पीठ के निचले हिस्से का दर्द बेहद आम है. लेकिन हम में से ज्यादातर लोगों का ध्यान इस की तरफ तब जाता है जब हम झुक कर अथवा हाथ ऊपर की ओर बढ़ा कर कोई चीज उठाने की कोशिश करते हैं और तब दर्द महसूस करते हैं. पीठ का तेज दर्द हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों, मनोरंजन और व्यायाम आदि में बाधा उत्पन्न कर सकता है. कभीकभी इस के चलते काम करना भी मुश्किल हो जाता है.
एक अध्ययन में यह पाया गया है कि पीठ के निचले हिस्से में होने वाले इस दर्द का इलाज शुरुआत में ही कराना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर मामलों में इलाज न कराने पर यह गंभीर रूप ले सकता है. जागरूकता की कमी के चलते ज्यादातर लोग डाक्टर के पास ही नहीं जाते. वे पारंपरिक तरीकों से अथवा कैमिस्ट से दवा ले कर मनमरजी से उपचार कराने की कोशिश करते हैं. ऐसा करना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना है.
पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द के लक्षणों और गंभीरता के आधार पर इसे 3 प्रकारों में बांटा गया है :
एक्यूट लो बैक पेन : दर्द 6 सप्ताह से कम अवधि तक रहता है.
सब क्रौनिक लो बैक पेन : दर्द 6 से 12 सप्ताह तक रहता है.
क्रौनिक लो बैक पेन : दर्द 12 सप्ताह से ज्यादा रहता है, हालांकि इस स्थिति के कारण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन हर स्थिति में सही निदान बेहद महत्त्वपूर्ण है.
दर्द को गंभीरता से लें
पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना यों तो कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन कईर् कारण इस में योगदान देते हैं और गंभीरता का स्तर अलगअलग हो सकता है. ज्यादातर मामलों में इस का कोई स्पष्ट कारण नहीं होता. लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह मांसपेशियों या हड्डियों में किसी प्रकार के खिंचाव, तनाव या मोच के कारण हो सकता है. पीठ के निचले हिस्से का दर्द दुनिया भर में करीब 80% लोगों को प्रभावित करता है.