आधुनिक खयालों वाली जया की दुनिया सीमित थी तो अपनी नौकरी और परिवार तक. बड़े अरमानों से सजाई थी उस ने अपनी गृहस्थी. लेकिन कुछ महीनों से उसे पति रमन का व्यवहार रूखारूखा सा क्यों लगने लगा था.