों के व्यायाम में भी काफी कटौती होती है, हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी बढ़ती है. जिसके कारण लोगों में स्ट्रोक की शिकायत अधिक हो जाती है. इसके अलावा सर्दियों के दौरान वायु काफी हद तक प्रदूषित रहती है. प्रदूषित वायु के कारण लोगों की छाती और हृदय की स्थिति और भी बिगड़ जाती है.
जानकारों के मुताबिक स्ट्रोक से खुद को कैसे बचाया जाए और विकलांगता को रोकने के लिए क्या उपचार करने चाहिए, ऐसी अवधि में किसी भी व्यक्ति को अगर सही इलाज मिले तो उसमें काफी सुधार हो सकता है. इसके लक्षण पर बात करते हुए एक डाक्टर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अगर हाथ में कमजोरी या कभी बोलने में कठिनाई होती है तो बिल्कुल सतर्क रहना चाहिए. ऐसी स्थिति में रोगी को किसी पास के अस्पताल में ले जाना चाहिए, जहां 24 गुना 7 सीटी स्कैन, एमआरआई की सेवा उपलब्ध हो. लक्षण के शुरुआती घंटे के भीतर उसका इलाज कर बचाया जा सकता है.