मशहूर निर्माता-निर्देशक मोहन सहगल की पोती, बौलीवुड की मशहूर एडिटर और फिल्म ‘‘शीरीन फरहाद की तो निकल पड़ी’’ की निर्देशक बेला सहगल की बेटी तथा मशहूर फिल्मकार संजय लीला भंसाली की भांजी शर्मिन सहगल की बतौर हीरोईन पहली फिल्म ‘‘मलाल’’ 5 जुलाई को प्रदर्शित होने वाली है, जिसका निर्माण संजय लीला भंसाली तथा लेखन व निर्देशन मंगेश हडवले ने किया है. हाल ही में हमने उनसे एक खास मुलाकात की जिसमें उनसे सिनेमा की को लेकर भी खास चर्चा हुई.

मामा भंसाली से ही सीखा सब...

शर्मिन सहगल ने विदेश जाकर अभिनय का प्रशिक्षण हासिल नहीं किया. उन्हे अभिनय व फिल्म विधा आदि की विस्तृत जानकारी उनके मामा व फिल्मकार संजय लीला भंसाली से ही मिली है. शर्मिन सहगल ने उमंग कुमार के साथ फिल्म ‘‘मैरी कौम’’ और संजय लीला भंसाली के साथ फिल्म ‘‘बाजीराव मस्तानी’’ में बतौर सहायक काम किया.

ये भी पढ़ें- ‘लाल सिंह चड्ढा’ में तीसरी बार साथ होगें आमिर खान और करीना

अभिनय को निखारने में निर्देशक का बहुत बड़ा...

जब हमने शर्मिन से पूछा कि इन फिल्मों में बतौर सहायक काम करते हुए किसी भी किरदार में कलाकार को ढालने में कलाकार व निर्देशक में से किसकी अहमियत ज्यादा होती हैं? इस पर शर्मिन ने कहा- ‘‘मुझे पता है कि आपने यह दोनों फिल्में देखी हैं. आप खुद इतना अनुभव रखते हैं कि आपने महसूस किया होगा कि दोनों फिल्मों में निर्देशक हावी रहे हैं. मैं लिखकर दे रही हूं कि उमंग कुमार और संजय सर कभी एक नही हो सकते. दोनों एक दूसरे की बराबरी नहीं कर सकते. उमंग कुमार ने प्रियंका चोपड़ा से जिस तरह का अभिनय करवाया,  उससे कई गुना अलग संजय सर ने अपने एक्टर्स से करवाया. अब फिल्म ‘मलाल’ में मंगेश हडवले सर ने जिस तरह से मुझसे काम करवाया है, वह इन दोनों से अलग है. तो मैं मानती हूं कि कलाकार के अभिनय को निखारने में निर्देशक का बहुत बड़ा योगदान रहता है.’’

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...