तापसी की शादी संयुक्त परिवार में हुई थी. शुरूशुरू में तो सबकुछ ठीक रहा पर बाद में तापसी को घुटन महसूस होने लगी. हर बार कहीं जाने से पहले पुनीत का अपने मातापिता से पूछना, कोई भी कार्य उन से पूछे बिना न करना, इन सब बातों से तापसी के अंदर एक मौन आक्रामकता सी आ गई. पुनीत के यह कहने पर कि वह ये सब मम्मीपापा के सम्मान के लिए कर रहा है, तापसी के गले नहीं उतरता. वह एक मल्टीनैशनल कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी पर अपने सासससुर के कारण कभी किसी लेट नाइट पार्टी में शामिल नहीं होती थी.
कपड़े भी बस सूट या ज्यादा से ज्यादा जींसकुरती पहन लेती थी. अपने सहकर्मियों
को हर तरह की ड्रैस पहने और लेट नाइट पार्टी ऐंजौय करते देख कर उसे बहुत गुस्सा आता था. तापसी ने पुनीत से शादी की पहली वर्षगांठ में तोहफे के रूप में अपने लिए एक अलग घर मांग लिया.
उधर तापसी के पति के साथसाथ उस के सासससुर को भी सम झ नहीं आ रहा था कि आखिर तापसी ऐसा क्यों चाहती है. बहुत सम झाने के बाद भी जब कोई हल न निकला तो पुनीत ने अलग फ्लैट ले लिया. तापसी कुछ दिन बेहद खुश रही. उस ने फ्लैट को अपने तरीके से सजाया. ढेर सारी अपनी पसंद के कपड़ों की शौपिंग करी पर एक माह के भीतर ही घरदफ्तर संभालते हुए थक कर चूर हो गई. काम पहले भी नौकर ही करते थे पर सासससुर के घर पर रहने से सारे काम समय से और सही ढंग से होते थे. अब पूरा घर बेतरतीब रहता था.