फिल्‍म “पद्मावती” अपनी शूटिंग के पहले दिन से ही विवादों से घिरी हुई है. निर्देशक संजय लीला भंसाली ने तो अपनी इस फिल्म की रिलीज डेट तय कर दी है पर रिलीज की तारिख नजदीक आने के बाद भी “पद्मावती” की मुसीबतें अभी तक टली नहीं है. कई समुदाय के लोग इस फिल्म को लेकर लगातार अपना विरोध जता रहे हैं. खबरे तो यहां तक आ रही हैं कि राजस्थान के फिल्म डिस्‍ट्रीब्‍यूटों ने “पद्मावती” से जुड़े विवाद के सुलझने तक राज्‍य में फिल्म रिलीज करने से ही मना कर दिया है.

एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के एक फिल्म वितरक संजय चतर ने कहा कि फिल्म निर्माता और विरोध करने वालों को पहले विवाद खत्म करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. राजस्थान में 300 स्क्रीन हैं. फिल्म निर्देशक द्वारा रानी पद्मावती के संबंध में इतिहास के साथ की गई कथित छेड़छाड़ के विरोध में करणी सेना, बजरंगदल और अन्य संगठन फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं.

भाजपा विधायक और जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य दीया कुमारी ने भी फिल्म में ​इतिहास के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को लेकर अपना विरोध जताया है. सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्शाते हुए दीया ने ट्वीट किया कि रानी पद्मावती राजस्थान की बहादुरी और सम्मान का प्रतीक है और उनकी एवं महिलाओं के बलिदान को कमतर करने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा.

इससे पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती और गिरिराज सिंह भी इसका विरोध कर चुके हैं. इसके साथ ही तेलंगाना के विधायक टी. राजा सिंह के साथ ही उज्जैन से भाजपा सांसद चिंतामणि मालवीय भी "पद्मावती" के परदे पर उतरने से पहले इसके विरोध में उतर आये हैं. राजा सिंह का कहना है कि फिल्म में अगर राजपूत रानी की छवि को गलत तरीके से पेश किया गया है तो वह उसकी रिलीज को रोकने का पूरा प्रयास करेंगे.

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