आज यानि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. दुनिया भर में महिलाएं एक लंबे वक्त तक शोषित रहीं. एक अरसे तक अपने अधिकारों के लिए उन्हें समाज से लड़ाई लड़नी पड़ी. जिस महिला से समाज का निर्माण हुआ, उसे ही इस समाज में अपनी पहचान, इज्जत पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. सैकड़ों साल तक चली इस लड़ाई को जब आज हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो बिता वक्त बहुत छोटा दिखता है. पर उस वक्त में लाखों करोड़ों ऐसी अनकही कहानियां उबल रही हैं जिनकी उष्मा ने आज के समाज को गढ़ा है.
महिलाओं के त्याग, बलिदान और संघर्ष के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है इंटरनेशनल वुमन डे. लंबे समय तक उनकी लड़ाई, त्याग और संघर्ष को याद करते हुए उन्हें समाज में इज्जत, बराबरी और अधिकार दिलाना ही इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है. पर क्या आपको पता है कि ये दिन मनाया क्यों जाता है?
इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई. क्यों इसे मनाया जाता है.
ऐसे हुई शुरुआत
1908 में अमेरिका में वोटिंग के अधिकार, बेहतर तनख्वाह, काम की नियमित अवधि और पेशेवर तौर पर पुरुषों के बराबर बहुत सी बातों की मांग करते हुए करीब 15,000 महिलाओं ने एक मार्च निकाला था. इसे न्यू यौर्क में निकाला गया था. इस मार्च को महिलाओं के हक के लिए हुए संघर्ष में एक मील के पत्थर के तौर पर देखा जाता है. अमेरिका के समाज में इस मार्च का काफी गहरा असर हुआ और लोगों में एक चेतना जागी.