गायक सुदेश भोसले ने महान संगीतकार जोड़ी कल्याणजी आनंदजी के अविस्मरणीय गीतों के नाम एक शाम पद्मश्री आनंदजी की उपस्थिति में मुंबई के प्रसिद्ध औडीटोरियम षण्मुखानंद में ‘गीतों का कारवां’ नामक कार्यक्रम का आयोजन किया.
सुदेश भोसले ने अपने समय की मशहूर संगीतकार जोड़ी कल्याणजी आनंदजी की लोकप्रिय धुनों पर बने ‘अपनी तो जैसे तैसे’,‘पल पल दिल के पास’,‘यारी है इमान‘, ‘सलाम ए इश्क मेरी जान’,‘राफ्ता राफ्ता देखो आंख मेरी लड़ी है’, ‘खैइके पान बनारसवाला’,‘मेरे अंगने में..’जैसे कई बहुचर्चित गीत गाए. कल्याणजी आनंदजी जोड़ी के आनंदजी ने मंच पर सुदेश भोसले का साथ देते हुए खुद कुछ गीत गाए.
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गीत गाते भावुक होकर सुदेश भोसले ने उस सुनहरे समय को याद करते हुए कहा-‘‘कल्याणजी आनंदजी का मेरे दिल में हमेशा एक विशेष स्थान रहा है.गायक के रूप में मैं उनका श्रृणी हूं.उन्होंने हमेशा मुझे एक अलग आवाज में गाने के लिए प्रोत्साहित किया.उनकी सबसे अच्छी बात मुझे यह लगती है कि वह फिल्म जगत में एक बड़ी शख्सियत होने के बाद भी हमेशा विनम्र रहे.अमित जी (अमिताभ बच्चन) नब्बे के दशक में कई लाइव शो किया करते थ.यह आयोजन कल्याणजी आनंदजी के आर्केस्ट्रा के बिना संभव ही नहीं होता था. जब अमितजी परफौर्म करते थे, उस समय मैं कल्याणजी आनंदजी के साथ शो में हुआ करता था.यह शो उस दौर में एक तरह से पारिवारिक पिकनिक की तरह होते थे. इसी वजह के चलते अमितजी और मेरे संबंधों में गहराई आयी.आज मुझे खुशी हैं कि मै आनंदजी के सामने उन्हें व स्वर्गीय कल्याणजी को ट्ब्यिूट दे रहा हूं.’’ इस समारोह में संगीतकार आनंदजी के साथ उनकी पत्नी शांताबेन शाह भी उपस्थित थीं. इस संगीतमय शाम में सुदेश भोसले के साथ प्रसिद्ध गायिका साधना सरगम, पामेला चोपड़ा, मुख्तार शाह, तरनुम मल्लिक ने भी गीत गाए.