जुलाई 2017 : पंजाब में मोगा शहर के नजदीकी गांव में भिंडी की जहरीली सब्जी खा लेने से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हालत बिगड़ गई. घर के मुखिया रणजीत सिंह की मौत हो गई.
सितंबर 2016 : बटाला के कसबा कलानौर में मशरूम की सब्जी खाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक दंपती की हालत गंभीर हो जाने के कारण इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा.
दिसंबर 2015 : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के चुडि़याला क्षेत्र के खेलपुर गांव में जहरीली सब्जी खाने से 2 सगी बहनों की मौत हो गई.
नवंबर 2014 : मध्य प्रदेश के बेताल जिले के भीमपुर ब्लौक के आकी रैय्यत गांव में जहरीला खाना खाने से एक परिवार के 2 बच्चों की मौत हो गई और 4 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए.
जनवरी 2013 : बिहार के भागलपुर जिले के सनोखर थाना क्षेत्र में जहरीली सब्जी खाने से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई.
बिहार, पंजाब और मध्य प्रदेश में रासायनिक व जहरीली सब्जियों से हुई ये मौतें महज बानगी हैं, असल में देश में हरी सब्जी के नाम पर जहर खा कर मरने वालों की संख्या न जाने कितनी होगी. हर दूसरे दिन अस्पताल में कोई न कोई ऐसा मामला जरूर आता है जिस में रोगी की हालत कैमिकल युक्त सब्जी खाने से बिगड़ती है. इनमें कुछ रोगी तो इलाज के बावजूद रासायनिक सब्जियों का जहर बरदाश्त नहीं कर पाते और मौत की नींद सो जाते हैं. पहले तो दूध, घी, आटा, सरसों तेल आदि में मिलावट की बात सामने आती थी पर अब कुदरती उपज यानी हरी सब्जियों में जो जहर की मिलावट की जा रही है, उसके खतरनाक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.