’धोखेबाज’, ’दगाबाज’, ’झूठा’, ’मक्कार...’ कुछ समय पहले तक युवतियां अकसर इस तरह के संबोधनों से अपने बेवफा प्रेमी को संबोधित करती थीं और छटपटा कर रह जाती थीं, लेकिन वक्त के साथसाथ युवतियों की सोच और उन के व्यवहार में काफी बदलाव आया है. अब वे भी ’जैसे को तैसा’ की नीति पर विश्वास करते हुए सिसकियां भर कर अपने दगाबाज प्रेमी को भुलाने के बजाय उसे सबक सिखाना ज्यादा उचित समझती हैं.
हाल ही में लंदन की एक डैंटिस्ट प्रेमिका ने भी अपने बौयफ्रैंड को सबक सिखाने के लिए कानून तक को अपने हाथ में ले लिया. हुआ यों कि जब प्रेमिका को अपने प्रेमी की बेवफाई के बारे में पता चला तो उसे सबक सिखाने के चक्कर में उस ने उस के सारे दांत तोड़ डाले. डैंटिस्ट ने बहाने से अपने प्रेमी को क्लिनिक पर बुलाया और चैकअप का झांसा दे कर उस के सारे दांत निकाल दिए. जब तक प्रेमी को होश आया, तब तक उसे धोखेबाजी की सजा मिल चुकी थी. उसे बिना दांत के देख उस की दूसरी प्रेमिका भी उसे छोड़ कर भाग गई, लेकिन बाद में उस डैंटिस्ट को जेल की हवा खानी पड़ी.
अकसर देखा गया है कि युवतियां बदला लेने के चक्कर में यह भूल जाती हैं कि उन्हें खुद को नहीं बल्कि अपने बेवफा प्रेमी को दुख पहुंचाना है. इस चक्कर में वे ऐसे काम कर जाती हैं, जिन से उन का भी नुकसान हो जाता है. इस बाबत बालाजी ऐक्शन मैडिकल इंस्टिट्यूट की साइकोलौजिस्ट शिल्पी आस्ता कहती हैं, ’’किसी युवक को सबक सिखाना या उस से बदला लेना गलत नहीं है, लेकिन ऐसा करते समय युवतियों को अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना चाहिए.’’