अमेरिका में आज भी अश्वेतों के साथ बराबरी और लोकतंत्र के ढिंढोरे के बावजूद भेदभाव किया जाता है. अगस्त में एक 18 साला निहत्थे अश्वेत को एक गोरे पुलिस वाले ने गोली मार दी, इसलिए कि उसे लगा लड़के के पास बंदूक है. अब सारे देश में विरोध हो रहा है. आप यह न समझें कि हम सुधरे हुए हैं. ऐसा ही हमारे यहां जाति, धर्म व देश के नाम पर होता है और अल्पसंख्यकों को बेवजह मारा जाता है. लोकतंत्र सुरक्षा की गारंटी नहीं, उलटे बहुसंख्यकों का मनमरजी करने का लाइसैंस बनता जा रहा है.
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