ज्यादातर लोग बाजार जाने के झंझट से बचने के लिए औनलाइन शौपिंग करना पसंद करते हैं. मसलन, लोग अपने शौपिंग मूड के चलते कुछ ऐसी चीजों की भी खरीदारी कर लेते हैं जो जरूरी न हो. कई ई-टेलर्स कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए तरीके अपनाती हैं जिनमें लोग फंस जाते हैं. हम अपनी इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं कि अगली बार शौपिंग करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
विज्ञापन करते हैं ज्यादा डिस्काउंट का दावा
सेल के दौरान इलेक्ट्रौनिक और दूसरे सामानों पर मिल रही बड़ी छूट के साथ आने वाले विज्ञापनों को देख कर कई ग्राहक उनकी ओर आकर्षित होते हैं, ग्राहक अक्सर इन विज्ञापनों से प्रभावित हो जाते हैं और ज्यादा शौपिंग कर लेते हैं. लेकिन ध्यान देने वाली ये बात है की ये औफर्स सीमित बैंक्स के क्रेडिट या डेबिट कार्ड पर उपलब्ध होते हैं या सीमित प्रोडक्ट्स पर ही उपलब्ध होते हैं.
एक्सचेंज औफर
कई प्रोडक्ट्स पर कंपनियां डिस्काउंट औफर नहीं देती, लेकिन उन पर एक्सचेंज औफर की सुविधा देती है. कंपनियां यूजर्स को आकर्षित करने के लिए एक्सचेंज औफर पर ज्यादा छूट तो देती है लेकिन कई बार यह औफर यूजर्स के लिए नुकसानदायक हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक्सचेंज औफर के नाम पर कंपनियां कई बार अपने पुराने सामानों के बेच देती हैं.
रिटेलर्स उठाते हैं फायदा
आज भी कई लोग ऐसे हैं जो औनलाइन सामान पर ज्यादा विश्वास नहीं करते और वो औफलाइन खरीदारी ही करना पसंद करते हैं. ऐसे ग्राहकों को रिटेलर्स से स्मार्टफोन खरीदने में काफी नुकसान झेलना पड़ता है और इसका फायदा रिटेलर्स को होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि रिटेलर्स डिस्काउंट के साथ ई-कौमर्स वेबसाइट्स से स्मार्टफोन खरीदते हैं. इन स्मार्टफोन्स को रिटेलर्स मार्किट प्राइस पर ही औफलाइन ग्राहकों को बेच देते हैं. ऐसे में जिस डिस्काउंट का फायदा ग्राहक को होना चाहिए वो पूरा फायदा रिटेलर्स उठा लेते हैं.